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सरदारशहर का उपचुनाव 2023 के चुनाव का आंकलन नहीं, सिंपैथी की जगह स्थानीय मुद्दों पर होगा मुकाबला-पूनिया

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Published : Nov 8, 2022, 8:37 PM IST

Updated : Nov 8, 2022, 11:39 PM IST

सरदारशहर के उपचुनाव (Sardarshahar Vidhan Sabha by election 2022) को लेकर बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन बीजेपी इस चुनाव को आने वाले विधानसभा चुनाव के साथ नहीं जोड़ रही है. बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया कि सरदारशहर के चुनाव परिणाम का आंकलन 2023 के विधानसभा चुनाव के साथ नहीं किया जा सकता. साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में आने पर भी तंज कसे हैं.

BJP denied sympathy card in Sardarshahar election
सरदारशहर का उपचुनाव 2023 के चुनाव का आंकलन नहीं करेगा, सिंपैथी नहीं, स्थानीय मुद्दों पर होगा मुकाबला-पूनिया

जयपुर. सरदारशहर के चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी व्यूरचना तैयार कर ली है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्पष्ट कर दिया कि यह चुनाव सिंपैथी पर नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों पर लड़ा (BJP denied sympathy card in Sardarshahar election) जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरदारशहर के चुनाव परिणाम 2023 के चुनाव का आंकलन नहीं माना जा सकता है. उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस उपचुनाव में गहलोत सरकार के 4 साल का आंकलन होगा. दोनों नेताओं ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर भी तंज कसे.

सहमति से होगा टिकट का बटवारा: सरदारशहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान होने के साथ ही अब बीजेपी टिकट बटवारे और चुनावी रणनीति में जुट गई है. चुनावी तैयारियों को लेकर बीजेपी कार्यालय में आज अहम बैठक हुई. बैठक में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ मौजूद रहे. बैठक के बाद पूनिया ने कहा कि सरदारशहर चुनाव के लिए प्रत्याशी सबकी सहमति से तय होगा. कोर कमेटी इस पर निर्णय करेगी.

सिंपैथी की जगह स्थानीय मुद्दों पर होगा मुकाबला-पूनिया

सहानुभूति कारक है, कारण नहीं: पूनिया ने कहा कि सरदारशहर बीजेपी के लिए पोटेंशियल जगह है. किस तरीके से राजस्थान की सरकार के खिलाफ जो मुद्दे हैं, उन पर हम चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस का विग्रह इस चुनाव में दिखेगा. पूनिया ने कहा कि सहानुभूति कारक होता है कारगर हो जाए, यह नहीं होता है. ऐसे कई उदाहरण भी हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के सामने मुख्यमंत्री का षड्यंत्र और सत्ता कर दुरुपयोग मुद्दा है. हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे, तो निर्णय हमारे पक्ष में होगा और चुनाव जीतेंगे.

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उपचुनाव 2023 का आंकलन नहीं: पूनिया ने कहा कि उपचुनाव कभी भी सेमीफाइनल नहीं होता है. हमेशा होता है कि उपचुनाव तो कांग्रेस जीती है, लेकिन फाइनल चुनाव बीजेपी जीती है. लेकिन इस बार यह धारणा भी बदलेगी. उपचुनाव भी बीजेपी जीतेगी और 2023 के चुनाव भी बीजेपी ही जितने जा रही है. उन्होंने कहा कि बेरोजगार सरदारशहर के चुनाव का मुद्दा होगा. किसानों और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी हम जनता के बीच मे जाएंगे. उन्होंने कहा कि युद्ध में सारे ही मंत्र काम में आते हैं और उन सभी मंत्रों के साथ में हम चुनावी मैदान में जीत हासिल करेंगे.

सरपंच की हत्या हुई, सबने देखा: नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरदारशहर का उपचुनाव गहलोत सरकार के 4 साल के कामकाज का आंकलन है. प्रदेश में जो कानून व्यवस्था है, वो सबके सामने है. किसानों से किए हुए वादे झूठे साबित हुए. बेरोजगार सड़कों पर हैं. यह सब वो स्थानीय मुद्दे हैं जिन पर सरदारशहर की जनता सरकार के खिलाफ वोट करेगी. सरदारशहर में जिस तरह से सरपंच को गोली मारी गई. यह घटना बताती है कि सरदारशहर की कानून व्यवस्था के क्या हाल हैं. जनता इन घटनाओं को नहीं भूली है. इस उपचुनाव में उसका परिणाम सरकार को देखने को मिलेगा.

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भारत जोड़ो नहीं, तोड़ो यात्रा: राठौड़ ने कहा कि अब राहुल गांधी देश के लोग अब गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. जिस प्रकार की बचकानी हरकतें भारत जोड़ों यात्रा में हो रही हैं, उससे देश की जनता उन्हें गंभीरता से नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कभी खुद को कोडे से पीटते हैं तो कभी क्या करते हैं. इन सभी बातों को लेकर राहुल गांधी का मजाक बनता जा रहा है. राठौड़ ने कहा कि यह भारत जोड़ो यात्रा नहीं बल्कि कांग्रेस तोड़ो यात्रा यहां चल रही है. राजस्थान में जिस तरह से कांग्रेस तोड़ने का अभियान उनके नेता चला रहे हैं, उसे ठीक कर दें तो यह बहुत बड़ी बात है.

जनता कर रही हिसाब लेने का इंतजार: राठौड़ ने कहा कि सरदारशहर के उपचुनाव या 2023 के चुनाव में राहुल गांधी की इस यात्रा से कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. राजस्थान को राहुल गांधी से धोखा मिला है. उन्होंने 1, 2, 3 गिनती करके किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी, वो पूरी नही हुई. लोग इंतजार कर रहे हैं कि जिस तरह से झूठ के नाम पर पांच फीसदी अधिक वोट लिया, उसके बाद उनकी घोषणा पूरी क्यों नही हुई. राहुल की यात्रा राजस्थान में आएगी तो आदमी उनसे पूछेंगे कि क्या हुआ हमारी कर्जा मुक्ति का, जो आप बोल कर गए थे.

राजस्थान में यात्रा का नहीं होगा असर: पूनिया ने भी भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में आने पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा का असर अब तक तो देश में कहीं भी नहीं दिख रहा है. यहां उनकी यात्रा आती है, तो यहां भी उसका कोई असर नहीं दिखेगा. राहुल गांधी के व्यक्तित्व के बारे में जितना कहा जाए, उतना कम है. लेकिन मुझे लगता है कि वह राजस्थान में ऐसे समय में यात्रा कर रहे हैं, जब गुजरात के चुनाव नतीजे आने वाले होंगे.

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मंत्री अघोषित रूप से इस्तीफा मांग रहे हैं : IAS अफसर की ACR भरने को लेकर सरकार के मंत्रियों के बीच में चल रहे विवाद पर राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस अंतर्कलह से जूझ रही है. ऐसा कभी नहीं हुआ कि संविधान से बाहर जाकर कोई भी काम होता हो. संविधान में सब नियमों का प्रारूप स्पष्ट रूप से लिखा है लेकिन बावजूद इसके मंत्री इतना खुलकर बोलते हैं, तो इसका मतलब स्पष्ट है कि सरकार मैं अब मंत्री भी असंतुष्ट हैं.

उन्होंने कहा कि कभी कोई मंत्री किसी को गुलाम बताता है, तो कभी कोई नाकारा. मंत्री भी पूरी तरीके से नाखुश हैं और इसी का नतीजा है कि एक मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार की पावर सेंट्रलाइज्ड है. एक कांस्टेबल का ट्रांसफर भी मुख्यमंत्री ही करते हैं. उन्होंने कहा कि जनता अब अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है. जल्द ही वोट की चोट से जनता इसका जवाब देगी. राठौड़ ने कहा कि जिस तरीके से मंत्रियों के बयान आ रहे हैं वह अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री से इस्तीफा ही मांग रहे हैं.

प्रतिभा के धनी सीएम: मंत्री राजेंद्र गुड्डा द्वारा कांस्टेबल के तबादले को लेकर उठाए गए सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. कांग्रेस की सफाई का जो काम है, वह भी अब उन्हीं के हाथ में दे देना चाहिए. इसमें भी वह पीछे नहीं रहने वाले.

गुढ़ा ने उठाये थे सवाल: बता दें कि IAS अफसर की ACR भरने के मामले को लेकर गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुड्डा से जब सवाल किया गया, तो उन्होंने मुख्यमंत्री को भी निशाने पर लिया. उन्होंने गहलोत पर सवाल उठाते कहा कि कोई मंत्री आईएएस अफसर की एसीआर भरने की चिंता क्यों करता है, जब डीजीपी की नियुक्ति से लेकर 1 कांस्टेबल का तबादला भी मुख्यमंत्री स्वयं करते हों. उन्होंने यह भी कहा था कि गहलोत सरकार में सारी पावर सेंट्रलाइज है. किसी भी मंत्री के पास भी कोई पावर नहीं है. जो भी काम है, वह मुख्यमंत्री स्तर पर ही होते हैं. राजेंद्र गुड्डा के बयान ने बीजेपी को बैठे-बिठाए एक ओर सरकार के खिलाफ मुद्दा दे दिया.

Last Updated : Nov 8, 2022, 11:39 PM IST
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