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स्पीकर वासुदेव देवनानी बोले- राम मंदिर संस्कृति का प्रतिक, केंद्रीय नेतृत्व रक्षा के लिए कटिबद्ध

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 31, 2023, 9:56 AM IST

Updated : Dec 31, 2023, 10:19 AM IST

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी हरीसेवा उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर महंत हंसाराम महाराज का आशीर्वाद लेने भीलवाड़ा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने राम मंदिर और सनातन धर्म पर अपनी बात भी रखी.

Vasudev Devnani reached Harisewa Udasin Ashram
हरीसेवा उदासीन आश्रम में पहुंचे वासुदेव देवनानी

हरीसेवा उदासीन आश्रम में वासुदेव देवनानी

भीलवाड़ा. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अपने गुरू और महामंडलेश्वर हंसाराम से शनिवार को आशीर्वाद लिया. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने सनातन धर्म को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि इस समय देश का नेतृत्व सनातन की संस्कृति की रक्षा के लिए कटिबद्ध है, जिससे निरंतर देश आगे बढ़ रहा है. साथ ही उन्होंने कहा की राम मन्दिर केवल मंदिर ही नहीं, हमारी संस्कृति का भी प्रतीक है.

दरअसल, शनिवार को हरीसेवा उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर महंत हंसाराम महाराज का परिसर में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद सहित शहर वासियों ने बड़े हर्ष और उल्लास के साथ जन्म दिवस मनाया था. इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को दिन में शिरकत करनी थी, लेकिन शनिवार को मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण समारोह के कारण विधानसभा अध्यक्ष दिन में नहीं पहुंच पाए. शनिवार देर शाम वासुदेव देवनानी भीलवाड़ा पहुंचे और महामंडलेश्वर को जन्मदिवस की बधाई देते हुए उनका आशीर्वाद लिया. महा मंडलेश्वर ने भी देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद शॉल ओढाकर स्वागत किया. महामंडलेश्वर हंसाराम विधानसभा अध्यक्ष के गुरू भी हैं.

Vasudev Devnani reached Harisewa Udasin Ashram
महामंडलेश्वर हंसाराम से देवनानी ने लिया आशीर्वाद

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500 सालों तक हमने संघर्ष किया : हरी सेवा उदासीन आश्रम में शनिवार शाम भजन संध्या का भी आयोजन हो रहा था. इसमें आए श्रोतागण को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस समय देश का नेतृत्व सनातन की संस्कृति की रक्षा के लिए कटिबंध है, जिससे निरंतर देश आगे बढ़ रहा है. 22 जनवरी को भगवान श्री रामलला गर्भगृह में विराजेंगे, जिससे पूरे विश्व में एक नया अध्याय रचा जाएगा.

राम मंदिर के लिए पिछले 500 वर्षों से हम सबने संघर्ष किया, आज वह संघर्ष परिणाम की ओर बढ़ चुका है. राम मन्दिर केवल मंदिर नहीं है, हमारी संस्कृति का प्रतीक है. हम सब मानते हैं कि भारत विश्व गुरू था. अब धर्म संस्कृति के आधार पर एक बार फिर विश्व गुरू बनेगा.

Last Updated :Dec 31, 2023, 10:19 AM IST
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