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डूंगरपुर पुलिस बेमिसालः मां की मौत के बाद तीन बच्चों के लालन-पालन का उठाया बीड़ा

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Published : Feb 4, 2020, 3:22 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 7:11 AM IST

डूंगरपुर पुलिस का एक बार फिर से मानवीयता का चेहरा समाने आया है. जहां उन्होंने 3 बच्चों को गोद लिया है, जिनकी मां की मौत पिछले महीने हो गई थी और पिता बीमार रहते हैं, लेकिन पुलिस बच्चों के लिए मददगार बनकर सामने आई है. पुलिस ने इन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी उठाई है.

डूंगरपुर पुलिस की मानवीयता, dungarpur news
डूंगरपुर पुलिस ने लिया 3 बच्चों को गोद

डूंगरपुर. पुलिस के मुखिया जय यादव की ओर से सकारात्मक सामाजिक कार्यों की पहल पर डूंगरपुर पुलिस के अधिकारी से लेकर जवान तक सेवा से जुड़ गए हैं. जिले के रामसागड़ा थाना पुलिस एक बार फिर गरीब और असहाय बच्चों के लिए मददगार साबित हुई है. बता दें कि बच्चों की मां भावना ने 14 जनवरी को फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. वहीं पिता अरविंद बीमार रहने के कारण बच्चों के देखभाल करने में असमर्थ हैं.

अब तीन बच्चों की परवरिश करेगी डूंगरपुर पुलिस...

जिस वजह से बच्चों की अच्छी परवरिश नहीं हो पा रही है. जिसको देखते हुए पुलिस ने इन 3 बच्चों को गोद लिया, ताकि उन्हें अच्छा भविष्य मिल सके. रामसागड़ा थानाधिकारी परमेश्वर पाटीदार और एएसआई मोहन सिंह राव ने बताया कि अरविंद के चारों बच्चों कि दयनीय स्थिति को देखक उन्हें गोद लेने का फैसला लिया. उसके बाद पुलिस ने अरविंद के तीनों बच्चों को गोद ले लिया. जिन्हें वह अपने साथ डूंगरपुर मुस्कान संस्थान पहुंचे, जहां तीनों बच्चों का एडमिशन करवाया.

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वहीं बच्चों की बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया और उनकी अच्छी परवरिश के निर्देश दिए गए. बता दें कि डूंगरपुर पुलिस ने मानवीयता से जुड़े कई काम किए हैं, जिसके तहत रामसागड़ा थाना पुलिस ने पिछले महीनों में अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनके परवरिश और पढ़ाई का जिम्मा उठाया था. वहीं चितरी थाना पुलिस ने एक आदिवासी बेटी की शादी करवाई.

Intro:डूंगरपुर। पुलिस का नाम सुनते ही एक बार हर कोई ख़ौफ़ खाता है, लेकिन डूंगरपुर पुलिस में एक बार फिर मानवीयता का चेहरा नजर आया है। पुलिस ने ऐसे 3 बच्चों को गोद लिया है, जिनकी मॉ की मौत पिछले महीने ही हो गई तो पिता बीमार रहने के कारण उनकी देखभाल भी नहीं कर पा रहा था। बच्चें गांव में मांगकर जैसे-तैसे अपना पेट भर रहे थे, लेकिन अब पुलिस बच्चों के लिए मददगार बनकर सामने आई है। पुलिस ने इन बच्चों के रहने से लेकर परवरिश, पढ़ाई तक कि जिम्मेदारी उठाई है, ऐसे में दूसरे पुलिसकर्मियों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।


Body:डूंगरपुर पुलिस के मुखिया जय यादव की ओर से सकारात्मक सामाजिक कार्यों की पहल पर डूंगरपुर पुलिस के अधिकारी से लेकर जवान तक सेवा से जुड़ गए है। जिले के रामसागड़ा थाना पुलिस एक बार फिर गरीब और असहाय बच्चों के लिए मददगार साबित हुई है। मॉ भावना ने 14 जनवरी को फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली तो पिता अरविंद आमलिया निवासी महिपालपुरा के भी गरीब स्थिति व बीमार रहने के कारण बच्चों के देखभाल करने में असमर्थ था।
मृतका भावना और अरविंद के 4 बच्चे है। बड़ी बेटी सारिका उम्र 10 वर्ष, बेटा योगेश 8 वर्ष, रोहित 6 वर्ष ओर सबसे छोटा बेटा विजय 2 वर्ष है। अरविंद लंबे समय से बीमार है तो आर्थिक हालात भी खराब है। अरविंद गुजरात मे मजदूरी करता है, जिस कारण इन बच्चों की देखभाल करने वाला भी कोई नहीं था।
मॉ की मौत के बाद से ही नन्हें मासूम बच्चों के भूखे मरने की नोबत आ गई। तीनो बड़े बच्चे गांव में जाते और मांगकर जो कुछ खाने को मिल जाता उसी से अपना पेट भर लेते। मॉ की मौत के बाद तीनों बच्चों की पढ़ाई भी छूट गई।
इस पर रामसागड़ा थानाधिकारी परमेश्वर पाटीदार और एएसआई मोहनसिंह राव की नजर गई। बच्चों की दयनीय स्थिति को देखकर उन्हें गोद लेने का फैसला लिया। यहीं बात पुलिस ने बच्चों के पिता से कहीं तो मानों बीमार व गरीब पिता के सिर से बोझ हल्का हो गया। पुलिस ने तीनों बड़े बच्चों को लिया और अपने साथ लेकर डूंगरपुर मुस्कान संस्थान पंहुची, जहा सारिका, योगेश व रोहित का एडमिशन करवाया। उनके पढ़ाई लिखाई से लेकर परवरिश तक का इंतजाम करवाया। वहीं बच्चों की बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया और उनकी अच्छी परवरिश के निर्देश दिए गए।
आपको बता दे कि डूंगरपुर पुलिस ने मानवीयता से जुड़े कई काम किये है, जिसके तहत रामसागड़ा थाना पुलिस ने पिछले महीनों में अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनके परवरिश व पढ़ाई का जिम्मा उठाया था तो वही चितरी थाना पुलिस ने एक आदिवासी बेटी की शादी करवाई।

बाईट 1: अरविंद, पिता
बाईट 2: मोहनसिंह राव, एएसआई रामसागड़ा थाना
बाईट 3: भरत भट्ट, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति



Conclusion:
Last Updated :Feb 5, 2020, 7:11 AM IST
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