ETV Bharat / state

भ्रष्टाचारियों की पहचान पर रोक लगाने पर भड़की भाजपा, लॉ एक्सपर्ट ने बताया असंवैधानिक

author img

By

Published : Jan 5, 2023, 1:44 PM IST

Updated : Jan 5, 2023, 2:38 PM IST

राजस्थान में भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े गए आरोपियों और संदिग्धों के नाम, फोटो और वीडियो अब सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau order) के इस आदेश से प्रदेश की गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई. बीजेपी नेताओं ने इस आदेश को कांग्रेस का हाथ भ्रष्टाचार के साथ बताया. वहीं, कानून के जानकारों ने इस आदेश को असंवैधानिक करार दिया.

Anti Corruption Bureau order
भ्रष्टाचारियों की पहचान पर रोक लगाने पर भड़की बीजेपी

भ्रष्टाचारियों की पहचान पर रोक लगाने पर भड़की भाजपा

जयपुर: प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े गए आरोपियों और संदिग्धों के नाम, फोटो और वीडियो अब सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे. बुधवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau order) की ओर से जारी इस आदेश के बाद सर्द मौसम में प्रदेश का सियासी पारा गर्म हो गया है. इतना ही नहीं कानून के जानकारों ने भी इसका विरोध किया है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा, 'एसीबी के डीजी की तरफ से जारी आदेश से ये साफ हो गया कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचारियों के साथ है. उन्हें संरक्षण देने का काम कर रही है.

आदेश भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने वाला: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि भ्रष्टाचार में जब कोई पकड़ा जाता है तो सभी एविडेंस मौके के होते हैं. कार्रवाई करने से पहले उसकी स्क्रिप्ट को तैयार किया जाता है. लंबे समय तक उसको फॉलो किया जाता है और जब वो पैसे की लेनदेन करता है, तब उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया जाता है. ऐसे केस में भी अगर नाम और फोटो नहीं आएगा तो समाज में क्या संदेश जाएगा.

कटारिया का सरकार पर कटाक्ष: कटारिया ने कहा, 'आरोपी ट्रैप होने के बाद कानून प्रक्रिया में लंबा समय लगता है. आरोपी को कोर्ट कब सजा देती है, कब जेल जाता है, कोई देखने नहीं जाता. ऐसा क्राइम होने के बाद और अखबार और टीवी के जरिए जनता को पता लगता है तो भ्रष्टाचारियों मोराल डाउन होता है. समाज में भ्रष्टाचारियों को सजा मिल जाती है, लोगों की निगाह में गिर जाता है. किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में जाता है तो उसको उसी भावना से देखा जाता है. वो उसकी असली सजा होती है.'

पढ़ें: एसीबी के 48 अधिकारी व कर्मचारी एसीबी डीजी डिस्क व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित

गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कटारिया ने कहा कि वैसे भी एसीबी की कर्रवाई में पहले से ही कई बार केस को कमजोर किया जाता है, उनको चार्जशीट पेश करने की अनुमति नहीं दी जाती है. पूरे कागज कोर्ट में पेश नहीं किए जाते हैं. इसलिए कई बार आरोपी बच जाता है. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ठोस करवाई और नतीजा होना चाहिए, जो केस बन रहे हैं उनका चालान पेश होना चाहिए.

विधि विशेषज्ञों ने बताया असंवैधानिक: हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट पूनम चंद भंडारी ने कहा, 'राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से जारी आदेश असंवैधानिक है.' उन्होंने कहा कि कानून में कहीं नहीं लिखा है कि जो गिरफ्तार होगा. उसका नाम और फोटो नहीं छापा जाए, यह आदेश गैर-कानूनी है. भंडारी ने कहा कि कानून कहता है कि कोई भी आरोपी अपराध करता है तो उसके कारनामे जनता को पता लगना चाहिए. सिर्फ महिलाओं, दुष्कर्म और नाबालिग बच्चियों और बच्चों के मामले में फोटो और नाम सार्वजनिक करने पर रोक है. इसके अलावा कहीं भी हमारा कानून ये नहीं कहता कि नाम और फोटो जारी नहीं किए जाएं.

पढ़ें: एसीबी का बड़ा फैसला: राजस्थान में भ्रष्टाचारियों के नाम और फोटो अब नहीं होंगे उजागर

ये आदेश हुआ जारी: एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया. इसमें कहा गया है कि अब भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े गए आरोपियों या संदिग्धों के नाम, फोटो या वीडियो तब तक सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे, जब तक कि वे मुकदमे में दोषी नहीं पाए जाते हैं. इस तरह की कार्रवाई में सिर्फ यह बताया जाएगा कि किस विभाग में कार्रवाई की गई और आरोपी अधिकारी या कर्मचारी किस पद पर तैनात है.

इस आदेश में ये भी कहा गया कि आरोपी जिस विभाग में कार्यरत है उसका नाम और आरोपी का पदनाम की सूचना ही मीडिया को दी जाएगी. इस नए आदेश में यह भी कहा गया है कि एसीबी की कस्टडी में संदिग्ध आरोपी की सुरक्षा और मानवाधिकार की रक्षा की पूरी जिम्मेदारी ट्रैप करने वाले अधिकारी की रहेगी. बता दें कि हेमंत प्रियदर्शी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया. नया कार्यभार मिलने के तुरंत बाद प्रियदर्शी ने बुधवार को ये आदेश जारी किया. इस पद पर तैनात बीएल सोनी 31 दिसंबर को रिटायर हो गए थे.

Last Updated : Jan 5, 2023, 2:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.