भरतपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में बड़ा एलान करते हुए प्रदेश में डीग समेत 19 नए जिलों की और 3 संभाग मुख्यालयों की घोषणा कर दी. भरतपुर जिले का हिस्सा और जल महलों के नगरी के रूप में विख्यात डीग को अलग कर अब नया जिला बना दिया है. इससे संभावना जताई जा रही है कि नगर, कामां, पहाड़ी, सीकरी वाला पूरा मेवात क्षेत्र डीग जिले में शामिल कर दिया जाएगा.
ऐसे में नई प्रशासनिक व्यवस्थाओं के तहत मेवात क्षेत्र की आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगने की पूरी संभावना है. वहीं, भरतपुर जिले की सबसे चर्चित डीग-कुम्हेर विधानसभा दो हिस्सों में बंटने से राजनीतिक चुनौतियां भी बढ़ जाएंगी. आगामी विधानसभा चुनावों में कई राजनीतिक दिग्गजों को पसीना बहाना पड़ेगा. असल में भरतपुर मुख्यालय से डीग की दूरी करीब 38 किलोमीटर है, जबकि भरतपुर से कामां की दूरी करीब 61 किलोमीटर है. मेवात क्षेत्रवासियों का कहना था कि प्रशासनिक कार्य कराने के लिए कामां और नगर क्षेत्र के लोगों को लंबा सफर करना पड़ता था.
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इसी के चलते लंबे समय से डीग को जिला बनाने की मांग चलती आ रही थी. कानून व्यवस्था की दृष्टि से माना जाता है कि जब मेवात में कोई अपराध घटित होता है तो भरतपुर मुख्यालय से पुलिस जाब्ता भेजने में काफी वक्त लगता है. ऐसे में अब डीग से कामां की दूरी सिर्फ 23 किलोमीटर रह जाएगी. ऐसी स्थिति में उम्मीद जताई जा रही है कि डीग जिला बनने के बाद मेवात क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने में आसानी होगी.
बढ़ेंगी राजनीतिक चुनौतियां : भरतपुर जिले की डीग-कुम्हेर विधानसभा सबसे चर्चित विधानसभा रही है. विधानसभा चुनावों में डीग-कुम्हेर विधानसभा पर सभी की नजर रहती थी, लेकिन परिसीमन होने पर कुम्हेर को भरतपुर जिले में रखने की ज्यादा संभावना है. ऐसे में डीग और कुम्हेर विधानसभा दो भागों में और अलग-अलग जिलों में शामिल हो जाएगी. डीग-कुम्हेर विधानसभा से विश्वेंद्र सिंह, डॉ. दिगंबर सिंह, हरी सिंह कुम्हेर और डॉ. शैलेश सिंह जैसे प्रत्याशियों के बीच कांटे के मुकाबले रहे हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में डीग-कुम्हेर के प्रत्याशियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. यहां के प्रत्याशियों के सामने कई राजनीतिक चुनौतियां भी आएंगी.