जयपुर. विधानसभा चुनाव में भाजपा में बागियों की भरमार है. करीब 18 से ज्यादा बागी नामांकन वापसी के आखिरी दिन के बाद भी मैदान में डटे हुए हैं. अब इन बागियों को भाजपा ने एक आखिरी मोहलत दी है, अगर तब भी नहीं माने तो पार्टी उनके लिए हमेशा के लिए दरवाजा बंद कर लेगी. बीजेपी प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने साफ शब्दों में यह संदेश उन तमाम बागी नेताओं को दे दिया है, जो पार्टी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
एक दिन की मोहलत और : चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने कहा कि जो भी नेता पार्टी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें एक दिन की और मोहलत है. वो पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन दें, नहीं तो उसके बाद किसी भी नेता को भाजपा में वापस नहीं लिया जाएगा. जोशी ने कहा कि दो तीन महीनों में बागियों की घर वापसी कराने से अनुशासनहीनता बढ़ती है. ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस मामले पर चर्चा करने के बाद ये फैसला लिया गया है. जोशी ने सभी बागियों को एक दिन की मोहलत देते हुए कहा कि वो अनाउंसमेंट करके वापस पार्टी में लौटें, नहीं तो इसके बाद पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद होंगे. किसी को फिर कभी भी पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा.
18 से ज्यादा बागी : बता दें कि गुरुवार को नामांकन वापसी का आखरी दिन था. कई बागी उम्मादवारों ने नामांकन वापस किए, जिसके बाद भी भाजपा के 18 से ज्यादा नेता बगावती तेवर के साथ निर्दलीय चुनावी रण में डटे हुए हैं. बागियों में शाहपुरा से कैलाश मेघवाल, भीलवाड़ा से अशोक कोठारी, चित्तौड़ से चंद्रभान आक्या, डीडवाना से यूनुस खान, लाडपुरा से भवानी सिंह राजावत, सवाई माधोपुर से आशा मीणा, बाड़मेर से प्रियंका चौधरी, शिव से रविन्द्र सिंह भाटी, झोटवाड़ा से आशु सिंह शेखावत, झुंझुनू से राजेन्द्र भांबू, पिलानी से कैलाश मेघवाल, बयाना से ऋतु बनावत, खंडेला से पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया, सीकर से ताराचंद धायल, फतेहपुर से मधुसूदन भिंडा, कोटपूतली से मुकेश गोयल, डग से रामचंद्र सुनारीवाल मैदान में निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.