कोटा/धौलपुर/भरतपुर. राजस्थान में कड़ाके की ठंड (Cold Wave in Rajasthan) ने पहाड़ी राज्यों की सर्दी को भी पीछे छोड़ दिया है. माउंट आबू, जोबनेर और चूरू में न्यूनतम तापमान हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू से नीचे दर्ज हुआ है. राजस्थान के इन शहरों में लगातार तीसरे दिन भी बर्फ जमने की स्थिति रही. पूर्वी राजस्थान के धौलपुर जिले में विगत 4 दिनों से पड़ रही कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे ने आमजन को झकझोर दिया है. आमजन के साथ वन्यजीवों की दिनचर्या सर्दी के सितम से बेहाल हो रही है. गुरुवार सुबह से ही घने कोहरे की दस्तक से लोग बेहाल हैं.
कोटा में कड़ाके की ठंड- कोटा जिले में ठंड का प्रकोप गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी है. आज सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ है. हालात ऐसे हैं कि कोटा के कई इलाकों में विजिबिलिटी 50 मीटर के आसपास पहुंच गई है. यानी कि करीब 160 फीट दूरी से भी कुछ नजर नहीं आ रहा है. चंबल नदी और इससे निकल रही नहरों के आसपास तो यह विजिबिलिटी काफी कम बनी हुई है. जबकि न्यूनतम तापमान में आधा डिग्री की गिरावट हुई है. बुधवार के अपेक्षा गुरुवार को न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. हालांकि, अधिकतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस है.
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औसत विजिबिलिटी भी मौसम विभाग के अनुसार 400 मीटर है, वहीं हवाओं की स्पीड भी 2 किलोमीटर प्रति घंटा है. लगातार तीन दिनों से पड़ रही ठंड के चलते पाला पड़ने जैसी स्थिति फसलों में हो सकती है. दूसरी तरफ ठंड और घने कोहरे के कारण आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. अधिक ठंड के कारण लोग घरों में कैद है. साथ ही अलाव ही सहारा बना हुआ है.
स्कूलों में छुट्टी, कोचिंग में ठिठुरते हुए पहुंचे बच्चे- स्कूलों में 5 जनवरी तक अवकाश पहले से ही घोषित कर दिया था. इसलिए बच्चे अभी राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन बच्चों को शुक्रवार से स्कूल जाना है. दूसरी तरफ कोचिंग संस्थानों में अवकाश नहीं है. वहां पर बच्चे सुबह जल्दी ही क्लासेज के लिए लगातार जा रहे हैं. ऐसे में ठंड में ठिठुरते हुए ही उन्हें पहुंचना पड़ रहा है. वहीं, सरकारी और निजी सेवा में कार्यरत महिला पुरुषों के लिए भी यह ठंड परेशानी का सबब बनी हुई है. उन्हें सुबह की शिफ्ट में ड्यूटी करने के लिए जाना होता है.
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फसलों पर खतरे के बादल- हाड़ौती संभाग में बीते 3 दिनों से शीतलहर का प्रकोप जारी है. इसके वर्तमान में फसलों को फायदा हो रहा है. यह अमृत की तरह काम कर रही है, लेकिन इसके चलते हजारों हेक्टेयर फसल पर खतरा मंडरा गया है. इसी तरह की शीतलहर का प्रकोप आगे भी अगर जारी रहा तो फसल में खराबा हो सकता है. हाड़ कंपाने वाली इस सर्दी के चलते अधिकांश किसान खेतों में ही नहीं जा पा रहे हैं.
भरतपुर में छाया रहा कोहरा- भरतपुर जिले में भी गुरुवार को कड़ाके की सर्दी और कोहरा छाया रहा. सुबह 10 बजे तक भी लोग घरों में दुबके रहे. कुछ लोग अलाव जलाकर सर्दी से बचने का जतन करते दिखे. विजिबिलिटी मुश्किल से 50 मीटर होने की वजह से वाहन चालक हेड लाइट जला कर धीमी गति में वाहन चलाते नजर आए. वहीं मौसम विभाग की चेतावनी और कड़ाके की सर्दी को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी स्कूलों में विद्यार्थियों का शीतकालीन अवकाश 2 दिन और बढ़ा दिया. मौसम विभाग ने भरतपुर संभाग में तीन दिन का येलो अलर्ट जारी किया है. गुरुवार को तापमान में गिरावट दर्ज की गई, न्यूनतम तापमान 2 डिग्री तक दर्ज किया गया. आद्रता 89 फीसदी होने की वजह से घना कोहरा छाया रहा.
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पाले का खतरा- कड़ाके की सर्दी के चलते अगले 2 दिन तक जिले में पाला पड़ने की भी आशंका है जिसके चलते कृषि विभाग ने सभी किसानों से अपील की है कि फसल को पाले से बचाने के लिए फसल में शाम के वक्त पानी दें और मेंढ़ों पर धुंआ करें. साथ ही फसल में सल्फर डस्ट का भुरकाव और पानी में मिलाकर ग्लूकोज का छिड़काव करें.
अजमेर में सर्दी के तेवर तीखे- अजमेर जिले सहित ग्रामीण क्षेत्र में घना कोहरा छाया देखने को मिल रहा है. अलसुबह से ही बिजयनगर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में घना कोहरा छाया हुआ है. कोहरे की विजिबिलिटी इतनी है कि 10 फीट दूर भी कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. कोहरे के कारण लोगों को वाहन चलाने में भी काफी परेशानी हो रही है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में रबी की फसल में ओस से फायदा होगा. ओस के कारण सरसों, चने, गेहूं और जौ की फसल व सब्जियों में अच्छा उत्पादन होने की संभावना है.
श्रीगंगानगर में कड़ाके की ठंड- श्रीगंगानगर में कड़ाके के सर्दी पड़ रही है. घने कोहरे के साथ चल रही सर्द हवाओं (fog in sriganganagar) के कारण हाथ पांव सुन्न हो रहे हैं. मौसम विभाग की माने तो अगले तीन दिन तक सर्दी से राहत मिलने की संभावना नहीं है. तापमान की बात करें तो बुधवार की रात तीन डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया. दिन में अधिकतम तापमान 8 से 9 डिग्री सेल्सियस रह रहा. ग्रामीण क्षेत्रों में कोहरा का प्रभाव इतना है कि विजिबिलिटी 5 मीटर तक रह जाती है. घने कोहरे के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. दिन में गाड़ियों की हेडलाइट जलाकर चलना पड़ रहा है.