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सचिन के अकेले के दम पर नहीं...गहलोत, पायलट और मेरी मेहनत से बनी कांग्रेस सरकार : रामेश्वर डूडी

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Published : May 1, 2023, 6:01 PM IST

Updated : May 1, 2023, 7:24 PM IST

कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी का कहना है कि अशोक गहलोत, सचिन पायलट और मेरी मेहनत से राज्य में कांग्रेस सरकार बनी. उनका यह बयान सचिन के उस कमेंट पर आया है, जिसमें वे कहते रहते हैं कि विपक्ष में प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उनकी मेहनत से सरकार बनी.

Rameshwar Dudi favours Ashok Gehlot
डूडी का पायलट को जवाबः गहलोत, सचिन और मेरी मेहनत से बनी कांग्रेस सरकार

रामेश्वर डूडी का बड़ा बायन...

जयपुर. कभी सचिन पायलट कैंप के माने जाने वाले रामेश्वर डूडी अब गहलोत के साथ हैं. डूडी और सचिन पायलट के बीच अब दूरियां हो चुकी हैं. लगता है कि डूडी इस बात से भी नाराज हैं कि पायलट बार-बार यह बात कहते हैं कि विपक्ष में प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उनकी मेहनत से सरकार बनी. जबकि नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनका भी जीत में हिस्सा रहा. यही कारण है कि अब पायलट के पार्टी के अध्यक्ष रहते, नेता प्रतिपक्ष के तौर पर विधानसभा में कांग्रेस की कमान संभालने वाले रामेश्वर डूडी ने कह दिया कि मैंने सचिन पायलट के साथ विपक्ष में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर काम किया. हम दोनों ने मेहनत की.

डूडी ने कहा कि हम गांव, ढाणी गए और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस समय कांग्रेस के संगठन महामंत्री थे. उनके पास बड़ी जिम्मेदारी थी. हम तीनो ने मिलकर कांग्रेस के हाथ मजबूत किए. भाजपा सरकार की जो कमियां थीं और जनता के साथ हुए कुठाराघात को लेकर हम गांव-ढाणी में गए और हम सब की संयुक्त मेहनत से ही राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी. इसके आगे बोलते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष और राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्री डेवलपमेंट के चेयरमैन रामेश्वर डूडी ने साफ कर दिया कि 2018 में जो वादे कर कांग्रेस पार्टी की सरकार में आई थी, चाहे बेरोजगारी भत्ता हो, किसानों को मजबूती देनी हो, महिला उत्थान की बात हो या शिक्षा चिकित्सा की बात हो, कांग्रेस ने सरकार बनने के बाद अपने वादे 4 साल में पूरे किए हैं.

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गहलोत कर रहे हैं कार्रवाई, और कार्रवाई है जारीः 11 अप्रैल को सचिन पायलट ने जब इन आरोपों के साथ जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन किया कि राजस्थान में जिस वसुंधरा राजे सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के वादे कर हम सत्ता में आए थे, वह वादे वर्तमान सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने के बावजूद पूरे नहीं हो सके हैं. लेकिन विपक्ष में रहते जब पायलट संगठन के मुखिया थे, तो उनके साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे रामेश्वर डूडी ने पायलट के आरोपों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

डूडी ने कहा कि सरकार बनने के बाद पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई हुई है और जिस तरह हमने विपक्ष में रहते हुए वसुंधरा सरकार के समय घोटाले और करप्शन के बवंडर के खिलाफ आवाज उठाई, वह आवाज हमने विधानसभा के अंदर भी सशक्त विपक्ष के रूप में निभाई और अब सरकार बनने के बाद पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जो करप्शन किए और लोगों को ठगने का काम किया उन मामलों को लेकर जांच खोली गई है.

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डूडी ने कहा गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के उन पर कार्रवाई भी कर रही है. रामेश्वर डूडी ने कहा कि हम यह नहीं कह सकते कि भ्रष्टाचार के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि कार्रवाई जारी है और करप्शन के कई राज खुले भी हैं. उन्होंने कहा कि चाहे भ्रष्टाचार के मामले हो या लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े मामले, उसमें गहलोत सरकार ने राहत देने का काम किया है और साढे़ 4 साल में जो कार्रवाई हमें करनी थी वह की.

पायलट को लेकर उन्होंने कहा कि पायलट को बैठकर गहलोत के साथ बात करनी चाहिए. उनके मन में जो शंका है, उसे दूर करने के लिए कांग्रेस आलाकमान प्रभारी और सीनियर लीडर्स को सचिन पायलट के साथ बैठकर उनकी शंका दूर करनी चाहिए, क्योंकि विचारों में फर्क होना चाहिए. विचारधारा में नहीं. ऐसे में एक जाजम पर बैठकर ही इन मसलों को शार्ट आउट किया जा सकता है.

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मैंने कहा था गहलोत को धृतराष्ट्र : 3 साल पहले वह आरसीए के चुनाव में जब पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे रामेश्वर डूडी ने आरसीए अध्यक्ष का फॉर्म भरा तो उनके सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने ताल ठोक दी थी. उस समय रामेश्वर डूडी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच जबरदस्त नाराजगी का माहौल बना और रामेश्वर डूडी ने गहलोत को धृतराष्ट्र भी कह दिया. अब दोनों नेताओं के बीच दूरियां समाप्त हो चुकी हैं. डूडी ने कहा कि मेरी नाराजगी नहीं थी केवल विचारधारा का फर्क था. पार्टी हम सबके लिए एक हैं, जहां कहीं भी आपस में टकराव की स्थिति आती है तो मैं सही को सही और गलत को गलत ही कहता हूं, लेकिन ऐसी बातों का बैठकर समाधान हो जाता है.

उन्होंने कहा कि मेरे मन में जो भी बातें थी, मैंने पार्टी के अंदर बैठकर कहीं और क्योंकि हम सबका लक्ष्य हाथ को मजबूत करना है. ऐसे में सोनिया और राहुल गांधी को मजबूत करने के लिए छोटी-मोटी बातों को सॉर्ट आउट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि धृतराष्ट्र की बात उन्होंने आरसीए चुनाव में कही थी और मैंने यह बात छुपा कर नहीं बल्कि पब्लिकली कही थी और उस समय भी कहा था कि स्वार्थ और त्याग की भावना अलग-अलग होती है. अब हम पार्टी को मजबूत करने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं. वहीं उन्होंने सचिन पायलट के नोखा में हुए किसान सम्मेलन में शामिल नहीं होने को लेकर कहा कि मैंने तो सभी को उसमें निमंत्रित किया था, लेकिन पायलट हो सकता है किसी व्यक्तिगत व्यस्तता के चलते नहीं आए हो.

Last Updated : May 1, 2023, 7:24 PM IST
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