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राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने की मांग, शहीद स्मारक पर कैंडल मार्च का आयोजन

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Published : Jan 9, 2023, 11:35 PM IST

demand of Recognition of Rajasthani language through candle march in Jaipur
राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने की मांग, शहीद स्मारक पर कैंडल मार्च का आयोजन

राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा दिलवाने के लिए जयपुर में सोमवार को कैंडल मार्च का आयोजन किया गया. राजस्थानी युवा समिति की ओर से आयोजित इस मार्च में युवाओं से अपील की गई ​कि वे इस मुद्दे को बारीकी से समझें और इस भाषा को राजभाषा बनाने के आंदोलन से (demand of Recognition of Rajasthani language) जुड़ें.

कैंडल मार्च निकाल की राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता की मांग...

जयपुर. राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा दिलवाने के लिए लंबे समय से प्रदेश में आंदोलन होता रहा है. इसी के तहत अब राजस्थानी युवा समिति की ओर से सोमवार को कैंडल मार्च का आयोजन किया गया. इस दौरान राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने की मांग रखी (demand of Recognition of Rajasthani language) गई.

इस मौके पर एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी शहीद स्मारक पहुंचे और उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिले. इसके लिए अब युवा शक्ति एकत्रित हो रही है. धीरे-धीरे यह एक जन आंदोलन का रूप ले रही है. राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिल सके, इसके लिए सभी नौजवान और साथी मजबूती से प्रयास कर रहे हैं कि इसे प्रदेश और देश के दृश्य पटल पर रखें. ऐसे में अब जरूरत है कि प्रदेश के सभी नौजवान साथी इस मुद्दे को बारीकी से समझें और इस भाषा को दर्जा दिलवाने का प्रयास करें.

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हालांकि इससे पहले भी कई बार राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए मांग उठती रही है. राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलवाने की मांग आजादी के वक्त से चली आ रही है, लेकिन अब तक राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है. आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संविधान में संशोधन जरूरी है. वहीं मनीषा सिंह का कहना है कि वह लंबे समय से राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए प्रयास कर रही हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा में काफी मिठास है और यहां की संस्कृति विश्व भर में प्रसिद्ध है. ऐसे में जहां अन्य राज्यों में स्थानीय भाषाओं को मान्यता प्राप्त है, तो राजस्थान में भी राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलनी चाहिए.

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वसुंधरा ने भी लिखा था पत्र: कुछ समय पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाने की मांग रखी थी. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पत्र में लिखा था कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिले बिना राज्य की राजभाषा बनाया जा सकता है और राज्य सरकार विधानसभा में बिल ऐसा कर सकती है. राजे ने कहा था कि राजस्थान की मातृभाषा दुनिया की सबसे समृद्ध भाषाओं में से एक है. इससे हमारी संस्कृति की पहचान है और हमारी भावनाएं जुड़ी हुई हैं.

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