जयपुर. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के प्रदेश सचिव सादिक सराफ के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 172 दिन बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है. उनके खिलाफ इस चार्जशीट में टेरर फंडिंग, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के प्रयास और मुस्लिम युवाओं को हथियार का चलाने का प्रशिक्षण देने के आरोप लगाए गए हैं. साथ ही बताया है कि ये दोनों जकात के नाम पर धन इकठ्ठा कर उसका उपयोग हिंसात्मक प्रशिक्षण शिविरों के लिए करते थे. इन शिविरों में मुस्लिम युवाओं को हथियार और विस्फोटक का प्रशिक्षण दिया जाता था. NIA द्वारा जारी किए गए एक प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी गई है.
इसमें बताया गया है कि यह मामला सितंबर 2022 में दर्ज किया गया था. NIA का कहना है कि भारत में 2047 तक इस्लामिक राज्य स्थापित करने के इरादे से PFI की द्वारा कट्टरता फैलाई जा रही है और मुस्लिम युवाओं को हथियार और विस्फोटक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कोटा के मोहम्मद आसिफ और बारां के सादिक सराफ के खिलाफ आईपीसी की धारा 120B, 153A, UA(P) एक्ट 1967 की धारा 13, 17, 18, 18A और 18B के तहत सितंबर 2022 में मामला दर्ज किया गया था.
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मुस्लिम युवाओं को देते थे हिंसा की ट्रैनिंग : NIA की चार्जशीट में बताया गया है कि आसिफ और सादिक PFI के प्रशिक्षित सदस्य थे और वे देश में कट्टरता और हिंसात्मक गतिविधियों के लिए मुस्लिम युवाओं की भर्ती करते थे. ये दोनों युवाओं को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने, इसके लिए ट्रैनिंग कैंप का आयोजन करवाने, विस्फोटक और हथियार रखने और हिंसात्मक गतिविधियों के लिए धन जुटाने की गतिविधियों में भी लिप्त पाए गए हैं. इसके साथ ही ये दोनों देश में दो समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाने और युवाओं युवाओं को इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए हिंसा की तरफ धकेलने में भी लिप्त पाए गए हैं.
मुस्लिम युवाओं का करते थे ब्रेनवॉश : NIA के अनुसार, ये दोनों आरोपी मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश करते और उन्हें कट्टरता की तरफ धकेलते. वे युवाओं को बरगलाते कि भारत में इस्लाम खतरे में है और PFI सदस्यों और कौम के लिए जरूरी है कि हथियार चलाने के लिए खुद को तैयार करें, ताकि इस्लाम की रक्षा हो और भारत में 2047 तक इस्लामिक राज्य स्थापित किया जा सके. ये दोनों जकात के नाम पर धन इकठ्ठा करते थे. इस धन का इस्तेमाल हथियारों की खरीद और PFI सदस्यों के लिए हिंसात्मक गतिविधियों के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने के लिए किया जाता था.