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चंद्रयान-2 से देश की अर्थव्यवस्था और निजी क्षेत्र में बढ़ेगा अवसर

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Published : Sep 4, 2019, 7:05 PM IST

इसरो ने बुधवार को चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सबसे निचली कक्षा में उतारने का दूसरा चरण भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. अब दुनिया को 7 सितंबर को तड़के 1.55 बजे के उस पल का इंतजार है जब निर्धारित कार्यक्रम के तहत लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.
चंद्रयान-2 पर लोगों की प्रतिक्रिया, Peoples reaction to Chandrayaan-2

जयपुर. इसरो ने बुधवार को चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सबसे निचली कक्षा में उतारने का दूसरा चरण भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. अब दुनिया को 7 सितंबर को तड़के 1.55 बजे के उस पल का इंतजार है जब निर्धारित कार्यक्रम के तहत लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. लैंडर विक्रम दो गड्ढों, मंजिनस सी और सिम्पेलियस के बीच वाले मैदानी हिस्से में लगभग 70 डिग्री दक्षिणी अक्षांश पर लैंड करेगा. चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान उसी दिन सुबह 5 बजकर 30 मिनिट से 6 बजकर 30 मिनिट के बीच निकलेगा.

चंद्रयान-2 पर लोगों की प्रतिक्रिया

चंद्रयान 2 के इस सफलतापूर्वक प्रशिक्षण को लेकर युवाओं ने अपनी राय रखी. युवाओं ने कहा कि चंद्रयान 2 से भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा. भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में निजी क्षेत्रों की भूमिका बढ़ती जा रही है. इन मशीनों के चलते भविष्य में निजी क्षेत्रों के लिए बेशुमार अवसर सृजित होंगे.

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चंद्रयान-2 से भविष्य में कई अंतरिक्ष मिशन की राह खुलेगी और उनमें भी निजी क्षेत्रों की अहम भूमिका होगी. भविष्य में यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में कारगर साबित होगा. इसी के साथ युवाओं ने यह भी कहा कि चंद्रयान 2 के मिशन से देश के युवाओं को विज्ञान एवं तकनीकी के अनुप्रयोगों के लिए प्रेरित करेगा. इसे समाज और हर व्यक्ति के जीवन से जुड़ी व्यवहारिक समस्याओं का समाधान तकनीकी के जरिए होगा. विज्ञान और प्रौद्योगिक के अनुप्रयोग बढ़ेंगे और भारत तकनीकी के जरिए इन समस्याओं का समाधान प्रदान करने में विश्व में नंबर वन होगा.

Intro:जयपुर- इसरो ने बुधवार को चंद्रयान-2 के लेंडर विक्रम को चंद्रमा की सबसे निचली कक्षा में उतारने का दूसरा चरण भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अब दुनिया को 7 सितंबर को तड़के 1.55 बजे के उस पल का इंतजार है जब निर्धारित कार्यक्रम के तहत लेंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। लेंडर विक्रम दो गड्ढों, मंजिनस सी और सिम्पेलियस के बीच वाले मैदानी हिस्से में लगभग 70 डिग्री दक्षिणी अक्षांश पर लैंड करेगा। चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद लेंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान उसी दिन सुबह 5 बजकर 30 मिनिट से 6 बजकर 30 मिनिट के बीच निकलेगा।


Body:चंद्रयान 2 के इस सफलतापूर्वक प्रशिक्षण को लेकर युवाओं ने अपनी राय रखी। युवाओं ने कहा कि चंद्रयान 2 से भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में निजी क्षेत्रों की भूमिका बढ़ती जा रही है। इन मशीनों के चलते भविष्य में निजी क्षेत्रों के लिए बेशुमार अवसर सृजित होंगे। चंद्रयान-2 से भविष्य में कई अंतरिक्ष मिशन की राह खुलेगी और उनमें भी निजी क्षेत्रों की अहम भूमिका होगी। भविष्य में यह देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती प्रदान करने में कारगर साबित होगा। इसी के साथ युवाओं ने यह भी कहा कि चंद्रयान 2 के मिशन से देश के युवाओं को विज्ञान एवं तकनीकी के अनुप्रयोगों के लिए प्रेरित करेगा। इसे समाज और हर व्यक्ति के जीवन से जुड़ी व्यवहारिक समस्याओं का समाधान तकनीकी के जरिए होगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिक के अनुप्रयोग बढ़ेंगे और भारत तकनीकी के जरिए इन समस्याओं का समाधान प्रदान करने में विश्व नंबर वन होगा।

बाईट- युवाओं की बाईट


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