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Fraud Gang Exposed : मोबाइल टावर लगवाने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मेरठ से पकड़ा आरोपी

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 16, 2023, 7:45 AM IST

पुलिस गिरफ्तर में ठग
पुलिस गिरफ्तर में ठग

Fraud Gang Exposed, भरतपुर पुलिस ने मोबाइल टावर लगवाने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गिरोह के एक सदस्य को यूपी के मेरठ से पकड़ा है.

भरतपुर. मोबाइल टावर लगाने के बहाने विभिन्न राज्यों में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए थाना चिकसाना पुलिस ने गिरोह के एक सदस्य को मेरठ (उत्तर प्रदेश) सेे गिरफ्तार किया है. आरोपी मोबाइल टावर लगवाने के लिए प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लोगों से अपने खातों में 3-4 हजार रुपए डलवा लेते और बाद में झांसा देते रहते. गिरफ्तार किए गए आरोपी ने पूछताछ में गिरोह के 6 और आरोपियों की पहचान उजागर की है.

एएसआई कंचन सिंह ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी जनेश पुत्र हरवीर प्रजापत निवासी अहेडा बागपत उत्तर प्रदेश का निवासी है. पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपने गिरोह के अन्य 6 सदस्यों सूरज पुत्र रामवीर गुर्जर निवासी अहेडा, प्रिंस उर्फ छोटा निवासी चोहल्दा निवासी बागपत, राहुल पुत्र आयराम गुर्जर निवासी अहेडा बागपत, मनोज लोधी निवासी मथुरा, सुभम पुत्र दिलेराम प्रजापती निवासी मीरापुर मुजफ्फरनगर हाल देहरादून उतराखंड एवं कपिल पुत्र उदयभान गुर्जर निवासी अहेडा के नामों का खुलासा किया है.

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ऐसे देते थे वारदात को अंजाम : गिरोह के सदस्य ऑनलाइन नौकरी एवं मोबाइल टावर लगवाने का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे जीरो बैलेंस पर खाते खुलवाकर जरिए डाक बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल सिम अपने पास मंगवा लेते थे. उसके बाद उन्हीं मोबाइल नम्बरों का उपयोग करते हुए विभिन्न राज्यों में स्थानीय अखबारों में टावर लगाने के लिए विज्ञापन दिलवाते थे.

विज्ञापन पर फर्जी मोबाइल नंबर लिखवाते थे. विज्ञापन देखकर लोग लालच में आकर आमदनी के लिए अपने घर पर मोबाइल टावर लगवाने केे लिए ऐड में दिए गए मोबाइल नंबरों पर जैसे ही फोन करते, ठग गिरोह केे सदस्य टावर लगाने केे नाम पर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर प्रथम बार 3-4 हजार रुपए फर्जी खातों में ट्रांसफर करवा लेते थे. उसके बाद बार-बार फोन करके टैक्स व विभिन्न चार्जों का बहाना बनाकर मोटी रकम अपने फर्जी खातो में डलवाते रहते थे, साथ ही ठगी के पैसों को विभिन्न जगहों से एटीएम सेे विड्राल कर लेते.

आरोपी सूचना प्रौद्योगिकी के जानकार हैं, इसलिए अपना कोई लीगल डाक्युमेंट या जानकारी या कोई साक्ष्य नहीं छोड़ते हैं. जिसके कारण इन्हें ट्रेस करना आसान नहीं हाेेता है. पीड़ित की संतुष्टी केे लिए आरोपी आन लाइन मोबाइल टॉवर केे संबंध में फर्जी दस्तावेज बनाकर पीड़ित के माबाइल नम्बरों पर भेज देते थे. जिससे पीड़ित व्यक्ति उन पर विश्वास करके उन्हें पैसे डालते रहते थे.

सीएमडी बताकर ठगी : पकड़े गए आरोपी जनेश ने पूछताछ में बताया कि गिरोह के सदस्य अपने आपको मोबाइल टावर कंपनियों में बड़ा अधिकारी बताकर लोगों से ऑनलाइन रुपए डलवाकर ठगी करते. वहीं, फर्जी नाम बताकर लोगाें से वार्ता करते. पकड़े गए आरोपी जनेश ने बताया कि वह अपने आप को टावर कम्पनी में सीएमडी की पोस्ट पर होना व अपना नाम संजीत कुमार अग्नीहोत्री बताता था.

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