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Code of Conduct Implemented in Rajasthan : आरपीएससी और बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति पर आयोग सख्त, कहा- आचार संहिता लागू होने के बाद नहीं हो सकती ज्वाइनिंग

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 9, 2023, 9:26 PM IST

Rajasthan Assembly Election 2023, राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है. आरपीएससी और बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति पर निर्वाचन विभाग ने सख्ती दिखाई है. साथ ही पुलिस, आम जनता, राजनेता और विभागीय अधिकारियों को आचार संहिता की पालना के लिए अहम दिशा-निर्देश जारी किए है.

Code of Conduct Implemented in Rajasthan
RPSC और बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति पर आयोग सख्त

RPSC और बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति पर आयोग सख्त

जयपुर. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से राज्य में विधानसभा चुनाव-2023 की घोषणा कर दी गई है. चुनाव कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश की सभी 200 सीटों के लिए आगामी 23 नवंबर को मतदान होगा. इसके बाद 3 दिसंबर को मतगणना होगी. राज्य में कुल 5 करोड़ 27 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. चुनावी घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है. निर्वाचन विभाग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने साफ़ कर दिया कि RPSC, बोर्ड के सदस्य या फिर कोई भी ट्रांसफर पोस्टिंग के कर्मचारी-अधिकारी हो, वो आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद ज्वाइनिंग नहीं कर पाएंगे. अति आवश्यक होने पर राज्य सरकार निर्वाचन आयोग से मंजूरी लेने के बाद ही चुनाव से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्थानान्तरित कर सकेगी.

उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राज्य भर में सोमवार से आचार संहिता प्रभावी हो गई है. प्रदेश में पहली बार पात्र मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा मिलेगी. साथ ही पहली बार 50 फीसदी से ज्यादा मतदान केन्द्रों पर लाइव वेबकास्टिंग होगी. इस बार 5 करोड़ 27 लाख से ज्यादा मतदाता वोट डालेंगे.

आचार संहिता लागू होने के बाद ज्वाइनिंग नहीं : दरअसल, आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले राज्य सरकार ने आरपीएससी व बोर्ड सदस्य और कर्मचारियों की ताबड़तोड़ नियुक्तियों के आदेश निकाले थे, जिसको लेकर बीजेपी ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने साफ़ कर दिया कि आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी नियुक्ति या ज्वाइनिंग नहीं हो सकती है. अति आवश्यक होने पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी निर्वाचन विभाग को सिफारिश करेगी. उसके बाद विभाग इस पर विचार करेगा. बिना निर्वाचन विभाग की अनुमति के अब कोई नियुक्ति या ज्वाइनिंग नहीं होगी. प्रवीण गुप्ता ने कहा कि इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं. इसकी बारीकी से मॉनिटरिंग की जा रही है. आयोग की इस सख्ती के बाद जिन RPSC सदस्यों को राज्य सरकार ने मनोनीत किया है, उनकी नियुक्ति पर भी संकट खड़े हो सकते हैं.

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200 सीटों पर तैयारी पूरी : मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों में 34 अनुसूचित जाति और 25 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. वहीं 141 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं. विधानसभा चुनाव में सभी 200 सीटों पर केन्द्रीय पर्यवेक्षक चुनावी प्रक्रिया और उम्मीदवारों के खर्चे पर नजर रखेंगे. प्रदेश में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए कानून व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे. गुप्ता ने बताया कि सरकारी वाहनों, हेलीकॉप्टर एवं विमान की चुनावी कार्यों में उपयोग पर भी रोक रहेगी. चुनाव के दौरान किसी भी प्रकाशन सामग्री यथा पोस्टर, पंपलेट आदि पर प्रकाशक और मुद्रक का नाम आवश्यक रूप से प्रकाशित करना होगा. ऐसा नहीं करने वाले प्रिंटिंग प्रेस स्वामियों पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 (क) के तहत कार्यवाही की जाएगी. आयोग के निर्देशानुसार कुल मतदान केन्द्रों के 50 फीसदी से ज्यादा यानी 26 हजार मतदान केन्द्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी. बड़ी बात ये है कि संवेदनशील क्षेत्रों में स्थित सभी मतदान केंद्रों पर ये वेबकास्टिंग होगी.

5.27 करोड़ से अधिक मतदाता डालेंगे वोट : प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के अनुसार राज्य में कुल 5 करोड़ 27 लाख से अधिक मतदाता हैं. इनमें 2 करोड़ 75 लाख से अधिक पुरुष और 2 करोड़ 51 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. साथ ही 1 लाख 41 हजार 898 सर्विस मतदाता भी हैं. प्रदेश में कुल 51 हजार 756 मतदान केंद्र हैं, जिनमें 10 हजार 415 शहरी तथा 41 हजार 341 ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं. 18 से 19 वर्ष आयु के लगभग 22 लाख युवा मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मतदाताओं को उनके मतदान केन्द्र का नाम, मतदाता सूची में उनके सीरीयल नम्बर, मतदान दिवस एवं समय आदि की सूचना व क्यूआर कोड युक्त वोटर सूचना पर्ची मतदान दिवस से कम से कम 5 दिवस पूर्व वितरीत की जाएगी. मतदान केंद्र पर पहचान के लिए मतदाता अपने एपिक के साथ-साथ आयोग की ओर से अनुमोदित आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या डाकघर की जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की स्कीम के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के तहत जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, पीएसयू कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों / विधायकों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र एवं विशिष्ट दिव्यांग आईडी कार्ड का उपयोग कर सकेंगे.

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प्रदेश में पहली बार मिलेगी पात्र मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा : प्रवीण गुप्ता ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग श्रेणी के विशेष योग्यजन मतदाताओं के लिए प्रदेश में पहली बार विधानसभा आम चुनावों में होम वोटिंग की पहल की गई है. इन चुनावों में पात्र 18.05 लाख से अधिक मतदाताओं को विकल्प के तौर पर ये सुविधा मिल सकेगी. इसके तहत बूथ लेवल अधिकारी की ओर से घर-घर जाकर होम वोटिंग की सुविधा के लिए योग्य मतदाताओं को इसके संबंध में जानकारी उपलब्ध करवायी जा रही है. गुप्ता ने बताया कि लैंगिक समानता और निर्वाचन प्रक्रिया में महिलाओं की रचनात्मक भागीदारी को बढ़ाने के लिए प्रदेश में महिलाओं की ओर से संचालित कुल 1600 मतदान केन्द्र, दिव्यांगजन द्वारा कुल 200, युवाओं द्वारा संचालित कुल 1600 और 1600 आदर्श मतदान केन्द्र स्थापित किए जाएंगे.

मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से की वार्ता : गुप्ता ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के बैठक आयोजित कर उन्हें चुनाव कार्यक्रम तथा आदर्श आचार संहिता की जानकारी दे दी गई है. निर्वाचन विभाग ने सभी दलों से स्वतंत्र-निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान और आदर्श आचार संहिता का पालन करवाने के लिए पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया है. प्रत्येक प्रत्याशी और राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया हैंडल, राष्ट्रीय और स्थानीय समाचार पत्रों में प्रत्याशी की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में कम से कम तीन बार प्रकाशन करवाना होगा. सभी पोलिंग बूथ पर बीएलओ की नियुक्ति तुरंत प्रभाव से करने के निर्देश दिए हैं.

सरकारी खर्चों पर उपलब्धियों का विज्ञापन रहेगा निषेध : मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही सरकारी खर्चे पर सरकारी उपलब्धियों संबंधी विज्ञापन, होर्डिंग आदि के प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक रहेगी. आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार सरकारी/सार्वजनिक कोष से सरकार की उपलब्धियां दर्शाने संबंधी विज्ञापन, होर्डिंग, पोस्टर आदि नहीं लगाए जा सकते हैं. यदि लगाए गए हों तो उन्हें तुरंत प्रभाव से हटा लिया जाए एवं अविलंब इसकी पालना रिपोर्ट विभाग को प्रेषित की जाए. उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या अन्य मीडिया के माध्यम से राजकीय कोष से सत्ताधारी दल को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से किसी भी उपलब्धि बाबत विज्ञापन एवं राजनीतिक प्रवृत्ति के समाचार प्रसारित नहीं किए जाएं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राज्य, केन्द्र सरकार एवं इनके सार्वजनिक उपक्रमों की वेबसाइट से मंत्रियों, राजनैतिक व्यक्तियों अथवा दलों के संदर्भ, फोटो आदि यदि है तो उन्हें तुरन्त हटा लिया जाए. उन्होंने कहा कि सरकारी/सार्वजनिक भवनों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रीगण एवं अन्य राजनैतिक व्यक्तियों (राष्ट्रपति, राज्यपाल, अतीत के विख्यात ऐतिहासिक पुरुषों, कवियों एवं राष्ट्रीय नेताओं को छोड़कर) के फोटोग्राफ नहीं लगाए जा सकते और यदि लगे हुए है तो उनको तुरन्त हटा लिया जाए.

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आचार संहिता की पालना के लिए 1956 दलों का गठन : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही मतदाताओं को नगद राशि, गिफ्ट आइटम्स जैसे साड़ी, धोती, कंबल आदि, शराब व नारकोटिक्स पदार्थ वितरित नहीं किए जा सके, इसके लिए पूरे राज्य में 1956 उड़न दस्ता, आयकर विभाग, आबकारी विभाग, नारकोटिक्स विभाग, वाणिज्य कर विभाग के दल का गठन किया गया है. उड़न दस्ता दल प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सतत काम करेंगे. नगद राशि वितरण, धोती, कंबल, साड़ी आदि वितरण, शराब एवं नारकोटिक्स पदार्थों के वितरण की सूचना मिलने पर संबंधित विभाग के दल के साथ उड़न दस्ता मौके पर जाकर तलाशी लेंगे और नगद राशि तथा सामान की जब्ती करेंगे.

विभाग ने आमजन से की ये अपील : प्रवीण गुप्ता ने आम जन से अपील की है कि यात्रा करते समय अपने साथ अनावश्यक रूप से बड़ी मात्रा में नकद राशि लेकर नहीं चलें. बड़ी मात्रा में नगद राशि मिलने पर अनावश्यक रूप से असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. उड़न दस्ता ऐसी राशि को जब्त सकता है और कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज हो सकता है. उन्होंने कहा कि आमजन किसी भी राजनीतिक दल अभ्यर्थियों से किसी भी प्रकार की सामग्री, नगद राशि, शराब एवं अन्य पदार्थ स्वीकार नहीं करें. सामग्री और नगद राशि स्वीकार करना भारतीय दंड संहिता की धारा 171 बी के तहत दंडनीय अपराध है, जिसमें 1 वर्ष का कारावास अथवा जुर्माना अथवा दोनों में दंड दिया जा सकता है. उन्होंने आम जनता से यह भी अपील की है कि नगद राशि, गिफ्ट आइटम, शराब या अन्य वस्तुओं का यदि कहीं वितरण किया जा रहा है तो उसका वीडियो-ऑडियो भारत निर्वाचन आयोग के एप सी-विजिल पर अपलोड करें, जिससे उक्त गतिविधियों पर कार्यवाही की जा सके. इसके अतिरिक्त टोल फ्री नंबर 1950 पर भी सूचना दी जा सकती है.

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