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डीएलबी डायरेक्टर से मिलीं महापौर सौम्या गुर्जर, नोटिस की सुनवाई के लिए मांगा 30 दिन का समय

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Published : Nov 16, 2022, 9:31 PM IST

Updated : Nov 16, 2022, 10:18 PM IST

नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर बुधवार को डीएलबी के दफ्तर पहुंची और उनको दिए नोटिस की सुनवाई के लिए 30 दिन का समय (Saumya Gurjar demand 30 days for hearing on notice) मांगा. डीएलबी ने 18 नवंबर को सुनवाई के लिए तारीख दी थी.

Mayor Saumya Gurjar met DLB director
Mayor Saumya Gurjar met DLB director

जयपुर. डीएलबी की ओर से दिए गए नोटिस के संबंध में बुधवार को ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर डीएलबी पहुंचीं. उन्होंने डीएलबी डायरेक्टर हृदेश कुमार से मुलाकात कर 2009 के केस विमला व्यास बनाम सरकार का हवाला देते हुए उन्हें भी नोटिस (Saumya Gurjar demand 30 days for hearing on notice) की सुनवाई के लिए 30 दिन का समय मांगा है. इसके साथ ही सरकार पर कथनी और करनी में अंतर का आरोप लगाया है.

कोर्ट ने 10 नवम्बर को महापौर सौम्या गुर्जर के बर्खास्तगी के आदेश को रद्द किया था. कोर्ट ने सरकार को नए सिरे नोटिस देकर सौम्या गुर्जर का पक्ष सुनने के बाद ही कोई निर्णय लेने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद महापौर के लिए कराए जा रहे चुनाव को रोक दिया गया था. इसके बाद सौम्या गुर्जर ने फिर से महापौर की कुर्सी संभाल ली है.

डीएलबी डायरेक्टर से मिलीं महापौर सौम्या गुर्जर

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महापौर का पद संभालने के साथ ही स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सौम्या को नोटिस थमा दिया गया है. डीएलबी निदेशक ने नोटिस में सौम्या गुर्जर को 18 नवम्बर तक अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए थे. बुधवार शाम महापौर सौम्या गुर्जर (Mayor Saumya Gurjar met DLB director) स्वायत्त शासन भवन पहुंचीं और डीएलबी डायरेक्टर हृदेश कुमार से नोटिस का जवाब देने की समयावधि बढ़ाने की मांग की. सौम्या ने डीएलबी डायरेक्टर को दिए पत्र में सिविल रिट 99/ 2008 विमला व्यास बनाम राजस्थान सरकार के 2009 के आदेश का हवाला भी दिया.

सौम्या ने कहा कि अतिरिक्त अधिवक्ता अनिल मेहता ने राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में विमला व्यास केस फैसले के आधार पर न्यायिक जांच की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का हवाला दिया था. कोर्ट ने भी उनकी याचिका का निस्तारण करते हुए 10 नवम्बर को आदेश दिया है. महापौर ने कहा कि विमला व्यास के फैसले में नोटिस प्राप्ति से 30 दिन का समय दिए जाने का आदेश है. वहीं सरकार ने विमला व्यास के इस फैसले के आधार पर उन्हें अयोग्य घोषित करने के 27 सितम्बर के आदेश को विड्रॉ करने की बात कही थी.

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सरकार की कथनी-करनी में अंतर
महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए केवल सात दिन का समय दिया गया है. इसका मतलब सरकार कोर्ट में कुछ और कह रही है औऱ बाहर कुछ और. सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. पहले भी सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में एडिशनल एफिडेटिव देकर डे टू डे हियरिंग की बात कही थी. साथ ही कोई एडजोंटमेंट नहीं मांगने के लिए कहा था लेकिन फिर भी हर दिन सरकारी वकील ने एडजोंटमेंट डेट मांगी है. कोर्ट में पेश शपथ पत्र देख सकते हैं.

महापौर बोलीं- न्याय पालिका पर पूरा भरोसा
महापौर सौम्या गुर्जर ने दोहराया कि उन्हें न्यापालिका पर पूरा भरोसा है. वह डीएलबी निदेशक को अपनी बात कहकर आई हैं. आदेश की कॉपी भी देकर आई हैं. अब फैसला उन्हें लेना है कि वह क्या करते हैं. आगे की कार्रवाई पर सौम्या ने कहा कि सरकार चाहे माने या न मानें, लेकिन उन्हें न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है और आगे भी रहेगा.

डीएलबी डायरेक्टर की चुप्पी
सौम्या के आरोपों के बाद मीडियाकर्मियों ने डीएलबी डायरेक्टर हृदेश कुमार से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया. हालांकि उन्होंने इस मामले में बात करने से इनकार करते हुए चुप्पी साध ली.

Last Updated : Nov 16, 2022, 10:18 PM IST

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