ETV Bharat / state

PIL in High Court: निजी चिकित्सकों की हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका, सुनवाई 31 को

author img

By

Published : Mar 28, 2023, 7:45 PM IST

राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ हड़ताल कर रहे निजी चिकित्सकों के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस पर 31 मार्च को कोर्ट में सुनवाई होगी.

PIL in HC against doctors strike against RTH, hearing on March 31
PIL in High Court: निजी चिकित्सकों की हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका, सुनवाई 31 को

जयपुर. प्रदेशभर में राइट टू हेल्थ बिल (RTH) के खिलाफ लंबे समय से चल रही निजी डॉक्टर्स की हड़ताल के खिलाफ और सरकारी अस्पतालों में जरूरी संसाधन मुहैया कराने के लिए मंगलवार को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. प्रमोद सिंह की ओर से दायर इस जनहित याचिका में मुख्य सचिव, चिकित्सा सचिव, चिकित्सा शिक्षा सचिव, नेशनल मेडिकल कमीशन के चेयरमैन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष, राजस्थान मेडिकल कौंसिल के रजिस्ट्रार और आंदोलन कर रहे एक दर्जन से अधिक डॉक्टर्स को पक्षकार बनाया है. हाईकोर्ट की खंडपीठ जनहित याचिका पर 31 मार्च को सुनवाई करेगी.

जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के निजी डॉक्टर्स, निजी हॉस्पिटल्स व रेजीडेंट डॉक्टर्स राज्य सरकार की ओर से पारित किए गए राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में पिछले कई दिनों से हड़ताल पर हैं. इससे इमरजेंसी सेवाएं ठप हो गई हैं और मरीजों को जरूरी इलाज नहीं मिल रहा. जिसके चलते आए दिन मरीजों की मौत हो रही है. जबकि डॉक्टर्स हड़ताल नहीं कर सकते और ना ही किसी मरीज के इलाज के लिए मना कर सकते हैं.

पढ़ेंः CM on RTH: सीएम की डॉक्टर्स से अपील, दरवाजे खुले हैं बातचीत कर गलफहमी दूर करें

वहीं रेजीडेंट डॉक्टर्स भी हड़ताल पर नहीं आ सकते, क्योंकि उन्हें भी सेवा के लिए सरकार से मानदेय मिलता है. राज्य सरकार जो कानून लेकर आई है, उसका उद्देश्य इमरजेंसी के दौरान आमजन को इलाज मुहैया कराना है, लेकिन डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते प्रदेशभर में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह हड़ताली डॉक्टर्स व हॉस्पिटल्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और आमजन के लिए इमरजेंसी सेवाओं को बहाल कराए.

पढ़ेंः Right to Health Bill का 11वें दिन भी विरोध जारी, पूनिया बोले- सरकार अहंकार का रास्ता छोड़े

इसके अलावा हड़ताली डॉक्टर्स के लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन को रद्द किया जाए और ऐसे अस्पतालों की एनओसी सहित अन्य मान्यता भी रद्द करें. वहीं जिन निजी हॉस्पिटल्स को जमीन अनुदान पर दी है, उसे भी वापस लिया जाए. याचिका में यह भी गुहार की गई है कि इन चिकित्सकों पर रेस्मा लगाया जाए और यदि डॉक्टर्स इस कानून के खिलाफ हैं तो उसे राज्य सरकार के साथ वार्ता के जरिए सुलझाया जाना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.