ETV Bharat / state

Rajasthan Politics : विधायक प्रताप सिंह सिंघवी का आरोप- मिड डे मील का टेंडर 1000 करोड़ का, चालाकी से किया 7500 करोड़ रुपए

author img

By

Published : Jun 14, 2023, 8:57 PM IST

मिड डे मील योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप लगाते हुए छबड़ा से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने की मांग की है. विधायक सिंघवी ने कॉनफैड और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Pratap Singh Singhvi Alleged Confed
भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी

विधायक प्रताप सिंह सिंघवी का आरोप

जयपुर. चुनावी साल में भाजपा हर स्तर पर सरकार को घेरने में जुटी हुई है. अब छबड़ा से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने मिड डे मील योजना की 7500 करोड़ रुपए की टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसमें बड़े पैमाने पर धांधली और भ्रष्टाचार के आरोप लगाया है. साथ ही कॉनफैड और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने की मांग की है.

प्रताप सिंह सिंघवी ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि 15 मार्च 2022 को महिला बाल विकास विभाग और कॉनफैड ने एक साल के लिए 1 हजार करोड़ रुपए का टेंडर किया, लेकिन वास्तविकता में यह टेंडर 7500 करोड़ रुपए का है. इसमें संबंधित फर्म को फायदा देने के लिए चालाकी बरती गई है. टेंडर के अनुबंध में यह शर्त डाली गई है कि यह टेंडर पांच साल के लिए किया गया है.

पढे़ं. Rajasthan Politics : भाजपा की राष्ट्रीय सचिव ने गहलोत सरकार को घेरा, कहा- महिलाओं को मोबाइल नहीं सुरक्षा चाहिए

जनता को धोखे में रखा : साथ ही आरोप है कि अनुबंध में ढाई साल की एक ऐसी कंडीशन डाल दी कि 50 फीसदी वृद्धि आपसी सहमति से की जा सकती है. ऐसे में यह ठेका पंचा साल बाद ढाई साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है, इसलिए यह ठेका एक हजार करोड़ का नहीं होकर 7500 करोड़ का है. राजस्थान की जनता को धोखे में रखा गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह बहुत बड़ा धोखा महिला बाल विकास विभाग और कॉनफैड के मार्फत किया गया है.

बिड सिक्योरिटी में भी घपले का आरोप : प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि जब कोई टेंडर लगाता है तो बिड सिक्योरिटी जमा होती है. यह कुल राशि की पांच फीसदी होती है. इस लिहाज से बिड सिक्योरिटी के तौर पर साढ़े सात साल के 375 करोड़ रुपए जमा होने चाहिए. उन्होंने दावा किया कि महज पांच करोड़ रुपए ही बिड सिक्योरिटी जमा करवाई गई है. ऐसे में संवेदक को 370 करोड़ रुपए का संवेदक को सीधा-सीधा फायदा पहुंचाया गया है.

पढ़ें. अपनी सरकार से खफा हुए मंत्री खाचरियावास, कहा-फूड पैकेट नहीं बंटे तो विज्ञापन क्यों, सीएम लें एक्शन

एक महीने की जगह दिया केवल 9 दिन का समय : प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि अमूमन किसी भी टेंडर में कम से कम एक महीने का समय दिया जाता है. यदि टेंडर की तिथि कम हो तो उस पर शॉर्ट नोटिस या अल्पकालीन निविदा लिखा जाता है. उन्होंने दावा किया कि महज 9 दिन में इस टेंडर को खोल दिया. यह भी शक पैदा करता है कि इसमें घपला हुआ है. यह टेंडर महिला बाल विकास विभाग ने कॉनफैड के माध्यम से करवाया, जबकि टेंडर खुद महिला बाल विकास विभाग भी करवा सकता था. उनका आरोप है कि इसमें घपला करने के लिए यह टेंडर कॉनफैड के माध्यम से करवाया गया. इससे विभाग को वित्तीय नुकसान भी हुआ है. प्रताप सिंह सिंघवी का आरोप है कि टेंडर की शर्तों में अनुभव और टर्न ओवर की शर्तों को लेकर भी संदेह पैदा होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.