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Rajasthan Budget 2023 : बजट की ये हैं 10 बड़ी बातें, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए रहेंगी खास

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Published : Feb 7, 2023, 5:49 PM IST

Updated : Feb 10, 2023, 6:46 AM IST

राजस्थान बजट 2023 से प्रदेश के 8 लाख कर्मचारी आशान्वित हैं, लोगों को भी काफी उम्मीदें हैं. लेकिन वो कौन सी 10 बड़ी बातें हैं जो इस बार के बजट में कर्मचारियों के लिए खास हो सकती हैं ? जानिए इस रिपोर्ट में...

Expectations from Gehlot Government Budget  2023
गहलोत के आखिरी बजट से आशान्वित प्रदेश के 8 लाख कर्मचारी

गजेंद्र सिंह राठौड़ ने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी को अपने तीसरे शासनकाल का आखिरी बजट पेश करने जा रहे हैं. बजट में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की भी झलक दिखेगी. ये भी माना जा रहा है कि बजट लोकलुभावन होने के साथ कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं होंगी. इस बजट से आम और खास हर वर्ग को खासा उम्मीद है. गहलोत के पिटारे से क्या निकलेगा, इसकी तस्वीर तो उसी दिन साफ होगी, लेकिन प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारी इस बजट से आशान्वित हैं. कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार अपने इस बजट में उनकी आशाओं को पूरा करेगी.

कर्मचारियों की नाराजगी के बीच गंवाई सत्ता : राजस्थान में कर्मचारियों और सरकार के बीच लंबित मांगों को लेकर टकराव हमेशा ही रहा है. सीएम गहलोत अपने पहले शासन में कर्मचारियों के लिए काफी सख्त रहे थे, जिसका खामियाजा अगले चुनाव में गहलोत सरकार को उठाना पड़ा था. जब 1998 में 156 के प्रचंड बहुमत से जीती कांग्रेस को 2003 में 53 सीटों पर सिमटना पड़ा था. इसके बाद 2008 में फिर कांग्रेस की सरकार बनी. इस बार भी अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने. पहले शासन से सबक लेते हुए गहलोत ने दूसरे शासनकाल में कर्मचारियों के लिए जमकर खजाना खोला, लेकिन 2013 में हुए चुनाव में पिछली बार से ज्यादा खराब हालातों में कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी.

पढ़ें : Rajasthan Budget 2023: 10 फरवरी को गहलोत पेश करेंगे 10वां बजट, लेकिन इस मामले में वसुंधरा से नहीं निकल पाए आगे

कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट कर रह गई. अब 2018 के तीसरी बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन को प्रदेश में फिर से लागू कर कर्मचारियों के बीच अपना मास्टर स्ट्रोक खेला. इतना ही नहीं, वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को पूरा करने के लिए सरकार ने पूर्व आईएएस खेमराज की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई, जिसने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. उम्मीद है कि खेमराज कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सीएम गहलोत चुनावी साल में कर्मचारियों के लिए और कई घोषणाएं कर सकते हैं.

ये दो मांगें हो सकती हैं पूरी : वैसे तो प्रदेश अलग-अलग कर्मचारी संगठनों के एक दर्जन से ज्यादा मांगें हैं जो वो सरकार से लगातार वार्ता और आंदोलन के जरिए करते रहे हैं. लेकिन सूत्रों की मानें तो प्रदेश की गहलोत सरकार चुनावी माहौल में कर्मचारियों को खुश करने के लिए दो बड़ी घोषणाएं जल्द करने जा रही है. इसमें पहली 9, 18 एवं 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर 8, 16, 24 और 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किया जा सकता है.

इस घोषणा का लाभ कमोबेश प्रदेश के सभी 8 लाख कर्मचारियों को मिलेगा. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत किए जा सकते हैं. इस घोषणा से भी प्रदेश के 55 हजार से ज्यादा मंत्रालयिक कर्मचारी को लाभ मिलेगा. पिछले दिनों प्रदेश भर के मंत्रालयिक कर्मचारियों ने राजधानी जयपुर में बजट पूर्व ध्यानाकर्षण रैली निकाल अपनी मांग रखी और सरकार का ध्यान खींचा था.

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दिया तो जिंदाबाद, नहीं तो मुर्दाबाद : अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि कर्मचारी उम्मीद में हैं कि सरकार इस बजट में उनकी मांगों की ओर गंभीरता से ध्यान देगी. सरकार देती है तो यही कर्मचारी जिंदाबाद के नारे लगाएंगे और अगर सरकार नहीं देती है तो मुर्दाबाद का नारा न केवल गूंजेगा, बल्कि इसका असर चुनाव में भी दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने कई मांगों को पूरा किया है. OPS बड़ी मांग थी जो कर्मचारियों की पूरी हुई है, लेकिन अभी कुछ मांगें हैं जिन्हें सरकार को पूरा करना है. जिसमें कुछ मांगों में तो वित्तीय भार भी नहीं है. पदनाम बदलने जैसी मांग है, जिसे सरकार कभी भी पूरा कर सकती है.

ये हैं 10 प्रमुख मांगें :

  1. कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर वर्ष 2013 की अनुसूची 5 के अनुसार सातवें वेतन आयोग में वेतन निर्धारण किया जाए और न्यूनतम वेतन 26000 किया जाए.
  2. 9, 18 एवं 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर 8, 16, 24 और 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किया जाए.
  3. पारदर्शी स्थानांतरण नीति जारी करने की मांग.
  4. निगम, बोर्डों सहित जहां पर भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू नहीं है वहां भी OPS लागू करने की मांग.
  5. पेंशनर्स को पेंशन वृद्धि का लाभ 80 वर्ष पर 20 प्रतिशत देने के स्थान पर क्रमशः 65, 70, 75 एवं 80 वर्ष पर 5-5 प्रतिशत पेंशन वृद्धि करने की मांग.
  6. प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत किए जाने की मांग.
  7. शिक्षा सेवा नियमों 2021 से पिछले 2 वर्षों से पदोन्नति रुकी हुई है, इनमें आवश्यक संशोधन किए जाने की मांग.
  8. कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन करने की मांग.
  9. 30 अक्टूबर 2017 के आदेश को विलोपित करते हुए 1 जुलाई 2013 के आदेश को लागू करने की मांग.
  10. कर्मचारियों को ग्रामीण भत्ता 10 प्रतिशत स्वीकृत करने की मांग.
Last Updated : Feb 10, 2023, 6:46 AM IST
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