भरतपुर. राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग के साथ सोमवार को सैनी आरक्षण संघर्ष समिति के 21 सदस्य प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई. वार्ता में आयोग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर 10 दिन में परीक्षण रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए. वार्ता के बाद प्रतिनिधिमंडल देर रात को आंदोलन स्थल पर पहुंचा. ऐसे में मंगलवार को प्रतिनिधिमंडल आंदोलन स्थल पर समाज के साथ वार्ता कर आंदोलन को स्थगित कर दिया.
संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने माली, सैनी, कुशवाहा समाज का आरक्षण आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की. आज 12वें दिन आंदोलन समाप्त हुआ. इससे पहले सैनी आरक्षण संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा और मुख्य सचिव बदन सिंह कुशवाह ने बताया कि अभी प्रतिनिधिमंडल की आंदोलन स्थल पर समाज के लोगों के साथ वार्ता नहीं हो पाई थी. लिहाजा, मंगलवार को प्रतिनिधि मंडल के सभी 21 सदस्य आंदोलन स्थल पर ओबीसी आयोग के साथ वार्ता हुई.
सैनी आंदोलन अब तक
- सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से 21 अप्रैल को अरोदा में हाईवे पर चक्का जाम कर आंदोलन की शुरुआत की गई.
- 24 अप्रैल को आंदोलनकारियों की मांग पर संयोजक मुरारी लाल सैनी समेत 16 लोगों को जेल से रिहा किया गया.
- 25 अप्रैल को आंदोलन स्थल पर आंदोलनकारी मोहन सैनी ने एक पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.
- 25 अप्रैल को ही जयपुर में प्रतिनिधिमंडल की सरकार से वार्ता हुई और उन्होंने ओबीसी आयोग को चिट्ठी लिखने का आश्वासन भरा एक पत्र प्रतिनिधिमंडल को सौंपा.
- 29 अप्रैल की रात को मोहन सैनी का शव परिजनों को सौंप कर अंतिम संस्कार करा दिया गया.
- 1 मई को सैनी समाज के प्रतिनिधि मंडल की ओबीसी आयोग से वार्ता हुई.
उधर, सैनी आरक्षण आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद कर रखी है. जयपुर आगरा हाईवे पर अरोदा के पास 12वें दिन भी सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी डटे हुए थे.