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Operation Vajra Prahar: राजस्थान में अपराध घटा, आर्म्स एक्ट, मादक पदार्थ और अवैध शराब के मामले बढ़े

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Published : Apr 11, 2023, 9:13 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 12:00 AM IST

राजस्थान पुलिस के ’ऑपरेशन वज्र प्रहार’ के तहत ताबड़तोड़ कार्रवाई से अपराध के मामलों में कमी आई है. लेकिन इस कार्रवाई के चलते आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस और अवैध शराब के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. आखिर क्या हैं इसके कारण, जानिए इस खास रिपोर्ट में...

crime rate decreased in Rajasthan
Operation Vajra Prahar: राजस्थान में अपराध घटा, आर्म्स एक्ट, मादक पदार्थ और अवैध शराब का आंकड़ा बढ़ गया

क्या हुआ राजस्थान पुलिस के ऑपरेशन वज्र प्रहार का असर, यहां जानें

जयपुर. राजस्थान पुलिस की अपराध को जड़ से खत्म करने की दिशा में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. इसके लिए खास तौर पर ’ऑपरेशन वज्र प्रहार’ चलाया जा रहा है. इसमें संगठित माफियाओं, हार्डकोर बदमाशों और हिस्ट्रीशीटर्स पर कार्रवाई कर उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है. कई बार तो एक ही जगह पर इतने बदमाशों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है कि थानों में जगह भी कम पड़ जाती है. इसका असर यह हुआ है कि प्रदेशभर में अपराध के मामलों में 9 फीसदी की कमी आई है. लेकिन इस दौरान आर्म्स एक्ट, अवैध शराब और एनडीपीएस एक्ट के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

आंकड़ों पर गौर करे तो ’ऑपरेशन वज्र प्रहार’ के कारण प्रदेश में आपराधिक मामलों में 9 फीसदी तक की गिरावट आई है. लेकिन इसी अवधि में आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट और अवैध शराब से जुड़े मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले साल की तुलना में इस साल मार्च में आर्म्स एक्ट से जुड़े मामलों में 55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है. जबकि एनडीपीएस एक्ट के मामलों में 90 फीसदी और अवैध शराब से जुड़े मामलों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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इस दौरान नशे, हथियार और शराब तस्करी से जुड़े बदमाशों को विशेष रूप से टारगेट कर कार्रवाई को अंजाम दिया गया. ऐसे में जब कार्रवाई ज्यादा हुई तो नशे के तस्करों, अवैध शराब और अवैध हथियारों के मामले ज्यादा दर्ज हुए हैं. इससे साफ है कि पिछले कई महीनों में आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट और अवैध शराब के खिलाफ जितनी कार्रवाई की गई है. उससे ज्यादा इस कार्रवाइयां इस अभियान के तहत ऐसे अपराधियों पर हुई हैं. बता दें कि इस अभियान के तहत पुलिस ने 20,542 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इनमें 1,411 हिस्ट्रीशीटर, हार्डकोर और इनामी बदमाश हैं. जबकि 5,833 स्थाई वारंटी हैं.

इन मामलों में ज्यादा कार्रवाई हुई, इसलिए बढ़ गया आंकड़ाः एडीजी क्राइम दिनेश एमएन का कहना है कि अवैध हथियारों से जुड़े करीब 649 मामले दर्ज कर 677 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. कार्रवाई में 1062 कारतूस और 690 अवैध हथियार बरामद किए गए हैं. इसी तरह एनडीपीएस एक्ट में 342 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं और 375 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. जबकि अवैध शराब के 1088 मामले इस दौरान दर्ज हुए हैं. इससे जुड़े 1085 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अवैध खनन से जुड़े मामलों में 649 प्राथमिकी पुलिस ने दर्ज की है. ऐसे में साफ है कि जब पुलिस ज्यादा कार्रवाई कर रही है तो आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट और अवैध शराब से जुड़े मामले भी ज्यादा दर्ज हो रहे हैं.

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फिरौती के लिए धमकाने के मामलों में भी आई कमीः बदमाशों द्वारा व्यापारियों को फिरौती के लिए कॉल कर धमकाने के मामलों में भी कमी आई है. एडीजी क्राइम दिनेश एमएन का कहना है कि इस साल जनवरी से मार्च तक फिरौती के लिए धमकाने के 31 मामले दर्ज कर 68 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. इससे फिरौती और रंगदारी मांगने की शिकायतों में भी कमी आई है. जनवरी में फिरौती के लिए कॉल कर धमकाने के 15 प्रकरण सामने आए थे. जबकि फरवरी में इस संबंध में 12 मामले दर्ज हुए. जबकि मार्च में फिरौती और अवैध वसूली के लिए धमकाने के 4 मामले ही सामने आए हैं.

अपराध और अपराधियों पर अंकुश के साथ, सपोर्ट सिस्टम पर भी एक्शनः दिनेश एमएन का कहना है कि ’ऑपरेशन वज्र प्रहार’ का मकसद अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के साथ ही ऐसा माहौल तैयार करना है. जिससे अपराधी पनप ही नहीं पाए. इसके लिए अपराधियों के सपोर्ट सिस्टम को भी खत्म किया जा रहा है. अपराधियों को किसी भी तरह से मदद करने वालों पर भी पुलिस नजर रख रही है और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई भी की जा रही है.

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हत्या, डकैती जैसे संगीन अपराधों में गिरावटः आकड़ों पर गौर करें तो इस साल मार्च में बीते साल मार्च की तुलना में आपराधिक मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. साल 2022 में मार्च महीने में कुल 20,916 मामले प्रदेशभर के थानों में दर्ज हुए हैं. जबकि इस साल मार्च में 19,052 मामले दर्ज हुए हैं. पिछले साल जहां हत्या के 183 प्रकरण सामने आए थे. वहीं, इस साल हत्या के 155 मामले दर्ज हुए हैं. जबकि पिछले साल मार्च में डकैती के 14 मामलों की तुलना में इस साल सात मामले दर्ज हुए हैं. जबकि दुष्कर्म के 406 मामले सामने आए थे. इस साल 401 मामले दर्ज हुए हैं. जबकि मार्च 2022 में पॉक्सो के 160 प्रकरण दर्ज हुए थे. इस साल मार्च में इस तरह के 128 मामले दर्ज हुए हैं.

Last Updated : Apr 12, 2023, 12:00 AM IST
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