बस्सी (जयपुर). राजस्थान के बस्सी से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. खेड़ा मलूकपुरा गांव की घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है, जहां खेत में श्वान के बार-बार घुसने से भड़के किसान के एयर गन से ताबड़तोड़ फायरिंग में श्वान की बॉडी में 22 छर्रे घुस गए. खेत में श्वान करीब 2 घंटे तक तड़पता रहा. उधर से गुजर रहा युवक श्वान को हिंगोनिया गौशाला ले गया. गंभीर स्थिति देखकर डॉक्टरों ने उसे पांच बत्ती स्थित एनिमल हॉस्पिटल रेफर कर दिया. इलाज के दौरान श्वान की मौत हो गई. मामले में एनिमल एक्टिविस्ट मरियम अबु हैदरी ने आरोपी सावंत सिंह राजावत के खिलाफ तूंगा थाने में पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया है.
खेत में तड़पता मिला श्वान : पुलिस ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 7 बजे की घटना है. बस्सी के निकट मालूकपूरा निवासी सावंत सिंह (55) के खेत में कालू नाम का श्वान मंगलवार सुबह घुसा था. खेत के पास ही सावंत का घर है. सावंत ने श्वान को देख लिया. उसने रायफल निकाली और गोलियां दाग दीं. करीब 22 छर्रे श्वान को लगे, जिसके बाद वह खेत में ही तड़पने लगा. पास की सड़क से गुजर रहे घनश्याम ने घायल श्वान को देखा. वह लहूलुहान स्थिति में था. उसकी बॉडी पर कई छेद हो गए थे. वह तड़प रहा था. उसे हिंगोनिया गौशाला ले गए और वहां से उसे पांच बत्ती स्थित एनिमल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
एक्टिविस्ट ने कराया मुकदमा दर्ज : मंगलवार शाम एक्टिविस्ट मरियम अबु हैदरी को इसकी जानकारी मिली. वह फौरन हॉस्पिटल पहुंचीं. उन्होंने पूरी जानकारी ली और तूंगा थाने पहुंचीं. उन्होंने सावंत सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि श्वान की बॉडी में 22 छेद हुए हैं. पुलिस ने अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है.
आए दिन हो रहे हमले : अबु हैदरी का कहना है कि कुछ समय से लोग डॉग को लेकर अपना नजरिया बदल रहे हैं. उन पर हमला करने, फायरिंग करने से बाज नहीं आ रहे. अगर इन लोगों के खिलाफ कानून सख्त एक्शन नहीं लेगा तो फिर समाज में ऐसा ही चलता रहेगा. पुलिस ऐसे व्यक्तियों को पकड़े और कड़ी से कड़ी सजा दे तो इस तरह की घटनाएं कम हो जाएंगी.
8 जून को 4 श्वान को गोली मारी : जयपुर के बेनाड़ गांव में 8 जून को ही चार श्वान की गोली मारकर हत्या का मामला सामने आया था. इनमें से तीन की मौत हो गई थी. गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने शूटर बुलाकर यह शर्मनाक काम कराया था. उसको गांव में घूमने वाले श्वान से परेशानी थी. उसको आशंका थी कि उसकी बकरियों को श्वान खा जाएंगे.