चित्तौड़गढ़. जिला प्रशासन की ओर से 12 और 13 मार्च को फोर्ट फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है, हालांकि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए फेस्टिवल की अवधि 3 से घटाकर 2 दिन करने के साथ ही कई कार्यक्रमों में भी कटौती की गई है, लेकिन जो भी आयोजन रखे गए हैं कई मायनों में भी अनूठे होंगे. अब चित्तौड़गढ़ दुर्ग रंग बिरंगी रोशनी से जगमगाता हुआ नजर आएगा और हर पोल पर राजस्थानी लोक संस्कृति की झलक दिखाई देगी.
बता दें कि पर्यटन विभाग सहित अलग-अलग विभागों को आयोजन की अलग-अलग जिम्मेदारी दे दी गई है. इसके साथ ही जिला प्रशासन की ओर से कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के साथ ही विभाग अपनी -अपनी तैयारियों में जुट गए, हालांकि यह फेस्टिवल अभी तक 3 दिन का ही होता रहा है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने इसमें कटौती करते हुए दो दिवसीय आयोजन को मंजूरी दी है.
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वहीं कई प्रकार के कार्यक्रमों को भी कम कर दिया गया है, लेकिन जो दो दिवसीय कार्यक्रम रखे गए हैं वह शहरवासियों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी बहुत ही आकर्षक रहने वाले हैं. ऐसे में 11 से 13 मार्च तक दुर्ग का अधिकांश परकोटा रंग बिरंगी रोशनी से जगमगाता हुआ दिखाई देगा, जोकि यह पहली बार होने जा रहा है.
12 मार्च को इस फेस्टिवल की शुरुआत गोरा बादल स्टेडियम से शोभायात्रा के साथ होगी, जो कि करीब 4 किलोमीटर का फासला नहाते हुए दुर्ग स्थित फतेह प्रकाश संग्रहालय पहुंचेगी. वहां पर पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कई प्रकार की प्रतियोगिताएं होगी. जिनमें रंगोली पतंगबाजी अश्व प्रतियोगिता आदि के साथ- साथ दुर्ग के हर पोल पर राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों के लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देते हुए दिखाई देंगे.
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इस सबंध में जिला कलेक्टर केके शर्मा ने बताया कि इस बार अश्व के साथ-साथ कैमल कंपटीशन भी रखा गया है. इसके अलावा 13 मार्च को सांस्कृतिक संध्या के तहत चित्तौड़गढ़ आर्ट के जरिए नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर के कलाकार अपनी कल्पनाओं को कैनवास पर उतारेंगे.