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दरिंदगी की शिकार नाबालिगों ने रजिस्ट्रार को सुनाया अपना दर्द, आरोपी प्राचार्य को किया बर्खास्त

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Published : Jun 9, 2023, 4:19 PM IST

Updated : Jun 9, 2023, 10:18 PM IST

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी शुक्रवार को डूंगरपुर में नाबालिग लड़कियों के गांव पहुंचीं थीं. शिक्षा जगत को शर्मसार कर देने वाले मामले में उदयपुर संभाग के स्कूल शिक्षा संयुक्त निदेशक ने आरोपी प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा की सेवाएं समाप्त कर दी हैं.

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दरिंदगी की शिकार नाबालिगों ने रजिस्ट्रार को सुनाया अपना दर्द

दरिंदगी की शिकार नाबालिगों ने रजिस्ट्रार को सुनाया अपना दर्द

डूंगरपुर. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी शुक्रवार को डूंगरपुर पहुंची. वह रजिस्ट्रार बाल कल्याण समिति की टीम के साथ रेप पीड़ित बालिकाओं के गांव पहुंची. वहां पहुंचकर उन्होंने हेड मास्टर की दरिंदगी की शिकार नाबालिग बेटियों, उनके परिजन से बात की. इसके अलावा स्कूल स्टॉफ, डॉक्टर से लेकर कलेक्टर और एसपी से घटनाक्रम का फीडबैक लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए. वहीं दूसरी ओर जिले में शिक्षा जगत को शर्मसार कर देने वाले मामले में उदयपुर संभाग के स्कूल शिक्षा संयुक्त निदेशक ने आदेश जारी कर आरोपी प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा की सेवाएं समाप्त कर दी हैं.

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पीड़ित छात्राओं के साथ बंद कमरे में की बातचीतः राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार अनु चौधरी के नेतृत्व में एक टीम शुक्रवार को डूंगरपुर में दुष्कर्म पीड़ित बालिकाओं के गांव पहुंची थी. सर्किट हाउस में उनका स्वागत किया गया था. यहां गांव पहुंचकर उन्होंने रेप पीड़ित सभी 8 छात्राओं से एक घर में बंद कमरे में बातचीत की. बेटियों ने हेड मास्टर रमेशचंद्र कटारा की करतूतों के बारे में खुलकर बताया. पीड़ित बालिकाओं के माता-पिता से भी बंद कमरे में ही बात करते हुए उनकी समस्याएं पूछी. माता-पिता ने हेड मास्टर की हरकतों के साथ ही मेडिकल रिपोर्ट से छेड़छाड़ का शक जताया. जिस पर रजिस्ट्रार ने मामले में पूरी सही जांच करते हुए सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया.

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स्कूल स्टॉफ से की पूछताछ, कराई वीडियोग्राफीः इसके बाद वह उस स्कूल में पहुंचीं, जहां यह शर्मनाक घटना हुई थी. हेड मास्टर ने नाबालिग छात्राओं से जहां दरिंदगी की थी, हेड मास्टर का वह कमरा पीछे की तरफ है. वह छात्राओं को उस कमरे में अकेले ले जाता था. वहीं स्कूल में टॉयलेट की हालत देखकर भी रजिस्ट्रार ने नाराजगी जताई. उन्होंने पूरे स्कूल की वीडियोग्राफी भी करवाई. इसके बाद वे टीम के साथ डूंगरपुर सर्किट हाउस पहुंचीं. आयोग की टीम ने सबसे पहले स्कूल के स्टॉफ से बंद कमरे में हेड मास्टर की हरकतों से लेकर सवाल-जवाब किए. वहीं स्कूल में छुट्टियों के बाद भी सिर्फ छात्राओ को खेलने के लिए बुलाने, स्कूल के दूसरे स्टॉफ के नहीं आने, पीटीआई होते हुए भी हेड मास्टर की ओर से खेल करवाने जैसी हरकतों को गंभीर माना है.

मेडिकल टीम को दिए सही रिपोर्ट बनाने के निर्देशः स्कूल स्टॉफ से पूछताछ के बाद मेडिकल टीम को बुलाया गया. छात्राओं की एक जैसी मेडिकल रिपोर्ट और एक में कांट-छांट पर नाराजगी जताई. वहीं बच्चियों के साथ हुई घटना की सही रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने जांच अधिकारी, एसपी-कलेक्टर से भी बातचीत करते हुए पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा की नाबालिग स्कूली छात्राओं के साथ हुई घटना बहुत ही निंदनीय है. घटना को लेकर कई पहलुओं पर अभी जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद ही इसमें कुछ कहा जा सकता है.

ये था पूरा घटनाक्रमः डूंगरपुर जिले के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं ने अपने अभिभावकों के साथ जिला कलेक्टर को शिकायत करते हुए यह बताया था कि उनके स्कूल का प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा नाबालिग छात्राओं से स्कूल के कमरों में और अपने घर ले जाकर दुष्कर्म करता है. वह मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकियां देता है. शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर के निर्देश पर सदर थाना पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. वहीं शिक्षा विभाग ने भी 31 मई को 4 सदस्य जांच दल गठित किया था. इधर जांच दल ने 31 मई को ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए 8 स्कूली छात्राओं से दुष्कर्म और छेड़छाड़ की पुष्टि की थी. जिसके बाद आरोपी प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद पुलिस ने भी आरोपी प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. जहां से उसे जेल भेज दिया गया है. आज उदयपुर संभाग स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक पुष्पेंद्र कुमार शर्मा ने एक आदेश जारी कर प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है.

Last Updated : Jun 9, 2023, 10:18 PM IST
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