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राजस्थान के चुनावी रण में फिर जिंदा हुआ कन्हैयालाल का मुद्दा, कांग्रेस-बीजेपी में वार-पलटवार का दौर जारी

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 13, 2023, 7:43 PM IST

Updated : Nov 13, 2023, 7:51 PM IST

राजस्थान विधानसभा के चुनावी रण में उदयपुर का कन्हैयालाल हत्याकांड का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ रहा है. भाजपा नेता जहां इस मुद्दे पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमलावर हैं. वहीं, सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस की तरफ से मोर्चा संभाला हुआ है और भाजपा की बयानबाजी पर पलटवार कर रहे हैं.

Rajasthan assembly Election 2023
Rajasthan assembly Election 2023

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए सियासत तेज हो गई है.राजनीतिक दल एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. आलम यह है कि बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे के नेताओं की बयानबाजी को लेकर आमने-सामने हैं. चुनावी मौसम है लिहाजा एक-दूसरे पर वार-पलटवार का दौर चल रहा है. राजस्थान के सियासी रण में उदयपुर के कन्हैया लाल टेलर की हत्या का मामला एक बार फिर जिंदा हो गया है और चुनावी मुद्दा बना हुआ है.

भाजपा कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए घेर रही है. भाजपा के सभी स्टार प्रचारक अपनी चुनावी सभाओं और रैलियों में कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड का जिक्र कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार और सीएम गहलोत पर निशाना साध रहे हैं. असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व शर्मा हो या यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हो या खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी अपने चुनावी रैलियों में कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र कर कांग्रेस सरकार पर तंज कसने से नहीं चूक रहे हैं. इधर, कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोर्चा संभाला हुआ है. जोधपुर में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर भाजपा नेताओं की ओर से की जा रही बयानबाजी पर पलटवार किया है. उन्होंने कन्हैयालाल टेलर की हत्या को लेकर बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि आरोपियों का भाजपा से संबंध था.

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NIA जानबूझकर लंबा खींच रही, चुनाव में बने मुद्दा: सीएम अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि कन्हैयालाल की हत्या के मामले की जांच कर रही एनआईए इस मामले को जानबूझकर लंबा खींच रही है, ताकि चुनाव में भाजपा के लिए यह मुद्दा बना रहे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कन्हैयालाल की हत्या के आरोपियों को इस घटना से पहले पुलिस ने किसी मामले में पकड़ा था. उस समय भाजपा नेताओं ने उन्हें थाने से छुड़वाया था. उस समय भाजपा वाले डिफेंस में आ गए थे. अब वे चुनाव हार रहे हैं तो तनाव पैदा करने की यह उनकी चाल है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इस मामले को लेकर भ्रम फैला रहे हैं, कह रहे हैं कि प्रदेश सरकार की आतंकियों के प्रति सहानुभूति है. अगर ऐसा है तो केंद्र के पास अधिकार है कि हमारी सरकार को बर्खास्त कर दें.

पीएम ने चित्तौड़ और उदयपुर में उठाया मुद्दा: पीएम नरेंद्र मोदी लगातार कन्हैयालाल की हत्या का मुद्दा उठाकर कांग्रेस सरकार पर हमला कर रहे हैं. चित्तौड़गढ़ में 2 अक्टूबर को अपनी चुनावी सभा में उन्होंने कहा था कन्हैयालाल की हत्या के मामले में कांग्रेस सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उन्हें वोट बैंक की चिंता थी. वहीं 9 नवंबर को उदयपुर में पीएम मोदी ने चुनावी सभा में भी कन्हैयालाल मर्डर का मामला प्रमुखता से उठाया था. उदयपुर में पीएम ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार की आतंकियों से सहानुभूति है, क्योंकि उन्हें किसी के जान-माल की बजाए अपने वोट बैंक की चिंता है.

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योगी बोले- यह यूपी में होता तो क्या होता: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 1 नवंबर को अलवर के तिजारा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भी कन्हैया लाल की हत्या का मामला उठाया था. उन्होंने जनता से सवाल किया, 'आप जानते हैं कि कन्हैयालाल की हत्या कैसे हुई. आप यह भी जानते हैं कि अगर यह घटना यूपी में हुई होती तो क्या होता. योगी आदित्यनाथ भाजपा प्रत्याशी महंत बालकनाथ की नामांकन सभा को संबोधित करने तिजारा आए थे.

बिस्वा बोले- दस मिनट में हिसाब बराबर कर देता: असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कोटा की एक सभा में कन्हैयालाल की हत्या को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था. भाजपा की परिवर्तन यात्रा में सितंबर में कोटा पहुंचे हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा था कि उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड जैसी घटना असम में हुई होती तो 'मैं दस मिनट में हिसाब बराबर कर देता'.

शाह बोले हत्यारों को पकड़ना नहीं चाहती थी सरकार: गृहमंत्री अमित शाह ने उदयपुर की एक जनसभा में कन्हैयालाल की हत्या के मामले का जिक्र करते हुए प्रदेश की गहलोत सरकार पर हमला किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदेश की गहलोत सरकार कन्हैयालाल के हत्यारों को पकड़ना नहीं चाहती थी. उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पकड़ा था. हालांकि, उनके इस बयान पर सीएम गहलोत ने पलटवार कर कहा था कि रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को घटना के चार घंटे के भीतर पकड़ लिया गया था. यह घटना 28 जून की है जबकि एनआईए को जांच 2 जुलाई को सौंपी गई थी.

सीएम गहलोत का पलटवार,प्रदेश सरकार को बर्खास्त करे केंद्र : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी के उदयपुर में दिए उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें पीएम ने कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था. पीएम मोदी के उस बयान पर हमला बोलते हुए सीएम ने कहा कि अगर हमारी सरकार आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखती है तो केंद्र को प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए. रविवार को जोधपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि उदयपुर में पीएम ने कन्हैयालाल प्रकरण को लेकर कहा था कि हमारी सरकार आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखती है. अगर हमारी सरकार की आंतकियों के प्रति अंश मात्र भी सहानुभूति है तो केंद्र सरकार के पास अधिकार है कि वो राज्य सरकार को बर्खास्त कर सकती है, लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया. अगर ऐसा है तो हमारा सरकार में रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि पीएम का इससे हलका बयान किसी सरकार को लेकर नहीं हो सकता है. वो लोगों को भड़का रहे हैं.

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गला रेतकर की थी हत्या, वीडियो भी बनाया: उदयपुर के कन्हैयालाल टेलर की 28 जून 2022 को कैंची से गला रेतकर नृशंस हत्या की गई थी. आरोपियों ने इस घटना का वीडियो भी बनाया था,जिसे वायरल किया गया था. पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों में से 9 को गिरफ्तार कर अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में रखा है. जबकि, दो आरोपी पाकिस्तान के कराची में हैं और गिरफ्त से दूर हैं. इस घटना के बाद से ही इस पर राजनीति होने लगी थी, जो चुनावी सीजन में अब और जोर पकड़ रही है. बता दें कि हत्या के आरोपियों को पकड़ने में पुलिस की मदद करने वाले प्रह्लाद सिंह और शक्ति सिंह को सीएम गहलोत ने सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था. कन्हैया लाल के परिजनों को भी करीब 50 लाख का मुआवजा दिया गया और परिवार के दो लोगों को संविदा पर नौकरी दी गई थी.

Last Updated : Nov 13, 2023, 7:51 PM IST
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