अलवर. प्रदेश में कहर बरपा रही लम्पी बीमारी अलवर में भी दस्तक दे चुकी (Lumpy disease in Alwar) है. जिले के तिजरा के पिपलाना गांव, थानागाजी के हरनेर गांव, कोटकासिम के जाटयाना, नीमराणा के पडतापुर व अलवर की शिव कॉलोनी में पशुपालकों की 10 गायों में लंपी बीमारी जैसे लक्षण मिले हैं. इनमें से 8 गायों के सेंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पूरे जिले का सर्वे हो रहा है. ग्रामीणों को जागरूक करने की प्रक्रिया भी जारी है. उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है. गाय और भैंस में लंपी बीमारी के लक्षण नजर आने पर उसको अन्य जानवरों से दूर रखें. खाना देते समय व गाय भैंस के पास जाने के बाद अपने हाथ साबुन से धोएं. अन्यथा संक्रमण अन्य जानवरों में भी फैल सकता है.
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जिला पशु रोग निदान केंद्र के डॉ राजेश चौधरी ने बताया कि अभी तक लंपी की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन एहतियातन सभी गायों की मॉनिटरिंग की जा रही है. पशुपालकों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है. अलवर जिले में लंपी बीमारी से अभी तक एक भी जानवर की मौत नहीं हुई है. अभी तक जिन गायों में लक्षण मिले हैं, वो पशुपालकों की पालतू गाय हैं. गौशाला के स्टाफ को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है. क्योंकि गौशाला में एक जगह पर ज्यादा गाय रहती हैं. सरकार की तरफ से जिन गाय और भैंस को यह बीमारी नहीं हुई है, उनको वैक्सीन लगाने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन अलवर जिले में अभी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. सरकार को वैक्सिंग की डिमांड भेज दी गई है. जहां इस बीमारी का ज्यादा प्रभाव है, उन क्षेत्रों में संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है.
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जैसलमेर में अभियान चला मृत गायों को दफनाया: लंपी स्कीन बीमारी से जैसलमेर में भी अब तक कई गायों की मौत हो चुकी है. क्षेत्र के झाबरा गांव में पिछले कुछ दिनों से दर्जनों गायों की मौत हो चुकी है. मृत गायों को ग्रामीणों ने गांव की ओरण व खाली खेतों में फेंक दिया था, जिसके चलते गंभीर बीमारी फैलने का डर था. इसे देखते हुए झाबरा सरपंच लीला अशोक सिंह ने शुक्रवार को एक अभियान चलाया. इसके तहत मरी गायों को दफनाया गया. सरपंच ने बताया कि इस गंभीर बीमारी से सैंकड़ों गायों की मौत हो चुकी है. कई हजार के करीब गायें बीमार हैं. इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दे दी गई है.