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Rajasthan assembly Election 2023 : हनुमान ने थामा आजाद की 'केतली', चंद्रशेखर ने पकड़ी बेनीवाल की 'बोतल', कहा- ये हर पीड़ित और कमजोर का गठबंधन

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 29, 2023, 9:19 PM IST

RLP and Azad Samaj Party Alliance, राजस्थान में गठबंधन के ऐलान के बाद रविवार को पहली बार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद एक मंच पर दिखे. रालोपा के पांचवें स्थापना दिवस के मौके पर दोनों ने एक दूसरे की पार्टी का चुनाव चिन्ह थामा और गले मिले. इस दौरान दोनों ने कांग्रेस और भाजपा पर जमकर निशाना साधा.

Rajasthan assembly Election 2023
MP Hanuman Beniwal

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल

जयपुर. राजस्थान में चुनावी बिसात पर शह-मात का खेल जारी है. इस खेल में बाजी मारने के दावों के साथ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने पिछले दिनों गठबंधन करने का ऐलान किया था. अब गठबंधन के बाद पहली बार रविवार को दोनों नेता एक साथ एक मंच पर आए. हनुमान बेनीवाल ने एएसपी के चुनाव चिन्ह 'चाय की केतली' को हाथ में उठाया तो चंद्रशेखर आजाद ने रालोपा के चुनाव चिन्ह बोतल को थामा. इसके बाद दोनों एक-दूसरे के गले मिले और जमकर एक-दूजे की तारीफ की.

हर कमजोर और पीड़ित का गठजोड़ : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के स्थापना दिवस और पार्टी की सत्ता संकल्प महारैली के समापन के अवसर पर जयपुर के विद्याधर नगर में आयोजित सभा में दोनों नेताओं ने प्रदेश की जनता से उनके गठबंधन को चुनाव में जिताकर किसान के बेटे को सत्ता की कुर्सी पर बिठाने की अपील की. इस दौरान उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. चंद्रशेखर आजाद ने अपने संबोधन के शुरुआत में कहा कि जब तक किसान कौम के बेटे को राजस्थान की सत्ता की कुर्सी पर नहीं बिठा देते तब तक वे राजस्थान के लोगों को छोड़कर नहीं जाएंगे. यह महज जाटों और दलितों का गठबंधन नहीं है, बल्कि हर कमजोर और पीड़ित का गठजोड़ है.

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जातिगत झगड़े करवाए जा सकते हैं : उन्होंने कहा कि जब से दोनों पार्टियों के मोर्चे की घोषणा हुई है, राजस्थान की दोनों प्रमुख पार्टियां हिल गईं हैं. ऐसे में तय किया है कि राजस्थान के बाद इस गठबंधन को पूरे उत्तर भारत में लेकर जाएंगे. यह गठबंधन राजस्थान का भविष्य तय करेगा. इस गठबंधन से गांव के लोगों में खुशी है. उन्होंने आशंका जाहिर की कि इस गठबंधन के बाद लोगों को गुमराह करने के लिए जातिगत झगड़े करवाए जा सकते हैं. साथ ही कहा कि प्रदेश के 90 लाख नए मतदाता और पिछले चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के खिलाफ वोट करने वाले 80 लाख मतदाता यह तय करेंगे कि प्रदेश में सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा. उन्होंने दावा किया कि जनता की मांगों के आधार पर साझा चुनावी घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा और सत्ता में आने पर छह महीनों में इस घोषणा पत्र की सभी घोषणाएं पूरी की जाएंगी.

नजदीक से भाजपा-कांग्रेस की सोच देखी है : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने नजदीक से भाजपा और कांग्रेस की सोच देखी. उन्होंने हमेशा बारी-बारी से राज का मजा लिया है. वोट हमारा और राज उनका, लेकिन अब यह सब नहीं चलेगा. किसान और युवाओं को खुदकुशी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था. ऐसे माहौल में राजस्थान को बचाने का संकल्प लिया और खुद की पार्टी का गठन किया. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के कारण ही उन्होंने केंद्र में सत्तासीन एनडीए से अलग होकर प्रदेश में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया और 70 दिन तक सड़क पर किसानों के हक की लड़ाई लड़ी. ईआरसीपी का मुद्दा लोकसभा तक उठाया. सेना में अग्निवीर योजना का भी खुलकर विरोध किया. राजस्थान में ऐसा कोई इलाका नहीं, जहां वे जनता के हक की लड़ाई लड़ने नहीं गए. हनुमानगढ़-गंगानगर में सिंचाई के मामले को लेकर किसानों के साथ पंजाब गया.

लाल डायरी में भाजपा नेताओं के भी नाम : अपने संबोधन में हनुमान बेनीवाल ने कहा कि लाल डायरी में कांग्रेस के साथ ही भाजपा नेताओं के भी नाम शामिल हैं, जो मुख्यमंत्री के करीबी हैं. भाजपा ने पहले इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, लेकिन बाद में इस मुद्दे को छोड़ दिया. उन्होंने जोधपुर में लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को हराकर उनका घमंड तोड़ा. दूसरों के हक की भी लड़ाई लड़ी. यही कारण है कि आज प्रदेश के कोने-कोने से लोग आशीर्वाद देने आए हैं. साथ ही कहा कि उनका शुरू से ही स्टैंड रहा है कि प्रदेश की जनता को भाजपा और कांग्रेस के अलावा तीसरा विकल्प मिले. इस बार राजस्थान का युवा रोजगार की गारंटी, सशक्त किसान और नारी सम्मान के मुद्दे पर वोट करेगा.

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सेमीफाइनल जीते तो बदलेंगे उत्तर भारत के सियासी समीकरण : हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वे और चंद्रशेखर आजाद मिलकर राजस्थान चुनाव की वैतरणी पार लगाएंगे. इसे सेमीफाइलन बताते हुए कहा कि यह जीत गए तो उत्तर भारत की राजनीति में बदलाव आएगा. उत्तर भारत के सभी प्रदेशों में सियासी समीकरण बदलेंगे. उन्होंने कहा कि पांच साल में उनकी पार्टी से तीन विधायक, एक सांसद, तीन प्रधान और एक नगर पालिका चैयरमेन बना है. आरोप लगाया कि प्रदेश में कांग्रेस ने बसपा को खत्म करने का काम किया है. बसपा के दो बार 6-6 उम्मीदवार जीतकर आए, लेकिन कांग्रेस ने खरीद-फरोख्त कर राजनीतिक भ्रष्टाचार की शुरुआत की.

मोदी की ईडी-सीबीआई और गहलोत की एसीबी का डर नहीं : हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वे न जमीन माफिया, न बजरी माफिया, न तस्कर और न ही कोई और गलत काम करने वालों से गठजोड़ है. वे सिर्फ जनता की सेवा करते हैं, इसलिए न तो उनको मोदी की ईडी और सीबीआई का डर है और न ही वे गहलोत की एसीबी या क्राइम ब्रांच से डरते हैं. उनका सिर केवल जनता के दरबार और भगवान के चरणों में झुकता है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में रालोपा और एएसपी साझा चुनावी घोषणा पत्र जारी करेगी.

राहुल ने किसानों को धोखा दिया : अपने संबोधन में हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस और भाजपा पर भी जमकर निशाने साधे. उन्होंने किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठाकर राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में राहुल गांधी ने एक से दस तक गिनते ही किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया, लेकिन पांच साल में भी कर्ज माफ नहीं हुआ. 1930 से 2010 तक किसान और दलित एकजुट थे. गांवों में दोनों समाज एक-दूसरे की मदद करते थे. एक-दूसरे के सुख-दुख में काम आते थे. यह दोनों समाजों का अच्छा समय था, लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ने दोनों समाजों को बुरा वक्त दिखाया है.

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