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निष्ठी मर्डर केस: अब संदिग्ध आरोपी का नार्को टेस्ट कराएगी पुलिस

निष्ठी मर्डर केस में (Nishti murder case) अब तक पुलिस को कोई बड़ा सुराग नहीं मिल सका है. ऐसे में अब हिरासत में लिए गए संदिग्ध आरोपी का पुलिस नार्को टेस्ट करवाएगी. इसकी अनुमति के लिए एसपी कार्यालय में फाइल भेजी गई है.

Nishti murder case
Nishti murder case
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Published : Nov 30, 2022, 9:45 PM IST

चित्तौड़गढ़. निकुंभ थाना अंतर्गत आला खेड़ी गांव में 10 माह की मासूम के हत्यारे 1 महीने बाद भी पुलिस पकड़ से दूर है. पुलिस अब अंतिम हथियार के रूप में संदिग्ध आरोपी का नार्को टेस्ट (Nishti murder case) कराने की तैयारी में है. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय को फाइल भेजी गई है जहां से (police will conduct narco test of suspect) हरी झंडी मिलते ही पुलिस परिवार के ही एक संदिग्ध व्यक्ति का नार्को टेस्ट करवाएगी.

पुलिस अनुसंधान के दौरान एक सदस्य की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई थी. पुलिस की ओर से उसी का नार्को टेस्ट कराने (Police action in Nishti murder case) की प्लानिंग है. उसके बाद ही इस मामले में पुलिस अंतिम नतीजे तक पहुंच पाएगी. गांव का राजेश मेनारिया विदेश में कार्यरत हैं. 29 अक्टूबर को उनकी 10 महीने की पुत्री निष्ठी दोपहर में अचानक घर से गायब हो गई. परिवार के लोगों का कहना था कि वह पालने में सो रही थी. हालांकि पुलिस की ओर से नाकाबंदी भी कराई गई परंतु उसका कोई पता नहीं चला. ऐसे में तलाशी के दौरान घर को खंगाला गया तो ग्राउंड फ्लोर फ्लोर पर प्लास्टिक टंकी में मासूम का शव तैरता मिला था.

पढ़ें. पानी की टंकी में मिली 10 माह की मासूम...अस्पताल में मौत

पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में मां के साथ ही घटना के दौरान घर पर मौजूद सभी महिलाओं और पुरुषों से बातचीत में अलग-अलग बयान सामने आए. उसके बाद पुलिस की शक की सुई परिवार के लोगों पर ही आकर अटक गई. कोई बच्ची को पालने में सुलाए जाने की बात कह रहा था तो कोई घर के बाहर फेरी लगाने वालों के उठा ले जाने की बात कह रहा था. सवाल यह था कि 10 माह की बच्ची फर्स्ट फ्लोर पर कैसे पहुंच गई और फिर वहां 5 फीट ऊंची टंकी तक कैसे पहुंची.

पढ़ें. Bharatpur crime news: मामी ही निकली भांजे की कातिल, ननद से रंजिश पर की थी मासूम की हत्या

इसी आधार पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और इसे अनुसंधान का मुख्य केंद्र बिंदु रखा गया. इससे एक बात तो साफ हो गई कि मासूम को मौत के घाट उतारे जाने के बाद जल्दबाजी में पानी की टंकी में डाल दिया गया ताकि पुलिस कुछ समय तक तलाश में ही व्यस्त रहे और मामले से संबंधित सबूत मिटाए जा सकें. पुलिस के समक्ष सबसे बड़ी दुविधा यह है कि परिवार का हर शख्स जांच के दायरे में है. ऐसे में किसे आरोपी माना जाए. इसी को लेकर पुलिस भी समझ नहीं पा रही है.

थानाधिकारी यशवंत सोलंकी का कहना था कि मामले की तह तक पुलिस पहुंच चुकी है लेकिन तथ्यात्मक बिंदुओं को कंफर्म करना चाहती है. एक व्यक्ति जो हमारे सबसे अधिक शक के दायरे में है जिसकी हर बिंदु पर मौजूदगी सामने आ रही है, लेकिन कोई बड़ा सुराग हाथ नहीं लगा है. इस कारण उसके नार्को टेस्ट की फाइल उच्चाधिकारियों तक भेजी गई है. नार्को टेस्ट के बाद ही पुलिस इस मामले में आगे बढ़ पाएगी.

चित्तौड़गढ़. निकुंभ थाना अंतर्गत आला खेड़ी गांव में 10 माह की मासूम के हत्यारे 1 महीने बाद भी पुलिस पकड़ से दूर है. पुलिस अब अंतिम हथियार के रूप में संदिग्ध आरोपी का नार्को टेस्ट (Nishti murder case) कराने की तैयारी में है. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय को फाइल भेजी गई है जहां से (police will conduct narco test of suspect) हरी झंडी मिलते ही पुलिस परिवार के ही एक संदिग्ध व्यक्ति का नार्को टेस्ट करवाएगी.

पुलिस अनुसंधान के दौरान एक सदस्य की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई थी. पुलिस की ओर से उसी का नार्को टेस्ट कराने (Police action in Nishti murder case) की प्लानिंग है. उसके बाद ही इस मामले में पुलिस अंतिम नतीजे तक पहुंच पाएगी. गांव का राजेश मेनारिया विदेश में कार्यरत हैं. 29 अक्टूबर को उनकी 10 महीने की पुत्री निष्ठी दोपहर में अचानक घर से गायब हो गई. परिवार के लोगों का कहना था कि वह पालने में सो रही थी. हालांकि पुलिस की ओर से नाकाबंदी भी कराई गई परंतु उसका कोई पता नहीं चला. ऐसे में तलाशी के दौरान घर को खंगाला गया तो ग्राउंड फ्लोर फ्लोर पर प्लास्टिक टंकी में मासूम का शव तैरता मिला था.

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पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में मां के साथ ही घटना के दौरान घर पर मौजूद सभी महिलाओं और पुरुषों से बातचीत में अलग-अलग बयान सामने आए. उसके बाद पुलिस की शक की सुई परिवार के लोगों पर ही आकर अटक गई. कोई बच्ची को पालने में सुलाए जाने की बात कह रहा था तो कोई घर के बाहर फेरी लगाने वालों के उठा ले जाने की बात कह रहा था. सवाल यह था कि 10 माह की बच्ची फर्स्ट फ्लोर पर कैसे पहुंच गई और फिर वहां 5 फीट ऊंची टंकी तक कैसे पहुंची.

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इसी आधार पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और इसे अनुसंधान का मुख्य केंद्र बिंदु रखा गया. इससे एक बात तो साफ हो गई कि मासूम को मौत के घाट उतारे जाने के बाद जल्दबाजी में पानी की टंकी में डाल दिया गया ताकि पुलिस कुछ समय तक तलाश में ही व्यस्त रहे और मामले से संबंधित सबूत मिटाए जा सकें. पुलिस के समक्ष सबसे बड़ी दुविधा यह है कि परिवार का हर शख्स जांच के दायरे में है. ऐसे में किसे आरोपी माना जाए. इसी को लेकर पुलिस भी समझ नहीं पा रही है.

थानाधिकारी यशवंत सोलंकी का कहना था कि मामले की तह तक पुलिस पहुंच चुकी है लेकिन तथ्यात्मक बिंदुओं को कंफर्म करना चाहती है. एक व्यक्ति जो हमारे सबसे अधिक शक के दायरे में है जिसकी हर बिंदु पर मौजूदगी सामने आ रही है, लेकिन कोई बड़ा सुराग हाथ नहीं लगा है. इस कारण उसके नार्को टेस्ट की फाइल उच्चाधिकारियों तक भेजी गई है. नार्को टेस्ट के बाद ही पुलिस इस मामले में आगे बढ़ पाएगी.

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