चित्तौड़गढ़. जिले में चक्रवात तौकते का असर केवल बरसात के रूप में ही देखने को मिला है. तेज हवाओं से इतना कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन बरसात के चलते जहां एक तरफ लोगों और किसानों को राहत की सूचना है. वहीं चित्तौड़गढ़ जिले के भदेसर तहसील क्षेत्र में आने वालेधनेश्वर महादेव के गंगारिया तालाब में मंगलवार रात तेज बारिश होने के कारण पेटा काश्त में बुवाई की गई लाखों रुपए कीमत की ककड़ी और खरबूजे की फसल पानी में डूब गई. इससे किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं इस बरसात से तालाब में खेती कर रहे किसान निराश दिखाई दिए हैं.
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले में पिछले 3 दिनों से बरसात हो रही है. मंगलवार को दिन में कई बार बरसात हुई तो पूरी रात तेज बरसात होती रही है. ऐसे में चित्तौड़गढ़ जिले के जलाशयों में पानी की आवक हुई है. ऐसे में अधिकांश स्थानों पर किसानों के चेहरे खिले हैं. लेकिन भदेसर तहसील क्षेत्र के गंगारिया तालाब में ककड़ी और खरबूजे की खेती करने वाले किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है. किसानों ने पेटा काश्त के रूप में 200 बीघा क्षेत्र में ककड़ी और खरबूजे की बुवाई की थी.
सोमवार रात से रिमझिम वर्षा और मंगलवार देर रात मूसलाधार बरसात के कारण आस-पास के पहाड़ों में से बाहर कर आया पानी तालाब में जमा हो जाने से 20 से 25 बीघा खरबूजे की फसल पानी में डूब गई. इससे कहार जाति के इस मेहनतकश परिवारों को 5 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है. यह फसल पानी में रहने से सड़ जाती है. रात को यह किसान फसल को अच्छी हालत में देख कर गए थे. बुधवार सुबह जब खेतों पर पहुंचे तो उनकी फसलें जलमग्न थी.
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इन किसानों ने कड़ी मेहनत कर फसल को पक्काई की स्थिति में ला दिया. लेकिन उन्हें क्या पता कि मौसम की मार उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेगी. किसान माधवलाल कहार ने बताया कि एक-एक किसान के एक बीघा में 25 हजार से ज्यादा का खर्चा हुआ है. इस वजह से पांच लाख से ज्यादा का नुकसान इन किसानों को हो चुका है. मंगलवार को किसान परिवार के सदस्य पानी में डूबी हुई खरबूजे को निकालने में जुटे हुए हैं और पानी में धोकर बेचने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन अधिकांश फसल डूब जाने से किसानों को गहरा दुख है. वहीं अब मौसम भी ठंडा हो गया है. ऐसे में खेतों से तोड़े गए खरबूजों की बिक्री के जोर पकड़ने की संभावना कम ही है.