चित्तौड़गढ़. शहर के पुठोली स्थित हिंदुस्तान जिंक प्लांट की ओर से शहर के आस-पास के विभिन्न क्षेत्रों से टैंकरों में ले जाए जा रहे पानी के विरोध में सोमवार को कलेक्ट्रेट चौराहे पर विरोध-प्रदर्शन किया है. इस दौरान कलेक्ट्रेट चौराहे पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जल है तो कल है का संदेश दिया गया.
बाद में बजरंग दल ने महामहिम राज्यपाल के नाम चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से हिंदुस्तान जिंक की ओर से ले जाए जा रहे पानी पर रोक लगाने की मांग की है.
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जानकारी में सामने आया कि इस वर्ष पेयजल संकट के चलते हिंदुस्तान जिंक चित्तौड़गढ़ शहर और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से पानी खरीद कर प्लांट में ले जा रहा है. ऐसे में भूमिगत जल स्तर गिरने की पूरी संभावना है. इसे देखते हुए चित्तौड़गढ़ के कई संगठन इसके विरोध में हैं और लगातार मांग उठा रहे हैं. इसी क्रम में सोमवार को राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट चौराहे पर विरोध-प्रदर्शन किया है.
जानकारी में सामने आया कि राष्ट्रीय बजरंग दल के जिलाध्यक्ष अमृत माली के नेतृत्व में कार्यकर्ता और पदाधिकारी कलक्ट्रेट चौराहे पहुंचे. यहां जल बचाने के संदेश को लेकर नुक्कड़ नाटक किया. नुक्कड़ नाटक को देखने के लिए कलेक्ट्रेट चौराहे पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. बाद में अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट चौराहे पर हिंदुस्तान जिंक के पुतले की अर्थी निकाली और आग लगा कर पूतला फूंका.
इतना नहीं एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन से भेंट की और ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया कि मानसून की बेरुखी के चलते और जिला परिषद और हिंदुस्तान जिंक की मिली भगत के चलते पानी का दोहन किया जा रहा है. इससे आने वाले दिनों में चित्तौड़गढ़ शहर के लिए भारी पानी की भारी समस्या उत्पन्न हो जाएगी.
ज्ञापन में बताया कि चित्तौड़गढ़ शहर में पेयजल संकट है और 48 घंटे में पेयजल आपूर्ति हो रही है. ऐसे में जिंक में जा रहे पानी पर रोक लगाई जाए. ज्ञापन में बताया कि जितने भी परंपरागत जल स्त्रोत हैं, उन पर भूमिगत पाइप लाइन डाल कर पानी ले जाए जा रहा है. जिस पर रोक लगाई जाए. ज्ञापन में बताया कि जिंक में पानी ओवरलोड ले जा रहे हैं और सड़क टूट रही है.
साथ ही इससे हादसे भी हो रहे हैं, ऐसे में ओवरलोड पानी के परिवहन पर रोक लगाई जाए. साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि हिंदुस्तान जिंक से प्रदूषण और वाहनों से धूल उड़ रही है, इससे आवासीय क्षेत्रों में भारी वाहन जा रहे हैं, इन पर रोक लगाई जाए. ज्ञापन में मांग की गई है कि बेड़च नदी क्षेत्र में जलीय जंतुओं की मृत्यु के बारे में उच्च स्तरीय कमेटी की बना कर स्वतंत्र एजेंसी से जांच की जाए. अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल ने 72 घंटे में पानी के परिवहन पर रोक लगाने की मांग करते हुए अनशन की चेतावनी दी है.