ओबीसी आरक्षण विवाद के बीच गहलोत सरकार का निर्णय, राज्य भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को श्रेणीवार आरक्षण देने पर विचार

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Published : Nov 23, 2022, 11:09 PM IST

ओबीसी आरक्षण विवाद

प्रदेश मे भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद (Category wise reservation for ex servicemen) के बीच गहलोत सरकार ने बड़ा निर्णय किया है. सरकार की ओर से राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को श्रेणीवार आरक्षण का लाभ देने पर विचार किया जा रहा है.

जयपुर. प्रदेश मे भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद (OBC Reservation Controversy) के बीच गहलोत सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है . अब राजस्थान सरकार की ओर से राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को श्रेणीवार आरक्षण का लाभ देने पर विचार किया जा रहा है.

राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक सहित देश के अधिकांश राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों (Category wise reservation for ex servicemen) को मिल रहे आरक्षण के नियमों का अध्ययन कराया गया. इनमें ऐसे बड़े राज्यों, जिनमें भूतपूर्व सैनिकों को भर्तियों में 5 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा रहा है, के बारे में विस्तृत जानकारी ली गई.

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साथ ही विभिन्न राज्यों के भर्ती आयोगों एवं चयन बोर्ड्स की भर्ती विज्ञप्तियों का भी अध्ययन किया गया. उदाहरण के तौर पर भारत सरकार की भर्तियों, दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग, पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग की विज्ञप्तियों में भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण श्रेणीवार निर्धारित कर विज्ञप्ति जारी की जाती है. इसी प्रकार से उत्तराखंड भर्ती आयोग और पंजाब पुलिस भर्ती की विज्ञप्तियों में भी होता है.

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सीएम ने सीएस से की चर्चाः इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्य सचिव उषा शर्मा की ओर से विभिन्न सैनिक संगठनों, भूतपूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल एवं सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक से भी विस्तृत चर्चा की गई . महाधिवक्ता के साथ बैठक में उन्होंने भी भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) कम्पार्टमेंट वाइज करने को विधिक रूप से उचित माना. अब ऐसा किए जाने पर अन्य आरक्षित श्रेणी के भूतपूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिल सकेगा. साथ ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों (भूतपूर्व सैनिकों के अलावा) के लिए भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा.

वर्तमान स्थितिः बता दें कि भूतपूर्व सैनिकों की वर्तमान भर्ती नियमों में भर्ती उपरांत, उनका समायोजन उनसे संबंधित श्रेणी में किया जाता है. इस व्यवस्था से भूतपूर्व सैनिकों के अपनी श्रेणी में समायोजन होने के कारण अनुसूचित जाति/जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों का चयन कम हो पा रहा है. साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के लिए निर्धारित आरक्षण उपरान्त चयनित अभ्यर्थियों के अपने वर्ग में समायोजित हो जाने के कारण कुछ भर्तियों में पिछड़ा वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो भूतपूर्व सैनिक नहीं हैं, का भी समुचित प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है.

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