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बारां के शाहबाद में टिड्डी दल की दस्तक, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

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Published : Jun 3, 2020, 12:02 PM IST

शाहबाद में टिड्डी दल के प्रवेश से किसान चिंतित है. कृषि विभाग के कर्मचारी और ग्रामीण टिड्डियों को भगाने में जुटे हैं. वहीं अधिकारियों का कहना है कि रात को टिड्डी दल का ठहराव होगा, तभी आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

locust entry into Shahabad, शाहबाद न्यूज
टिड्डियों से किसान परेशान

शाहबाद (बारां). जिले के तलेटी क्षेत्र में टिड्डी दल का झुंड प्रवेश कर गया है. जिसके बाद किसानों को फसल नुकसान की चिंता सता रही है. किसान अब सरकार से टिड्डी को भगाने की मांग कर रहे हैं.

टिड्डियों से किसान परेशान

शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में टिड्डी दल ने दो दिन पहले दस्तक दी थी. उसके बाद कृषि विभाग और जागरूक लोगों ने टिड्डी दल को शाहबाद क्षेत्र की सीमा से खदेड़ दिया था, लेकिन बुधवार को फिर टिड्डी दल शाहबाद क्षेत्र के तलेटी क्षेत्र में दस्तक दे चुका है. इससे कृषि विभाग के अधिकारी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि धान की फसल के लिए और तैयारियां की जा रही हैं. वहीं, अन्य बागवानी और खेती के बगीचे लगे हुए हैं. ऐसे में टिड्डी दल उसको काफी नुकसान पहुंचाएगा.

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उच्च अधिकारियों ने टिड्डी दल को खत्म करने के लिए एक दल भेजा है. जैसे ही टिड्डी दल का रात को ठहराव होगा, उसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. सहायक कृषि अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि शाहबाद क्षेत्र के तलहटी क्षेत्र के कई गांवों में टिड्डी दल मंडरा रहा है. इसको कृषि विभाग के कर्मचारी ग्रामीणों के सहयोग से टिड्डी को भगाने का प्रयास कर रहे हैं.

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साथ ही कीटनाशक दवा का छिड़काव कर टिड्डी दल को खत्म करने की तैयारी चल रही है. अगर टिड्डी दल का खात्मा नहीं हुआ तो आने वाले बरसात की खेती में किसानों के लिए परेशानी पैदा हो जाएगी. इसको लेकर विभाग के उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है. वह भी हरसंभव प्रयास कर टिड्डी दल को खत्म करने की करने में लगे हुए हैं. किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण काम-धंधे चौपट हो गए हैं. अब किसान बरसात की फसल की तैयारी करने में इधर-उधर से खाद बीज की जुगत करने की कोशिश में है. ऐसे में क्षेत्र में टिड्डी दल किसानों के अरमानों पर कहर बनकर टूटता दिख रहा है.

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किसानों का कहना है कि हमारी आजीविका फसलों से ही चलती है. ऐसे में फसलें नहीं होंगी तो किसान कंगाल हो जाएगा. किसानों ने टिड्डी को खत्म करने की मांग की है. जिससे बरसात के समय में होने वाली फसलों से किसानों को अच्छी उपाय मिल सके.

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