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दर्दनाक दास्तां: मोहब्बत में लांघी 'सीमा', पाक में बंदी और अब वतन वापसी की उम्मीद में परिवार...

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Published : Jan 25, 2021, 12:19 PM IST

यह दर्दभरी दास्तां बाड़मेर जिले के भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांव बीजराड़ में रहने वाले गेमराराम के परिवार की है, जो पिछले ढाई महीने से पाकिस्तान की जेल में कैद अपने बेटे गेमराराम की रिहाई की गुहार लगा रहा है. बेटे के इंतजार में परिवार का रो रोकर बुरा हाल है. देखें ये खास रिपोर्ट...

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मोहब्बत में लांघी 'सीमा'...

बीजराड़ (बाड़मेर). मोहब्बत में बदनामी की डर की सजा इतनी भयानक होगी, शायद ना ही गेमराराम को मालूम था, ना ही उनके बुजुर्ग माता-पिता को. यह दर्दभरी दास्तां भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांव बीजराड़ में रहने वाले गेमराराम के परिवार की है, जो पिछले ढाई महीने से पाकिस्तान की जेल में कैद अपने बेटे गेमराराम की रिहाई की गुहार लगा रहा है. बेटे के इंतजार में परिवार का रो रोकर बुरा हाल है. देखें ये खास रिपोर्ट...

बेटे गेमराराम की वतन वापसी के लिए परिवार ने मोदी सरकार से गुहार लगाई है...

दरअसल, 5 नवंबर को गेमराराम अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर गया था. इसी दौरान प्रेमिका के घर वालों ने उसे देख लिया और उसके बाद उसे यह डर सता रहा था कि कोई उसे मार ना दे या उसके घरवालों की बदनामी ना हो, बस इसी डर के चलते वह तारबंदी पार कर सरहद के उस पार पाकिस्तान पहुंच गया.

बेटे को वापस हिंदुस्तान लाया जाए...

अब बुजुर्ग मां-बाप मोदी सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे को वापस हिंदुस्तान लाया जाए, फिर यहां आने के बाद सरकार उसे जो भी सजा दे उन्हें मंजूर है. लेकिन, किसी भी हालत में उसे पाकिस्तानी जेल से रिहा करवाया जाए. पाकिस्तानी जेल में बंद गेमराराम की बुजुर्ग मां अंकु देवी रूदन आवाज में बताती है कि उसका बेटा 4 नवंबर की रात को सो रहा था. सुबह जब देखा तो घर से गायब मिला. उसके बाद कोई जानकारी नहीं थी. 15 नवंबर को बीएसएफ ने बताया कि वह पाकिस्तान चला गया है. परिवार का कहना है कि उसके बाद से ही वह लगातार पुलिस और प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं.

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गेमराराम...

मेरे कलेजे के टुकड़े को ला दो...

मां अंकु देवी कहती है, ''मेरा इतना बुरा हाल है कि 2 महीने से ना तो ठीक से खा रही हूं, ना ही सो पा रही हूं, क्योंकि मेरे कलेजे का टुकड़ा पाकिस्तानी जेल में बंद है. अब तो सरकार से ही उम्मीद है''

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मां के हाथों में बेटे की तस्वीर...

हिंदुस्तान में हर सजा मंजूर...

पिता जुगताराम का कहना है, ''मैं तो बस इतना ही कहूंगा सरकार मेरे बेटे को हिंदुस्तान की सर जमीन पर लाकर जो भी सजा दे, वह मुझे मंजूर है. लेकिन, किसी भी तरीके से पाकिस्तान से उसे रिहा करा दो''

कोई सुनने को तैयार नहीं...

पिता जुगताराम बताते हैं कि 4 नवंबर को उनका बेटा जोधपुर से घर पर आया था. रात को रुका था. उसके बाद पड़ोस के घर पर गया और उसी के बाद से गायब है. थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. दो बार कलेक्टर के पास चले गए, एक बार एसपी साहब के पास चले गए, एक बार सीओ साहब के पास चले गए. लेकिन, 3 महीने का वक्त बीत गया है, कोई सुनने को तैयार नहीं है.

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बेटे की वतन वापसी को लेकर चिंतित परिवार...

मोहब्बत में कर गया सरहद पार...

पूरे मामले में जांच करने वाले अधिकारी जेठाराम बताते हैं कि 16 नवंबर को मामला दर्ज होने के बाद जांच शुरू की. गेमराराम आखिरी बार पड़ोस के ही घर में गया था और उसके बाद गायब हो गया. बीएसएफ की सूचना पर परिवार के लोगों को पता चला कि वह पाकिस्तान में है. परिवार ने मामला दर्ज करवाया. 2 दिन में जांच करने के बाद यह संभावना जताई कि युवक पाकिस्तान चला गया है. सीमा सुरक्षा बल को खत लिखा. मामले की जांच में यह बात सामने आई कि गेमराराम का स्कूल की दोस्त लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था और उसी से मिलने गया था. इसी दौरान लड़की के घरवालों ने देख लिया, तो गेमराराम घर से फरार होकर पाकिस्तान चला गया. दोनों की कॉल डिटेल भी खंगाली है. इस बारे में उच्च अधिकारियों को भी बता दिया है.

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तस्वीर को निहारती गुमसुम मां...

अब मोदी सरकार से आस...

बहरहाल, इस पूरे मामले में तकरीबन 3 महीने का वक्त होने वाला है. लेकिन, गहलोत सरकार के मंत्री से लेकर मोदी सरकार के मंत्री कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. करीबन 3 माह से ये परिवार बार-बार प्रशासन से लेकर नेताओं की ठोकरे खा रहा है. लेकिन, उनके बेटे के वापस आने को लेकर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है. अब परिवार को आखिरी उम्मीद मोदी सरकार से ही बची है.

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