ETV Bharat / state

पुष्कर में देव प्रबोधनी एकादशी से पंच तीर्थ स्नान की शुरुआत, पूर्णिमा पर इस राशि के जातक रहें सावधान!

author img

By

Published : Nov 4, 2022, 7:47 AM IST

लाखों लोगों की आस्था के केंद्र पुष्कर सरोवर (Tirtha Raj Pushkar) में आज देव प्रबोधनी एकादशी स्नान (Dev Prabodhani Ekadashi today) के साथ पंच तीर्थ स्नान की शुरुआत होगी, जो पूर्णिमा तक चलेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार समस्त देवी-देवताओं के साथ पुष्कर राज पांच दिनों तक पुष्कर में रहते हैं. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण रहने से श्रद्धालु पुष्कर सरोवर में स्नान व पूजा नहीं कर पाएंगे. ग्रहण के समाप्त होने के बाद ही स्नान व पूजा के लिए मंदिरों के कपाट खुलेंगे. वहीं, चंद्र ग्रहण का असर पूरे भारत में दिखेगा.

Dev Prabodhani Ekadashi today
देव प्रबोधनी एकादशी आज

अजमेर. पुष्कर में कार्तिक माह की एकादशी यानी आज विभिन्न धार्मिक आयोजन व कार्यक्रम होंगे. इस दौरान एकादशी से पूर्णिमा तक श्रद्धालु सरोवर में आस्था की डुबकी लगा (Dip of Faith in Tirtha Raj Pushkar) पूजा-अर्चना करेंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी से पूर्णिमा तक समस्त देवी-देवता पुष्कर राज के साथ 5 दिनों तक पुष्कर में रहते हैं. इन 5 दिनों तक पुष्कर सरोवर के दृश्य देखते बनते हैं.

मान्यता है कि इन पांच दिनों में जो भी श्रद्धालु यहां सरोवर में स्नान के लिए आते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ ही उनके पापों का भी समूल नाश होता है. यही वजह है कि सदियों से श्रद्धालु पुष्कर में पंच तीर्थ स्नान के लिए आते रहे हैं. ज्योतिषाचार्य व तीर्थ पुरोहित पं. कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि सृष्टि यज्ञ से पहले ब्रह्माजी ने पुष्कर में यज्ञ किया था. इस यज्ञ में समस्त देवी-देवता, तीर्थ और नदियां शामिल हुई थी. यही वजह है कि जगतपिता ब्रह्मा के आशीर्वाद से इन 5 दिनों तक यहां समस्त देवी-देवता, (Gods stay in Pushkar for 5 days) ऋषि मुनि के अलावा त्रिदेव विराजते हैं.

देव प्रबोधनी एकादशी आज

चंद्र ग्रहण का असर: पं. कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि 8 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को खंडग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा. आगे उन्होंने बताया कि ज्योतिष व खगोल विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक शाम 5 बजकर 53 मिनट पर प्रारंभ होगा, जो 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. यह चंद्रग्रहण 26 मिनट का होगा. भारत के पूर्वी राज्य असम, मेघालय, सिक्किम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ ही पड़ोसी देश बांग्लादेश और नेपाल में भी खंडग्रास चंद्रग्रहण के दृश्य देखे जाएंगे. जबकि शेष भारत के पश्चिम, दक्षिण व उत्तरी भाग में ये दृश्य मान नहीं होगा. इसके अलावा विदेशों में भी चंद्र ग्रहण प्रभाव रहेगा. खासकर ग्रीनलैंड, उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, मैक्सिको, कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, म्यामार, कोरिया, जापान, मंगोलिया, चीन, रूस, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, ओमान, ईरान, पाकिस्तान, आइसलैंड, फिनलैंड सहित कई देशों में कहीं खग ग्रास तो कहीं खंडग्रास होगा.

इसे भी पढ़ें - Daily Horoscope 4 November: कैसा बीतेगा दिन जानिए अपना आज का राशिफल

चंद्र ग्रहण का इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव: पं. कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि चंद्र ग्रहण का मेष राशि व भरणी नक्षत्र पर पूर्ण प्रभाव है. ऐसे में इस नक्षत्र और राशि के लोग भूलकर भी चंद्र ग्रहण को न देखें, क्योंकि उनके लिए यह अशुभ योग है. मेष, वृषभ, कन्या और मकर राशि वालों के भी चंद्र ग्रहण शुभ नहीं है. ऐसे में इन राशि के जातकों को आज के दिन दान धर्म कर पुण्य अर्जित करना चाहिए. कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों के लिए चंद्र ग्रहण श्रेष्ठ व शुभ योग लेकर आया है तो सिंह, तुला, धनु और मीन राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण का असर मध्यम व सामान्य रहेगा.

आगे उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दर्शन नहीं करनी चाहिए. उन्हें इस समयावधि में ईश्वर का ध्यान व जप करना चाहिए. पंडित दाधीच ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार बालक, वृद्ध और रोगी पर सूतक और ग्रहण का प्रभाव कम रहेगा. पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा के मंदिर में दर्शन, हवन और दान करने से आज के दिन पुण्य फल की प्राप्ति होगी.

मंदिरों के कपाट रहेंगे बंद: पं. दाधीच ने बताया कि सूतककाल से लेकर चंद्र ग्रहण की समाप्ति तक सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. इस दौरान पूजा अर्चना नहीं होगी. आगे उन्होंने कहा कि श्रद्धालु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण के कारण महास्नान नहीं कर पाएंगे. ग्रहण समाप्ति के बाद वो सरोवर में स्नान कर सकेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.