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धौलपुर में एंबुलेंस सेवा 108 और 104 रही ठप, हड़ताल पर उतरे कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

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Published : Oct 21, 2020, 4:59 PM IST

धौलपुर में बुधवार को एंबुलेंस कर्मचारियों ने प्रदेश यूनियन के आह्वान पर एंबुलेंस सेवा को ठप कर दिया. जिसके बाद एंबुलेंस कर्मचारियों ने सदर थाने के पास सभी गाड़ियों को खड़ा कर धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. एंबुलेंस कर्मियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा समय रहते मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा.

एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल, Ambulance workers strike
एंबुलेंस कर्मियों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

धौलपुर. जिले के एंबुलेंस कर्मियों ने बुधवार को प्रदेश यूनियन राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर जिले में संचालित होने वाली 108, 104 और बेस एंबुलेंस सेवा को ठप कर दिया. सदर थाने के पास एंबुलेंस कर्मियों ने सभी गाड़ियों को सड़क के किनारे खड़ाकर प्रदेश सरकार और चिकित्सा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.

एंबुलेंस कर्मियों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल होने से राजकीय चिकित्सालय पर घातक और विशेष बीमारियों से पीड़ित मरीजों को परेशानी भी उठानी पड़ी. बता दें कि प्रदेश और जिले के एंबुलेंस कर्मी पिछले लंबे समय से स्थायीकरण के साथ विशेष मांग करते चले आ रहे हैं. सरकार द्वारा मांगे पूरी नहीं करने पर एंबुलेंस कर्मियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है.

108 एंबुलेंस संघ के प्रभारी लोकेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले लंबे समय से हमारी स्थायीकरण और वेतन बढ़ोतरी की मांग चली आ रही है. जिसे लेकर पूर्व में भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों को धरना-प्रदर्शन और शिकायत पत्रों के माध्यम से अवगत कराया है. एंबुलेंस कर्मी लंबे समय से जायज मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार और सिस्टम इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.

एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल, Ambulance workers strike
एंबुलेंस सेवा ठप

उन्होंने कहा 12 अक्टूबर 2020 को भी सरकार के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता हुई है, लेकिन सरकार इस मसले पर गंभीर नहीं है. सरकार द्वारा जितने भी आश्वासन और भरोसे दिए थे, वह सभी नाकाफी साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा 20 फीसदी वेतन बढ़ोतरी नई निविदा में सरकार को करनी चाहिए. उसके अलावा 8 घंटे ड्यूटी समय नई निविदा में भी सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए.

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एंबुलेंस कर्मियों की 10 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी प्रतिवर्ष करनी चाहिए. एंबुलेंस कर्मियों का 20 लाख रुपए का इंश्योरेंस भी सरकार को कराना चाहिए. उन्होंने बताया संविदा कमेटी 2013 से समस्त एंबुलेंस कर्मचारियों को सम्मिलित कर संविदा कर्मियों का लाभ प्रत्येक कर्मचारियों को प्राप्त होना चाहिए. आखरी मांग में कहा नवीन निविदा में किसी भी वर्तमान कार्य कर्मचारी को सेवा से बाहर नहीं करना चाहिए. इन सभी मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मी पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे, लेकिन प्रदेश सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है. जिसे लेकर एंबुलेंस कर्मियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है.

108 एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल

कोरोना काल में जिस तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की पोल खुल गई थी. ऐसे में अब कोविड-19 में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले 108 के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ अब हल्ला बोल दिया है. जहां बुधवार को अचानक ही अपनी मांगों को लेकर प्रदेश व्यापी आह्वान पर हड़ताल पर चले गए हैं. जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरीके से प्रभावित हो गई है.

कर्मचारियों का दो टूक शब्दों में कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तब तक वह वापस नहीं लौटेंगे. कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि नए करार में जो उनकी मांगे हैं, उनको माना जाए. साथ ही जिस तरीके से कोविड-19 में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है, लेकिन उसके बावजूद भी 108 और 104 में एंबुलेंस सैनिटाइजर मास्क और अन्य सामग्री की कमी है. जिसके चलते उन्हें अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है. उसके बावजूद भी वह सामग्री उपलब्ध नहीं हो रही है.

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