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भीलवाड़ा: चने की फसल अच्छी होने से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर

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Published : Dec 8, 2019, 10:27 AM IST

भीलवाड़ा जिले में 45 हजार हैक्टेयर भूमि से अधिक क्षेत्रफल में बोई गई चने की फसल खेतों में लहलहा रही है. ईटीवी भारत ने किसानों के बीच पहुंचकर फसल की स्थिति का जायजा लिया. जहां किसानों ने कहा कि खरीफ की फसल में इस बार ना के बराबर उपज हुई है. लेकिन, रबी की फसल के रूप में अच्छी उपज मिलने की उम्मीद है.

Gram crop Bhilwara, चने की फसल भीलवाड़ा
चने की अच्छी फसल से किसान खुश

भीलवाड़ा. जिले में इस बार मानसून की अच्छी बरसात होने के कारण रबी की फसल की बुवाई करीब-करीब हो चुकी है. जिले में सबसे ज्यादा गेहूं और जौ की फसल की बुवाई हुई है. वहीं उससे कम चने की फसल की बुआई हुई है.

चने की अच्छी फसल से किसान खुश

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 45 हजार हैक्टेयर भूमि में चने की फसल की बुआई हुई है. हाल ही के दिनों में मावठ में कोहरे के कारण खेतों में फसलें अच्छी दिखने लगी है. जहां इस बार किसानों को अच्छी उपज होने की उम्मीद है.

भीलवाड़ा कृषि विभाग के निदेशक डॉ. रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इस बार बरसात अच्छी होने के कारण खेतों में नमी थी. इसलिए जिले में 45 हजार हैक्टेयर भूमि में चने की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है, जो लक्ष्य हमने पूरा कर लिया है.

पढ़ें- जोधपुरः एम्स के दीक्षांत समारोह में भाषण के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने गजेंद्र सिंह शेखावत पर कसा तंज

ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र के तसवारिया गांव पहुंची, जहां किसान बालूराम गुर्जर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि इस बार खरीब की फसल के रूप में मूंग, उड़द, मक्का और कपास की फसल में ज्यादा बरसात होने के कारण ना के बराबर उपज हुई है. लेकिन, अब रबी की फसल के रूप में गेहूं, जो, तारामीरा ,सरसों और चने की फसल बो रखी है. इस बार चने की फसल हाल के दिनों में बरसात होने के कारण अच्छी दिख रही है और उन्हें भी भगवान से उम्मीद है कि इस बार अच्छी पैदावार मिलेगी.

Intro:भीलवाड़ा - हाल ही के दिनों में मावठ व कोहरे के कारण भीलवाड़ा जिले में 45 हजार हेक्टेयर भूमि से अधिक क्षेत्रफल में बोई गई चने की फसल खेतों में लहरा रही है । फसल अच्छी होने से किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है। ईटीवी भारत ने किसानों के बीच पहुंचकर फसल की स्थिति का जायजा लिया। जहां किसानों ने कहा कि खरीफ की फसल में इस बार ना के बराबर उपज हुई है लेकिन रबी की फसल के रूप में अच्छी उपज होने की उम्मीद है।


Body:भीलवाड़ा जिले में इस बार मानसून की अच्छी बरसात होने के कारण रबी की फसल की बुवाई करीब करीब हो चुकी है। जिले में सबसे ज्यादा गेहूं व जौ की फसल की बुवाई हुई है वहीं उससे कम चने की फसल की बुआई हुई है । भीलवाड़ा कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 45 हजार हेक्टेयर भूमि में चने की फसल की बुआई हुई है। हाल ही के दिनों में मावठ में कोहरे के कारण खेतों में फसलें अच्छी दिखने लगी है। जहां इस बार किसानों को अच्छी उपज होने की उम्मीद है ।

भीलवाड़ा कृषि विभाग के निदेशक डॉ रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इस बार बरसात अच्छी होने के कारण खेतों में नमी थी। इसलिए जिले में 45 हजार हेक्टेयर भूमि में चने की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है। जो लक्ष्य हमने पूरा कर लिया है ।

बाईट-रामपाल खटीक
कृषि उपनिदेशक भीलवाड़ा

वही ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र के तसवारीया गांव पहुंची जहां किसान बालूराम गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इस बार खरीब की फसल के रूप में मुग,उड़द मक्का ओर कपास की फसल में ज्यादा बरसात होने के कारण ना के बराबर उपज हुई है। लेकिन रबी की फसल के रूप में हमने गेहूं, जो, तारामीरा ,सरसों और चने की फसल बो रखी है। इस बार चने की फसल हाल के दिनों में बरसात होने के कारण अच्छी दिख रही है और हमारे को भी भगवान से उम्मीद है कि इस बार अच्छी पैदावार होगी। राज तो बिल्कुल मदद नहीं कर रहा है क्योंकि सरकार अगर किसानों की मदद नहीं करेगी तो किसान खड़ा नहीं रह पाएगा। लेकिन अब हमारे को सिर्फ भगवान पर ही आसरा है।

बाईट- बालू राम गुर्जर, किसान

ईटीवी भारत की टीम जब खलियान के बीच पहुंची रखवाली करे किसान के बेटे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि फसल बहुत अच्छी है। नील गायों से हमारे को जरूर परेशानी मिलती है। लेकिन हम यहां झोपड़ी में रह कर हमारी फसल की रखवाली कर रहे हैं। मै यहा मेहनताने के तौर पर रखवाली करता हूं ।

वाकथ्रु - सोमदत्त त्रिपाठी

अब देखना यह होगा कि किसानों का राज्य सरकार से मदद की उम्मीद टुट गई है वही भगवान से उम्मीद है क्या इस बार फसल पर अगर पाला नहीं पड़ता है तो निश्चित रूप से चने की फसल में बंपर पैदावार हो सकती है और किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल सकती है ।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा


Conclusion:
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