Bharatpur Minor Gangrape: पीड़ित पक्ष का आरोप - जांच अधिकारी ने खुद ही लिखे बयान...

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Published : Aug 6, 2022, 4:16 PM IST

Minor Raped by ACB judge in Bharatpur

भरतपुर में एसीबी जज और लिपिकों के नाबालिग से सामूहिक कुकर्म के मामले (Bharatpur Minor Gangrape) में नया मोड़ सामने आया है. इसमें पीड़ित पक्ष की ओर से अनुसंधान अधिकारी पर एफआईआर के आधार पर खुद ही बयान लिखने का आरोप लगाया है. वहीं जांच अधिकारी ने इस आरोप का खंडन करते हुए जांच सही तरीके से होने की बात कही है. इस पूरे मामले में एक ऑडियो वायरल हो रहा है.

भरतपुर. शहर के बहुचर्चित एसीबी जज के नाबालिग से सामूहिक कुकर्म मामले के पीड़ित पक्ष ने अनुसंधान अधिकारी पर खुद ही बयान लिखने का आरोप लगाया है. पीड़ित की मां ने बताया कि जब उन्होंने अनुसंधान अधिकारी से इस संबंध में बात की तो उन्होंने एफआईआर के आधार पर बयान लिखने की बात कही. साथ ही कहा कि यदि उन्हे बयान की कॉपी चाहिए तो वे कोर्ट से ले सकती हैं. इस पूरे बातचीत का एक ऑडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं पीड़ित की मां ने मामले की आईजी से शिकायत की है. वहीं थाना प्रभारी का कहना है कि पीड़ित पक्ष की ओर से लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं.

पीड़ित नाबालिग की मां ने आईजी को दी लिखित शिकायत में बताया है कि अनुसंधान अधिकारी ने (Minor gangraped by ACB judge in Bharatpur) उनके बयान ही नहीं लिए. वहीं अनुसंधान अधिकारी ने खुद एफआईआर के आधार पर बयान लिखने की बात स्वीकार की है. पीड़ित की मां ने बताया कि अनुसंधान अधिकारी उनके घर जांच करने आए थे, लेकिन उनके बयान नहीं लिए.

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ये है वायरल ऑडियो: बताया जा रहा है कि ऑडियो में पीड़ित की मां ने अनुसंधान अधिकारी से कहा कि आपने क्या बयान लिखे हैं? उसकी एक कॉपी उपलब्ध कराइए. क्योंकि आपने मेरे हस्ताक्षर भी नहीं कराए. इस पर अनुसंधान अधिकारी ने उन्हें कोर्ट से बयान की कॉपी लेने की बात कही. आखिर में अनुसंधान अधिकारी ने पीड़ित की मां से कहा कि आप तफ्तीश बदलवा लो, किसी और अनुसंधान अधिकारी से तफ्तीश करा लो. मैं आप से नहीं जीत पाऊंगा. इस पूरे मामले को लेकर पीड़ित की मां ने आईजी गौरव श्रीवास्तव को लिखित शिकायत दी है. हालांकि ईटीवी भारत किसी ऑडियो की पुष्टि नहीं करता.

यह था मामला : अक्टूबर 2021 में 2 क्लर्क अंशुल सोनी व राहुल कटारा और न्यायाधीश जितेंद्र गुलिया पर नाबालिग के साथ सामूहिक कुकर्म का आरोप लगा था. मामला प्रकाश में आने के बाद पीड़ित परिवार ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. इसके बाद बाल आयोग ने मामले में संज्ञान लिया (Bharatpur Minor Gangrape) और दबाव बढ़ाया, जिसके बाद आरोपी जज और लिपिकों को सस्पेंड कर जेल भेज दिया गया था. फिलहाल तीनों जमानत पर हैं.

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सही हो रही जांच: मथुरा गेट थाना प्रभारी रामनाथ सिंह ने बताया कि पीड़ित पक्ष ने कुछ माह पूर्व मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया था कि कुछ लोग उनके घर पर पहुंच कर उन्हें धमका कर गए हैं. इस मामले को लेकर अनुसंधान अधिकारी एएसआई रतीराम सिंह घर पर मौका रिपोर्ट बनाने गए थे. वहीं थाना प्रभारी का कहना है कि पीड़ित पक्ष की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं और अनुसंधान अधिकारी की ओर से सही तरीके से मामले की जांच की जा रही है.

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