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एडीजी क्राइम दिनेश एमएन छात्रों से बोले, जिंदगी कितना भी परेशान करे, लेकिन आप डटकर कहना हम झुकेंगे नहीं

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Published : Apr 5, 2023, 11:23 PM IST

Updated : Apr 6, 2023, 10:59 AM IST

ADG Crime Dinesh MN spoke openly to students
ADG Crime Dinesh MN spoke openly to students

राजस्थान विश्वविद्यालय के Ghoomar Festival में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने छात्रों संग अपने जर्नी को शेयर किया. साथ ही उन्होंने इस मौके पर छात्रों को कई गुरु मंत्री (ADG Crime Dinesh MN spoke openly to students) भी दिए.

एडीजी क्राइम दिनेश एमएन छात्रों से बोले

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध घूमर फेस्टिवल के मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने छात्रों को गुरु मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि जिंदगी आपको कितने ही मुक्के मारे, कितना ही परेशान करे, लेकिन आप डटकर कहना हम झुकेंगे नहीं. इस दौरान उन्होंने छात्रों से अपने 30 साल पुराने कॉलेज एक्सपीरियंस को भी शेयर किया और कहा कि उनमें सिर्फ हूटिंग का टैलेंट था. लेकिन हूटिंग नहीं होगी तो टैलेंटेड लोगों को जोश नहीं आएगा.

मंच पर नेता नहीं दिखी वीरांगनाएं - राजस्थान यूनिवर्सिटी के घूमर के मंच पर इस बार राजनीतिक लोगों की बजाए शहीद वीरांगनाओं को जगह दी गई. वहीं, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. दिनेश एमएन ने अपनी जर्नी छात्रों से साझा करते हुए कहा कि वो कर्नाटक के एक छोटे से गांव से किसान परिवार से निकले और वहीं उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उनके कॉलेज में भी घूमर की तरह चेत्रा हुआ करता था. उनमें कोई टैलेंट नहीं था तो सिर्फ पीछे खड़े होकर हूटिंग किया करते थे. लेकिन ये कम काम नहीं है. अगर हूटिंग नहीं करेंगे तो यहां टैलेंटेड लोगों को जोश नहीं आएगा.

एडीजी क्राइम ने की मजेदार बात - उन्होंने कहा कि यहां आकर जवानी के दिन याद आ गए. ये सबसे बेस्ट टाइम होता है. हालांकि, 30 साल पहले और अब में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उस टाइम पर म्यूजिक, मूवी, मस्ती, कुछ ड्रामेबाजी, हार्टब्रेक, कुछ एप्लीकेशन, रिजेक्शन, कुछ अफेयर्स हुआ करते थे और अभी भी यही होते होंगे. बस उस वक्त डिजिटल नहीं था. उन्होंने कहा कि लड़कियों को कोई ईमेल नहीं भेजा करते थे. सीधे लड़कियों के पास बात करने जाते थे और थप्पड़ खाकर लौट आते थे. इस मामले में आप लोग अच्छे हो व्हाट्सएप भेज दो. लड़की अगर गुस्सा है तो व्हाट्सएप ब्लॉक देगी. लेकिन उस समय जो करना होता था, सीधे करना होता था, जो कि बहुत हिम्मत का काम होता था.

हॉलीवुड स्टार सिल्वेस्टर स्टैलोन को किया याद - दिनेश एमएन ने हॉलीवुड स्टार सिल्वेस्टर स्टैलोन की मूवी रॉकी में उनके किरदार और बॉक्सर मोहम्मद अली का उदाहरण देते हुए कहा कि हमेशा जिंदगी में कोशिश करना, क्योंकि कोशिश करना ही सबसे बड़ी बात है. हमारे हाथ में सिर्फ कोशिश करना ही है, रिजल्ट नहीं. अच्छे प्रयास करेंगे तो अच्छे परिणाम भी आएंगे. उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में भी कहा गया है कि ''कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन''. उन्होंने कहा कि हमारे पास जितना भी समय है, उसमें मजे करो, खुश रहो, जो भी करो शिद्दत के साथ करो, उसमें यदि रिजल्ट मिले तो अच्छा है और अगर नहीं मिला तो फिर से कोशिश करो. उन्होंने कहा कि फेल वही है, जो कोशिश करना छोड़ देता है. पुष्पा फिल्म भी एक मैसेज देती है, यदि जिंदगी आपको परेशान करे तब डटकर बोलना हम झुकेंगे नहीं.

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आपके इर्द-गिर्द ही मिल जाएंगे कई हीरो - दिनेश एमएन से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या कभी रिजेक्शन मिला था, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि ये बात सार्वजनिक पूछोगे तो कैसे बता सकूंगा?. उन्होंने छात्रों को मैसेज देते हुए कहा कि आसपास बहुत सारे हीरो हैं. किसी के पिता खेती करके अपने बच्चों को पालते हैं, वो बड़े हीरो हैं. कोई डॉक्टर, कोई सैनिक, कोई इंजीनियर, कोई टीचर यहां तक कि ऑटो चलाने वाला भी एक हीरो है. ऐसे में आसपास की इंस्पायरिंग स्टोरीज से सीखें.

राजस्थान के हर पुलिसवाले को बताया सिंघम - इस दौरान खुद को सिंघम बुलाए जाने पर उन्होंने कहा कि लोग उन्हें प्यार से सिंघम कहते हैं, लेकिन वो सिंघम नहीं हैं. दिनेश एमएन ने कहा कि उनका हर सिपाही सिंघम है. भरतपुर में एक कांस्टेबल एक वारंटी अपराधी को गमछे से पीठपर बांध कर थाने ले गया, उससे बड़ा सिंघम हो सकता है क्या कोई. राजस्थान पुलिस का हर कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल से लेकर एडिशनल एसपी सभी बहुत मेहनत करते हैं. उन्होंने कहा कि असल में टीम सिंघम होती है, अकेला अधिकारी कभी सिंघम नहीं हो सकता.

प्रदेश के कानून व्यवस्था पर कही ये बड़ी बात - प्रदेश के कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि पुलिस की तरफ से प्रयास में कोई कमी नहीं है. पूरी फोर्स ताकत के साथ अपराधियों के पीछे पड़ी है. अभी रेंज लेवल पर अपराधियों को पकड़ने का काम किया जा रहा है, ये रूटीन काम है. लेकिन इसे पूरे कोऑर्डिनेटिंग तरीके से किया जा रहा है. एक आईजी कंट्रोल रूम में 5 बजे तक बैठता है और सारे एसपी फील्ड में निकलते हैं. एक दिन चुनते हैं और पूरी रेंज में अपराधियों को पकड़ते हैं. इसमें सामूहिक विल पावर दिखती है. औचक निरीक्षण करते हैं तो कई बार दूसरे अपराध होते हुए दिखते हैं तो उन पर भी नकेल कसते हैं. उन्होंने कहा कि जब आईजी खुद कंट्रोल रूम में बैठे होते हैं तो फिर सीरियसनेस भी बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि डीजी और सीएम की जीरो टॉलरेंस की नीति को नीचे तक लाने का प्रयास किया जा रहा है.

Last Updated :Apr 6, 2023, 10:59 AM IST
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