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जिला स्पेशल टीम पर लगा अफीम की मात्रा कम कर लेन देन का आरोप, आईजी तक पहुंचा मामला

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Published : Apr 1, 2021, 12:05 PM IST

चित्तौड़गढ़ जिला स्पेशल टीम की ओर से गत दिनों मादक पदार्थों के खिलाफ की गई कार्रवाई संदेह के घेरे में आ गई है. जिला स्पेशल टीम के खिलाफ शिकायत मिली है कि गत दिनों की गई कार्रवाई में अफीम की मात्रा कम कर के लेन-देन किया गया था. अब इस पूरे मामले की जांच आईजी के निर्देश पर की जा रही है.

opium smuggling case in Chittorgarh, Chittorgarh district special team
जिला स्पेशल टीम पर लगा अफीम की मात्रा कम कर लेन देन का आरोप

चित्तौड़गढ़. जिला स्पेशल टीम की ओर से गत दिनों मादक पदार्थों के खिलाफ की गई कार्रवाई संदेह के घेरे में आ गई है. इस मामले में शिकायत होने के बाद जांच आईजी उदयपुर रेंज की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) उदयपुर को सौंप दी गई है. जिला स्पेशल टीम के खिलाफ शिकायत मिली है कि गत दिनों की गई कार्रवाई में अफीम की मात्रा कम कर के लेन-देन किया गया था. अब इस पूरे मामले की जांच आईजी के निर्देश पर की जा रही है.

जानकारी में सामने आया कि गत 26 मार्च को जिला विशेष टीम के प्रभारी शिवलाल मीणा के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल ललित कुमार, सिपाही लक्ष्मण, राजेश व रामावतार ने हाज्याखेड़ी पुलिया पर एक बाइक सवार डूंगला के आलोद निवासी भैरूलाल अहीर व सेगवा निवासी किशनलाल गाडरी को रुकवा कर बाइक की डिक्की से 2 किलो अफीम बरामद की थी. इन दोनों को गिरफ्तार किया गया और इस मामले की जांच थाना प्रभारी निकुम्भ विनोद मेनारिया को सौंपी गई. इसके बाद जिला स्पेशल टीम ने आलोद गांव में भैरूलाल अहीर के मकान में दबिश दी. यहां बाथरूम से 1 किलो अफीम का घोल बरामद करना बताया था. इस मामले में भैरूलाल के पुत्र ओंकारलाल अहीर को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.

इस मामले की जांच मंगलवाड़ थाना प्रभारी विक्रमसिंह को सौंपी गई थी. इस मामले में आरोप लगा है कि जिला स्पेशल टीम ने ज्यादा अफीम पकड़ी थी, लेकिन अफीम की मात्रा कम से कम 2 किलो ही बताया. शिकायत में लेन-देन का आरोप लगाया गया है. यह लेन देन अफीम की कॉमर्शियल मात्रा को कम करने और परिवार की महिलाओं को आरोपी नहीं बनाने की एवज में रुपए लेने की शिकायत की गई थी.

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इस मामले की शिकायत को गंभीर मानते हुए आईजी उदयपुर सत्यवीर सिंह ने तुरंत ही इन दोनों मामलों की फाइल को तलब कर जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण (उदयपुर) मुकेश को सौंप दी गई है. गौरतलब है कि पुलिस की ओर से किसी भी एजेंसी की ओर से मादक पदार्थ पकड़ने के मामले में कमर्शियल मात्रा तय की गई है. कमर्शियल मात्रा से कम अफीम पकड़े जाने पर जमानत भी जल्दी हो जाती है और न्यायालय से सजा भी कम मिलती है.

तिहाड़ जेल तक में बंद रहा भैरूलाल पहली बार मात्र 2 किलो अफीम के साथ पकड़ा

जानकारी में सामने आया है कि भैरूलाल अहीर शातिर अफीम तस्कर हो लंबे समय से इस अवैध धंधे में लिप्त होकर तिहार जेल तक में बंद रहा है. संभवतया ऐसा पहला मौका आया है कि वह मात्र 2 किलो अफीम में पकड़ा गया हो. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 1999 में पुलिस थाना भदेसर ने 4 किलो अफीम बेचने के आरोप में इसे गिरफ्तार किया था. उक्त प्रकरण में आरोपी निम्बाहेड़ा जेल में रहा.

इसी तरह भीनमाल जालौर में वर्ष 2001 में नारकोटिक्स विभाग की टीम ने 28 किलो अफीम बरामद की थी. उक्त अफीम को बेचने के आरोप में भैरुलाल अहीर को गिरफ्तार किया था. इस के आरोप में जोधपुर जेल में बंद रहा था. वर्ष 2004 में नारकोटिक्स विभाग की टीम ने दिल्ली में 80 किलो अफीम बरामद की थी. उक्त अफीम को बेचने के आरोप में भी नारकोटिस टीम ने इसे गिरफ्तार किया था, जिसमें आरोपी तिहाड़ जेल दिल्ली में 5 वर्ष 6 माह बंद रहा. वर्ष 2010 में जेल से जमानत पर छूट कर बाहर आया था.

इसी तरह नारकोटिक्स ने वर्ष 2013 में ही 13 किलो अफीम बरामद की थी. उक्त अफीम को बेचने के आरोप में आरोपी भैरुलाल व उसके पुत्र ऊकारलाल अहीर को गिरफ्तार किया गया था. दोनों पिता-पुत्र हनुमानगढ़ जेल में बंद रहे थे. इसी तरह वर्ष 2014 में नारकोटिक्स विभाग की टीम ने गोगुंदा, उदयपुर में 205 किलोग्राम अफीम पकड़ी थी, जिसको बेचने के आरोप में भी नारकोटिक्स टीम ने आरोपी भैरुलाल अहीर को गिरफ्तार किया गया था.

उक्त मामले में भी आरोपी 3 वर्ष तक उदयपुर जेल में बंद रहा था. उक्त आरोपी भैरूलाल अहीर विगत 2 दशक से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त है. उक्त अपराधी न्यायालय से जमानत पर छूटने के बाद पुनः अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त हो जाता है.

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