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Nagar Nigam Greater Jaipur : ग्रेटर निगम में एक साल बाद होगी बोर्ड की बैठक, प्रस्तावों को लेकर विपक्ष के साथ अपनों ने भी बीजेपी को घेरा

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Published : May 21, 2023, 6:51 AM IST

जयपुर ग्रेटर नगर निगम की बीजेपी बोर्ड को विपक्ष की चुनौतियां मिल रही है. 25 मई को होने वाली बोर्ड बैठक के हंगामेदार रहने की आशंका बन रही है.

Nagar Nigam Greater Jaipur
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ग्रेटर निगम में एक साल बाद होगी बोर्ड की बैठक

जयपुर. आगामी 25 मई को ग्रेटर नगर निगम में साधारण सभा की बैठक होनी है. लेकिन इससे पहले ही निगम की बीजेपी बोर्ड को विपक्ष के साथ-साथ अपनों की ही चुनौतियां मिल रही हैं. एक तरफ जहां वित्त समिति की चेयरमैन शील धाभाई और सांगानेर से बीजेपी विधायक पूर्व महापौर डॉ. अशोक लाहोटी ने बोर्ड मीटिंग में जनहित के मुद्दों को नहीं जोड़ने को लेकर सवाल उठाएं हैं. वहीं कांग्रेस पार्षदों ने उनकी ओर से बताए गए एजेंडों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. आपत्तियों के बाद अब 21 एजेंडों में से 3 को हटाया जा रहा है.

ग्रेटर नगर निगम की 25 मई को होने वाली बोर्ड बैठक के हंगामेदार रहने की आशंका बन रही है. बोर्ड बैठक से पहले ही विपक्ष के साथ-साथ अपनों ने भी प्रस्तावों को लेकर सवाल उठाए. इसे लेकर विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि आम जन के डेली रूटीन के सबसे ज्यादा काम नगर निगम से ही पड़ते हैं. ऐसे में आयुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि इन निगम के एजेंडों में सांगानेर विधानसभा सहित जयपुर के जनहित के मुद्दों को भी जोड़ा जाए. इसमें साफ सफाई के मुद्दों को स्पष्ट करते हुए, सीवरेज, नालियों, लाइटों, पार्क, उद्यानों और सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को जोड़ें. ताकि आमजन के जो काम पड़ते हैं, उन पर चर्चा भी हो सके और पार्षद ये काम करवा भी सके.

उधर, वित्त समिति के चेयरमैन शील धाभाई ने कहा कि वो ग्रेटर नगर निगम के 21 प्रस्तावों में से किसी एक से भी सहमत नहीं है. वित्त समिति को 10 करोड़ तक की फाइनेंशियल पावर है, ये पहली बार ऐसा हो रहा है कि वित्त समिति को नजरअंदाज करके ऐसे कई प्रस्ताव सीधे साधारण सभा में लेकर के गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले भी कई घोटाले हुए थे जिन पर वित्त समिति ने आपत्ति जताते हुए हैं, एक्सप्लेनेशन मांगे थे. जिस पर आज तक कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर ने जवाब नहीं दिया. इसके अलावा जनता से जुड़ा एक भी एजेंडा प्रस्ताव में शामिल नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्किंग बनाने का एजेंडा लाया जा रहा है, लेकिन निगम के पास पैसा है ही कहां. कई वार्ड पार्षद विकास कार्यों को लेकर निगम में भटक रहे हैं. कुछ वार्डों में तो 50 लाख तक के काम पूरे भी नहीं हुए हैं. ऐसे में पार्षद कह रहे हैं कि 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव होंगे, तो जनता के सामने क्या मुंह दिखाएंगे.

वित्त समिति चेयरमैन की ओर से सवाल उठाए जाने पर प्रस्ताव संख्या 15 - मानसरोवर जोन में डोर टू डोर कचरा संग्रहण और परिवहन कार्य के लिए बैटरी चालित हूपर के लिए 4.98 करोड़ की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति, प्रस्ताव संख्या 16 - विद्याधर नगर जोन में 4.02 करोड़ के ऑटो हूपर की स्वीकृति, इसी तरह प्रस्ताव 19 - सांगानेर जोन में ऑटो हूपर के लिए 3.84 करोड़ की स्वीकृति के प्रस्ताव को हटाया गया है.

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नेता प्रतिपक्ष राजीव चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को तरफ से कोई भी एजेंडा शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में इस बार भी बोर्ड के प्रस्तावों से निराशा ही हाथ लगी है. बोर्ड बैठक में जिस मुद्दे पर प्रमुखता से बात होना चाहिए, उसे 21 नंबर पर डाला गया है. जिसमें विभिन्न जोन में विकास कार्य सड़क आदि के लिए बजट राशि में वृद्धि करने पर मंथन होना है. जबकि कांग्रेस पार्षद चाहते हैं कि सभी पार्षदों को उनके वार्ड के अनुरूप एक निश्चित बजट उपलब्ध कराया जाए. आचार संहिता से पहले उस बजट का निष्पादन होना चाहिए. बीजेपी बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहता है. उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से 1 साल बाद साधारण सभा की बैठक हो रही है. लेकिन कांग्रेस पार्षदों को नजरअंदाज किया जा रहा है. ग्रेटर नगर निगम के क्षेत्र में हाई मास्क लाइट सिर्फ बीजेपी पार्षदों के क्षेत्र में लगी है. जिन 75 लाख के काम होने से वो सिर्फ बीजेपी पार्षदों के क्षेत्र में पूरे हुए हैं. जबकि कांग्रेस पार्षदों के साथ पूरी तरह भेदभाव हो रहा है, इसे लेकर पार्षदों में रोष है.

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