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Rajasthan Assembly Session : सदन में उठा जिला स्तरीय मेरिट बनाने का सवाल, मंत्री कल्ला के जवाब पर स्पीकर ने कही ये बड़ी बात

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Published : Jul 18, 2023, 4:47 PM IST

Rajasthan Assembly Session
बीडी कल्ला और सीपी जोशी

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को चर्चा के दौरान मंत्री बीडी कल्ला और स्पीकर सीपी जोशी आमने-सामने आ गए. जिला स्तरीय मेरिट बनाने के सवाल पर जोशी ने कहा कि जब पुलिस में जिला स्तर पर भर्तियां हो सकती हैं तो बाकी जगहों पर क्यों नहीं. सरकार नियम को दोबारा रिव्यू करे.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को विधायक समाराम गरासिया ने सरकार से भर्ती प्रतियोगिता परीक्षाओं में जिला स्तरीय मेरिट बनाने और स्थानीय अभ्यर्थियों को वरीयता देने से संबंधी सवाल उठाया तो मंत्री बीडी कल्ला ने संविधान के 16(2) के अनुसार स्थानीय निवास के आधार पर सार्वजनिक नियोजन में वरीयता देने पर रोक की बात कही. इस मामले में स्पीकर सीपी जोशी ने भी सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही. सीपी जोशी ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी पुलिस में तो जिला स्तर पर वैसे ही पहले की तरह भर्तियां हो रही हैं तो फिर क्या सरकार विचार करेगी कि जो पुराना सिस्टम था, जिस पर डिस्ट्रिक्ट लेवल की मेरिट पर भर्ती होती थी, उसी तरह से लागू किया जाए.

जोशी ने कहा कि पहले जो भर्ती होती थी वह डिस्ट्रिक्ट लेवल पर होती थी. हमने जब से सिस्टम बदला है, उसके बाद महाराणा प्रताप के साथ लड़ाई लड़ने वाले आदिवासी तो इन नौकरियों से बाहर हो गए. इस पर मंत्री बीडी कल्ला ने फिर नियमों का हवाला दिया, तो स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि आप जो बात बोल रहे हैं, वह राजस्थान के बाहर की है. स्पीकर ने कहा कि सरकार इस नियम को दोबारा रिव्यू करे, क्योंकि बदलाव करने के बाद जो स्थिति बनी है उस पर सरकार देखे कि कैसे नॉन ट्राइबल एरिया में एक करोड़ आदिवासी हैं जो नाथद्वारा, कुंभलगढ़, मावली, सिरोही, बाड़मेर में जो बच्चे पढ़ कर आ रहे हैं, उनका फिगर दे रहा हूं.

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77,000 की भर्ती हुई उनमें से भील जो नॉन टीएसपी हैं उनकी संख्या 200 भी नहीं है. आपने टीएसपी का जो क्लोज डाल दिया तो टीएसपी वालों का तो कंपटीशन टीएसपी वालों से ही रहा है. वह आदिवासी जो महाराणा प्रताप के साथ लड़ाई लड़ा वह नॉन टीएसपी में आ गया, उसका कंपटीशन दूसरों से हो गया. उसके कारण यह भेदभाव बढ़ता जा रहा है, जिसे सरकार को बदलना चाहिए और जब सुप्रीम कोर्ट का नियम पुलिस में नहीं लागू है तो फिर बाकी अन्य विभागों से उसे क्यों नहीं हटा दिया जाता.

क्यों नहीं दूर कर रहे भेदभाव ? : स्पीकर सीपी जोशी के कहने के बावजूद जब बीडी कल्ला ने दूसरी बार फिर नियमों का हवाला दिया तो स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि कानून बनाने के लिए विधानसभा है. इस संबंध में सरकार को निश्चित तौर पर निर्णय करना चाहिए कि पहले डिस्ट्रिक्ट लेवल पर रिक्रूटमेंट होता था, केवल एक उदाहरण के कारण हमने पूरा सिस्टम बदल दिया. इसमें दूसरे स्टेट का भी पता लगा लें कि वहां क्या होता है. इस बारे में सरकार को कोई डिसीजन लेना चाहिए. माइग्रेट करने की स्थिति हो रही है राजस्थान में. अगर कोई नियम लागू करना है तो उसमें बोलियों का नियम डाल दें कि इस बोली को बोलने वाले लोगों को ही नौकरी दी जाएगी तो इस समस्या का हल हो सकता है.

संयम लोढ़ा बोले- 5 साल से अव्यवस्था दे रहे हैं, लेकिन निर्णय कुछ नहीं हुआ : स्पीकर सीपी जोशी जब सरकार को नियमों में बदलाव करने की बात कर रहे थे तो संयम लोढ़ा खड़े हुए और उन्होंने कहा कि आपको 5 साल हो गए, यह व्यवस्था देते हुए लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. संयम लोढ़ा ने जब यह कहा तो स्पीकर सीपी जोशी ने भी उन्हें कहा कि आपको अच्छे विधायक होने का जो निर्णय विधानसभा ने किया है क्या हमें उस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए.

जातिगत जनगणना से जुड़ा हरीश चौधरी का सवाल किया गया स्थगित : राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की ओर से जातिगत जनगणना को लेकर भी सवाल पूछा गया था कि क्या राज्य सरकार जातिगत जनगणना करने वाले का विचार रखती है या नहीं, लेकिन इस सवाल को स्थगित कर दिया गया.

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