बारां. खनन और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया को कांग्रेस ने अंता विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. विधानसभा प्रत्याशी के रूप में भाया का यह पांचवां चुनाव है. भाया ने पहला चुनाव निर्दलीय के रूप में बारां विधानसभा सीट से लड़ा था, लेकिन परिसीमन के बाद यह सीट बदल गई. इसका अधिकांश हिस्सा अंता में चला गया और बारां सीट रिजर्व हो गई. ऐसे में मंत्री प्रमोद जैन भाया अंता से चुनाव लड़ रहे हैं.
भाया ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए जीत का परचम लहराने का दावा किया, साथी कहा कि मैंने जो काम क्षेत्र में किया है, जनता को बखूबी जानकारी है. इसी काम और विकास के बूते जनता मेरा मूल्यांकन करेगी और मुझे उम्मीद है एक बार फिर जनता मुझे आशीर्वाद देगी. टिकट मिलने पर उन्होंने आलाकमान और अन्य नेताओं को धन्यवाद दिया. साल 2000 में प्रमोद जैन भाया उप जिला प्रमुख बने थे. इसके बाद उन्होंने 2003 में कांग्रेस के टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला.
जिसके बाद वे समर्थकों के विश्वास पर निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए, जबकि भाजपा प्रत्याशी प्रेम नारायण गहलोत दूसरे स्थान पर और कांग्रेस प्रत्याशी शिवनारायण नागर तीसरे स्थान पर रहे थे. परिसीमन के बाद इस सीट में बदलाव हो गया. इसके बाद कांग्रेस ने साल 2008 में भाया को अंता सीट से टिकट दिया. इस दौरान उन्होंने भाजपा के दिग्गज और दिवंगत नेता रघुवीर सिंह कौशल को हराया. इसके बाद राजस्थान सरकार में उन्हें सार्वजनिक निर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया था.
2013 में हार गए थे चुनाव, 2018 में फिर जीते : मंत्री भाया का कहना है कि उन्होंने अब तक चार चुनाव लड़े हैं, जिनमें से तीन में उन्हें सफलता मिली है. जबकि एक चुनाव 2013 में बीजेपी के प्रभुलाल सैनी से महज 3400 वोट से हार गए थे. इस हार का बदला भी मैंने 2018 के चुनाव में लिया. मैं करीब 34000 वोट से जीता था. बीते पांच साल बारां जिले के तीनों कांग्रेस विधायक जनता के बीच में रहे हैं. राजनीति के साथ धार्मिक, सामाजिक और मानव सेवा के कार्य हमने किए. धार्मिक स्थलों का जीणोद्धार करवाया है, जबकि भाजपा के नेता सांसद, विधायक और मंत्री भी यहां से रहे, लेकिन विकास के काम नहीं करवा पाए हैं.