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Health Tips : रीढ़ की हड्डी में दर्द तो हो जाएं अलर्ट, बैड पोस्चर, खराब लाइफस्टाइल के कारण होती है समस्या

रीढ़ की हड्डी शरीर की गतिविधियों और कार्यों को नियंत्रित करने का काम करती है. यह शरीर का मुख्य आधार है. उम्र के साथ रीढ़ की हड्डी में दर्द होना आम बात है, लेकिन आज युवा भी इस समस्या से ग्रसित हैं. Health Tips की सीरीज में जानिए क्यों ये समस्या आज युवाओं में भी हो रही है और कैसे महत्वपूर्ण है रीढ़ ही हड्डी...

Spinal pain has Become Common Problem
Spinal pain has Become Common Problem
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 11, 2023, 4:15 PM IST

Updated : Sep 11, 2023, 4:48 PM IST

रीढ़ की हड्डी में दर्द के उपाय बता रहे डॉक्टर

अजमेर. शरीर का मुख्य आधार रीढ़ की हड्डी होती है. वृद्धावस्था में रीढ़ की हड्डी में समस्या होना आम बात है, लेकिन अब युवाओं को भी रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या होने लगी है. यदि आपको भी रीढ़ की हड्डी में दर्द रहता है तो सावधान हो जाइए, यह खतरनाक भी हो सकता है. जानिए अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. नितिन सनाढय से रीढ़ की हड्डी के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में.

डॉ. सनाढय बताते हैं कि अनियमित जीवन शैली के कारण लोगों में रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं. यूं कहें कि यह समस्या अब आम बन चुकी है. पहले यह समस्या कैल्शियम की कमी के कारण हड्डी का घनत्व कम होने से बुजर्गों में ही देखी जाती थी, लेकिन अब युवाओ में भी रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या देखी जा सकती है. इस समस्या के कारण कई हो सकते हैं. पौष्टिक भोजन के बजाय फास्ट फूड खाना भी अहम कारण है. इसके साथ ही मांसपेशियों में खिंचाव, बैड पोस्चर यानी उठने, बैठने, लेटने का गलत तरीका, स्लिप डिस्क (रीढ़ की हड्डी में गद्दी का खिसकना या किसी हादसे में चोट लगना) आदि कारण शामिल हैं.

पढ़ें. Health Tips: अगर किसी व्यक्ति में दिखे दोहरे व्यक्तित्व के लक्षण तो ये भूत-प्रेत नहीं, बल्कि उसे है ये गंभीर बीमारी, जानें कैसे होगा उपचार

ये है हमारे शरीर का मुख्य आधार : रीढ़ की हड्डी शरीर का मुख्य स्तम्भ है. शरीर के पिछले हिस्से में स्थित एक लंबे और पाइप की तरह इसकी बनावट होती है, जो सिर के निचले हिस्से से होकर कमर के निचले हिस्से तक जाती है. व्यवस्था में रीढ़ की हड्डी की लंबाई 40 सेंटीमीटर और चौड़ाई 2 सेंटीमीटर तक होती है. इसमें कई सारी नसें और सेल्स रहते हैं, जो हमारे दिमाग से पूरे शरीर तक संदेश पहुंचाते हैं. इसको हमारी तंत्रिका प्रणाली का अहम हिस्सा माना जाता है. इसके मुख्य रूप से तीन भाग होते हैं, सर्वाइकल, लम्बर डोर सेल्स और सैक्रल. सर्वाइकल में 7, लम्बर डोर सेल्स में 12 और सैक्रल में 5 भाग होते हैं.

पढे़ं. Health Tips : आंखों में जलन या पलक पर सूजन हो तो नहीं करें नजरअंदाज, Eye Flu संक्रमण के हो सकते हैं लक्षण

इस समस्या में महसूस होते हैं यह लक्षण : डॉ. सनाढय बताते हैं कि लगातार कमर और गर्दन में दर्द रहना, पैरों में झनझनाहट, कमजोरी, जलन होना, ज्यादा दबाव आने पर रोगी को लकवा भी हो सकता है. मेरुरज्जु (स्पाइनल कॉर्ड) की सुरक्षा हड्डी करती है. इसके दबने से समस्या होती है, जिसको स्लिप डिस्क कहते हैं. इसमें रोगी को उठने-बैठने, चलने-फिरने में काफी कष्ट होता है.

यह है उपचार : डॉ. सनाढय बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी में समस्या होने पर रोगी को न्यूरो विटामिन दर्द निवारक और नस पर दबाव कम करने की दवा दी जाती है. रोगी को कुछ आराम मिलने पर उसे उठने, बैठने, लेटने का सही तरीका सिखाया जाता है. इसके अलावा फिजियोथेरेपी, व्यायाम, आईएफटी (इंटरफेयरेशियल थेरेपी) दी जाती है. यदि रोगी में समस्या ज्यादा बढ़ चुकी है तो सर्जरी की जाती है.

रीढ़ की हड्डी में दर्द के उपाय बता रहे डॉक्टर

अजमेर. शरीर का मुख्य आधार रीढ़ की हड्डी होती है. वृद्धावस्था में रीढ़ की हड्डी में समस्या होना आम बात है, लेकिन अब युवाओं को भी रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या होने लगी है. यदि आपको भी रीढ़ की हड्डी में दर्द रहता है तो सावधान हो जाइए, यह खतरनाक भी हो सकता है. जानिए अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. नितिन सनाढय से रीढ़ की हड्डी के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में.

डॉ. सनाढय बताते हैं कि अनियमित जीवन शैली के कारण लोगों में रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं. यूं कहें कि यह समस्या अब आम बन चुकी है. पहले यह समस्या कैल्शियम की कमी के कारण हड्डी का घनत्व कम होने से बुजर्गों में ही देखी जाती थी, लेकिन अब युवाओ में भी रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या देखी जा सकती है. इस समस्या के कारण कई हो सकते हैं. पौष्टिक भोजन के बजाय फास्ट फूड खाना भी अहम कारण है. इसके साथ ही मांसपेशियों में खिंचाव, बैड पोस्चर यानी उठने, बैठने, लेटने का गलत तरीका, स्लिप डिस्क (रीढ़ की हड्डी में गद्दी का खिसकना या किसी हादसे में चोट लगना) आदि कारण शामिल हैं.

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ये है हमारे शरीर का मुख्य आधार : रीढ़ की हड्डी शरीर का मुख्य स्तम्भ है. शरीर के पिछले हिस्से में स्थित एक लंबे और पाइप की तरह इसकी बनावट होती है, जो सिर के निचले हिस्से से होकर कमर के निचले हिस्से तक जाती है. व्यवस्था में रीढ़ की हड्डी की लंबाई 40 सेंटीमीटर और चौड़ाई 2 सेंटीमीटर तक होती है. इसमें कई सारी नसें और सेल्स रहते हैं, जो हमारे दिमाग से पूरे शरीर तक संदेश पहुंचाते हैं. इसको हमारी तंत्रिका प्रणाली का अहम हिस्सा माना जाता है. इसके मुख्य रूप से तीन भाग होते हैं, सर्वाइकल, लम्बर डोर सेल्स और सैक्रल. सर्वाइकल में 7, लम्बर डोर सेल्स में 12 और सैक्रल में 5 भाग होते हैं.

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इस समस्या में महसूस होते हैं यह लक्षण : डॉ. सनाढय बताते हैं कि लगातार कमर और गर्दन में दर्द रहना, पैरों में झनझनाहट, कमजोरी, जलन होना, ज्यादा दबाव आने पर रोगी को लकवा भी हो सकता है. मेरुरज्जु (स्पाइनल कॉर्ड) की सुरक्षा हड्डी करती है. इसके दबने से समस्या होती है, जिसको स्लिप डिस्क कहते हैं. इसमें रोगी को उठने-बैठने, चलने-फिरने में काफी कष्ट होता है.

यह है उपचार : डॉ. सनाढय बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी में समस्या होने पर रोगी को न्यूरो विटामिन दर्द निवारक और नस पर दबाव कम करने की दवा दी जाती है. रोगी को कुछ आराम मिलने पर उसे उठने, बैठने, लेटने का सही तरीका सिखाया जाता है. इसके अलावा फिजियोथेरेपी, व्यायाम, आईएफटी (इंटरफेयरेशियल थेरेपी) दी जाती है. यदि रोगी में समस्या ज्यादा बढ़ चुकी है तो सर्जरी की जाती है.

Last Updated : Sep 11, 2023, 4:48 PM IST
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