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मिग 21 हादसा: रेगिस्तान के धोरों में रात भर चला मलबे को इकट्ठा करने का ऑपरेशन

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Published : Aug 26, 2021, 12:29 PM IST

बाड़मेर में तिनकों की तरह बिखरे मिग 21 के मलबों को इकट्ठा किया जा रहा है. IAF महकमा पूरी रात तितर बितर हो चुके पुर्जों को समेटने में लगा रहा, लेकिन इस सर्च ऑपरेशन में सुबह तक कुछ खास हासिल नहीं हो पाया. गांव वालों के लिए ये कौतूहल का सबब रहा.

In search of fighter plane parts
रात पर ढूंढते रहे बिखरे पुर्जे

बाड़मेर: बाड़मेर में मिग 21 क्रेश हादसे में मलबा इतना फैला कि वायु सेना को पूरी रात ऑपरेशन चलाना पड़ा. सुबह तक भी बिखरे हुए कलपुर्जों को इकट्ठा नहीं किया जा सका. IAF (भारतीय वायुसेना) महकमा लगातार खेत और उसके आसपास के इलाकों को खंगालता रहा. वायुसेना के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सबसे पहले मुआयना किया, प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत की फिर लड़ाकू विमान के पुरजे एकत्रित करने शुरू किए.
भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान मिग 21 बायसन क्रैश, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश

धोरों पर समेटना कम मुश्किल नहीं

"धोरों की धरती" बाड़मेर पर आसमान से जलता हुआ लड़ाकू विमान गिरा. हादसा खेत में हुआ. ये धोरे ही भारतीय वायुसेना के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं. पुरजों को समेटने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. उत्तरलाई एयरबेस की अधिकारियों के साथ ही दर्जनों कर्मचारी रेत खंगालते रहे. बताया जा रहा है चूंकि इस मामले में सेना की Court Of Inquiry बैठेगी सो हर टुकड़े की जांच गहनता से होगी. ये सुरक्षा दृष्टि से भी अहम है.

पायलट की सूझबूझ से टली बड़ी तबाही

बुधवार, 25 अगस्त को मातासर गांव में मिग क्रेश में पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया था. इस फाइटर प्लेन ने उत्तरलाई से प्रशिक्षण के लिए 15:20 मिनट पर उड़ान भरी थी, और कुछ ही देर में इसमें कुछ तकनीकी खराबी आ गई. पायलट ने विमान की दिशा बदली. गांव की घनी आबादी से दूर विमान को फ्री कर खुद पैराशूट से कूद गया. जहां मिग गिरा उससे करीब दो किमी. दूर पायलट सुरक्षित लैंड कर गया था. मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने पायलट की मदद की. इसके बाद पुलिस और एयरफोर्स के अधिकारी मौके पर पहुंचे.

पहले भी हुआ है मिग क्रैश
ऐसा नहीं है कि बाड़मेर में पहली बार मिग क्रैश हुआ है पिछले 8 सालों में 7 लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हुए हैं. ज्यादातर विमान उत्तरलाई एयरबेस के 20 किलोमीटर में ही क्रैश हो जाते हैं. इनमें मिग-21, mig-27, सुखोई 20 सहित यूएवी शामिल हैं.

वायुसेना ने इलाके को घेरा

मिग 21 हादसे के बाद मौके पर पहुंची सेना ने पूरे इलाके को घेर रखा है. किसी भी शख्स को घटनास्थल पर पहुंचने की इजाजत नहीं दी गई है. केवल खेत के मालिक को जाने दिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वायुसेना बिखरे पुर्जों के साथ ही वहां जमा राख को भी जमा कर अपने साथ ले जा रही है.

खेत मालिक को मिलेगा मुआवजा
ऐसा बताया जा रहा है कि वायु सेना और प्रशासन की ओर से पीड़ित खेत मालिक को मुआवजा भी दिया जा सकता है. इस बाबत वायु सेना के अधिकारियों और जिला कलेक्टर ने खेत मालिक को हुई क्षति का ब्योरा लिया है.

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