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Cyclone Biparjoy Effect : अजमेर में लैंडस्लाइड, बड़ी चट्टानों के नीचे गिरने की आशंका...खाली करवाए कई मकान

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Published : Jun 21, 2023, 8:17 PM IST

चक्रवाती तूफान बिफरजॉय का दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. पहाड़ी से मोटे पत्थर और मलबा गिरने का मामला सामने आया है, जबकि बड़ी चट्टान गिरने की स्थिति में है. हादसे को टालने के लिए आसपास के मकानों को खाली करवाया जा रहा है. घटना अजमेर के वार्ड नंबर 18 शांतिपुरा नगर रोड पहाड़गंज की है.

Cyclone Biparjoy Effect
खाली करवाए कई मकान

अजमेर. राजस्थान के अजमेर में दो दिन लगातार हुई बारिश ने लोगों को परेशानी में डाल दिया. वहीं, पहाड़ी क्षेत्र से सटी हुई बस्तियों पर खतरा मंडराने लगा है. अजमेर में तारागढ़ पहाड़ी से लैंडस्लाइड होने की घटना सामने आई है. वार्ड नंबर 18 में पहाड़गंज स्थित शांतिपुरा नगर तारागढ़ पहाड़ी से सटा हुआ है. बुधवार को अचानक पहाड़ी से बड़े पत्थर और मलबा नीचे आ गया. जबकि एक बड़ी चट्टान भी नीचे गिरने की स्थिति में है. गनीमत रही कि मलबा और बड़े पत्थर गिरने से जान माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन असली खतरा बड़ी चट्टान को लेकर मंडरा रहा है.

सिविल डिफेंस टीम के इंचार्ज रवि मौके पर मौजूद हैं. एक ओर टीम जहां पहाड़ी के नीचे बने करीब 20 से अधिक मकानों को खाली कराने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ी पर नीचे गिरने की स्थिति में बनी बड़ी चट्टान को हटाने के लिए प्रशासन से सहयोग मांगा है. प्रशासन ने चट्टान को हटाने के लिए हिंदुस्तान जिंक से बातचीत की है. हिंदुस्तान जिंक के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे हैं. संभवत: है बड़ी चट्टान को ब्लास्ट करके हटाया जाएगा. प्रशासनिक अधिकारी देविका तोमर, एडीएम द्वितीय राजेंद्र सिंह समेत कई अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं. इनके अलावा नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी मौके पर मौजूद हैं. हिंदुस्तान जिंक के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है.

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सरकारी स्कूल में की लोगों के रहने की अस्थाई व्यवस्था : अलग-अलग जगहों पर लगभग 15 से अधिक मकान मालिकों को मकान खाली करने के लिए समझाइश की गई है. उन सभी लोगों के नाम-पते दर्ज किए गए हैं. साथ ही पहाड़गंज में सरकारी राजेन्द्र स्कूल में फिलहाल अस्थाई रूप से रहने की उन लोगों की व्यवस्था की गई है. बताया जा रहा है कि पहाड़ी पर अलग-अलग जगहों पर तीन जगह बड़ी चट्टान के खिसकने का अंदेशा है. यदि चट्टानें खिसकती हैं तो पहाड़ों से लुढ़क कर यह नीचे लोगों के घरों को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं. इससे जानमाल का खतरा बना हुआ है.

चट्टानों को ब्लास्ट कर हटाने से पहले नीचे और आरसीसी की दीवार अलग-अलग जगहों पर बनाने को लेकर भी चर्चा की जा रही है. इधर लोग अपना सामान लेकर प्रशासन की ओर से निर्धारित की गई जगह पर जाने की तैयारी कर रहे हैं.

इनका कहना है : एडीएम द्वितीय राजेंद्र सिंह ने बातचीत में बताया कि ब्लास्ट के अलावा चट्टानों को हटाने का और कोई तरीका वहां नहीं है. बड़ी मशीन है, वहां तक नहीं पहुंच सकती है. हिंदुस्तान जिंक के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है. यदि चट्टान को ब्लास्ट करके हटाया जाता है तो मलबा नीचे गिरने से लोगों के मकानों को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में चट्टान को ब्लास्ट करने से पहले नीचे रिटर्निंग वॉल मलबे को रोकने के लिए बनाने का सुझाव आया है. फिलहाल, बातचीत जारी है. लोगों को सरकारी स्कूल में शिफ्ट करने के प्रयास जारी हैं.

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