दो फीसद कमीशन लेकर टेंडर दिलाने की गारंटी लेता था वेदप्रकाश, परचेज कमेटी भी शक के घेरे में

author img

By

Published : May 23, 2023, 3:14 PM IST

jaipur vedprakash guarantee getting tender

रिश्वतखोरी के आरोप में एसीबी की गिरफ्त में आया DoIT विभाग का जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव विभाग की परचेज कमेटी का भी सदस्य था. वह दो फीसदी कमीशन लेकर टेंडर दिलवाने की गारंटी देता था. एसीबी की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है.

जयपुर. रिश्वत की राशि अपने ऑफिस के बेसमेंट में रखने के आरोप में गिरफ्तार DoIT विभाग के जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव से पूछताछ में विभाग में बड़े पैमाने पर कमीशन और रिश्वतखोरी के खेल की परतें उधड़ रही हैं. एसीबी की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि विभाग में कंप्यूटर, प्रिंटर, स्टेशनरी, सीसीटीवी और अन्य उपकरणों की करोड़ों रुपए की खरीद करने वाली परचेज कमेटी का वेदप्रकाश यादव सदस्य था. वह हर टेंडर में दो फीसदी कमीशन लेता और गारंटी के साथ ठेका दिलवाता था.

ये भी पढ़ेः CCTV फुटेज से खुला योजना भवन में नकदी और सोने का राज, हिरासत में जॉइंट डायरेक्टर

टेंडर हासिल करने वाली फर्म व ठेकेदार भी शक के दायरे मेंः ऐसे में अब पूरी परचेज कमेटी और DoIT विभाग में टेंडर हासिल करने वाली फर्म और ठेकेदार भी एसीबी के शक के घेरे में हैं. बताया जा रहा है कि परचेज कमेटी के अन्य सदस्यों से भी एसीबी की टीम पूछताछ कर सकती है. इसके साथ ही जिन कंपनियों, फार्मों और ठेकेदारों ने DoIT विभाग में टेंडर लिया है. उन पर भी एसीबी शिकंजा कस सकती है. एसीबी के सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव ने दिल्ली की एक कंपनी के अलावा चार अन्य ठेकेदारों से घूस लेने की बात कुबूल की है. उनसे पूछताछ के लिए उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा. इधर, वेदप्रकाश यादव की तीन दिन की रिमांड भी मंगलवार को खत्म हो रही है. ऐसे में उसे मंगलवार को एक बार फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा. DoIT विभाग में बड़े पैमाने पर कमीशन और घूसखोरी की संभावना के मद्देनजर कई कड़ियां जोड़ने के लिए एसीबी जॉइंट डायरेक्टर की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग भी कोर्ट से कर सकती है.

ये भी पढ़ेः राजस्थान में जी-पे का मतलब गहलोत पे, इस सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी-गजेंद्र शेखावत

दस्तावेजों में मिले सुबूतः DoIT विभाग में जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव के कार्यालय से एसीबी ने कई दस्तावेज जब्त किए हैं. इनमें भी कई सुबूत हाथ लगने की जानकारी सामने आ रही है. इसके अलावा उसके ऑफिस में लगा सरकारी कंप्यूटर, लैपटॉप और तीन मोबाइल भी एसीबी ने जब्त किए हैं. हालांकि, उनके पासवर्ड बताने से वेदप्रकाश ने इंकार किया है. इसके बाद इन उपकरणों को एफएसएल जांच के लिए भिजवाया गया है. इनकी जांच रिपोर्ट में भी घूसखोरी के कई सुबूत एसीबी के हाथ लगने की संभावना है.

20 साल से जमा है स्टोर इंचार्ज के पद परः एसीबी की पड़ताल में सामने आया है कि वेदप्रकाश यादव ने साल 1994 में बतौर सहायक प्रोग्रामर DoIT में ज्वाइन किया था. इसके बाद 2020 में प्रमोट होकर जॉइंट डायरेक्टर बना. वह करीब 20 साल से स्टोर इंचार्ज है और प्रमोशन के बाद भी यह पद नहीं छोड़ा. साथ ही विभाग में होने वाली खरीद की प्रक्रिया पूरी करने वाली परचेज कमेटी का भी वह सदस्य है.

2.31 करोड़ और एक किलो सोना मिलने पर खुला मामलाः योजना भवन में स्थित DoIT विभाग के बेसमेंट में दो अलमारियों में 19 मई की रात को 2.31 करोड़ रुपए और एक किलो सोना मिलने के बाद पुलिस ने पड़ताल कर विभाग के जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को हिरासत में लिया था. पूछताछ में पता चला कि सोना और नकदी उसी का है. पुलिस ने उसे एसीबी को सौंप दिया. इसके बाद एसीबी ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.