ETV Bharat / state

अजमेर लोकसभा सीट : भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने किए अपने-अपने जीत के दावे

author img

By

Published : May 1, 2019, 12:12 AM IST

अजमेर लोकसभा सीट पर मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है. ऐसे में दोनों दलों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. मगर यह भी सच है कि जीत का वर्णन तो एक ही करेगा. ऐसे में सबके जहन में सवाल है कि अजमेर का सांसद कौन होगा.

रिजु झुनझुनवाला और भागीरथ चौधरी

अजमेर. अजमेर संसदीय सीट पर कांग्रेस ने भीलवाड़ा के उद्योगपति रिजु झुनझुनवाला को मैदान में उतारा था. वहीं बीजेपी ने किशनगढ़ से दो बार विधायक रहे भागीरथ चौधरी पर दांव खेला था. आर्थिक रूप से दोनों ही उम्मीदवार सक्षम हैं. लेकिन रिजु के लिए सियासत और सियासी जमीन दोनों ही नई थी. वहीं भागीरथ के पास सियासी अनुभव के साथ जातिगत आधार भी है. दोनों प्रत्याशियों में एक समानता है कि दोनों पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.

कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला और भाजपा के भागीरथ चौधरी मीडिया से रूबरू होते हुए

अजमेर लोकसभा सीट का सियासी गुणा भाग
बीते साल 2014 लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी के सांवर लाल जाट ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. उस वक्त मोदी लहर में कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट भी टिक नहीं पाए थे. इसके बाद लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी खोई हुई सीट को फिर से हासिल कर लिया. डॉ. रघु शर्मा ने करीब 72 हजार वोटों से सांवरलाल जाट के पुत्र रामस्वरूप लांबा को शिकस्त दी थी. उस वक्त मोदी की लहर थम चुकी थी. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से कांग्रेस को करारा जवाब दिया. जिले की 8 में से 5 सीटें बीजेपी ने अपने कब्जे में कर ली. साल 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक अजमेर की जनता का मिजाज बदलता हुआ दिखाई दिया. वर्तमान में लोकसभा चुनाव 2019 में जनता का मुड़ किसके पक्ष में होगा. यह सवाल सबके जहन में है. लेकिन उम्मीदवारों के अपनी-अपनी जीत के दावे हैं. अजमेर संसदीय सीट पर हुए चुनाव के मतदान का प्रतिशत 67.01 फीसदी रहा है.

विधानसभा वार मतदान के आंकड़े

  • किशनगढ़- 66.91 प्रतिशत
  • पुष्कर- 69.72 प्रतिशत
  • अजमेर नॉर्थ- 66.46 प्रतिशत
  • अजमेर दक्षिण- 68.25 प्रतिशत
  • नसीराबाद- 69.75 प्रतिशत
  • मसूदा- 65.58 प्रतिशत
  • केकड़ी- 66.91 प्रतिशत
  • दूदू- 65.69 प्रतिशत़

बीजेपी को राष्ट्रवाद तो कांग्रेस को जातीय ध्रुवीकरण पर भरोसा
लोकसभा उपचुनाव के लगभग बराबर मतदान प्रतिशत इस बार लोकसभा चुनाव में रहा है. लोकसभा चुनाव 2014 में मतदान प्रतिशत 68 फीसदी रहा था. यानि की मतदान के आंकड़ों को देखें तो कोई ज्यादा फर्क नजर नहीं आया है. इस बीच दोनों ही राजनीतिक पार्टियों के अपने दावे हैं. चुनाव में स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशियों के गुण-अवगुण पर कहीं कोई बात चुनाव के दौरान नहीं हुई. कांग्रेस ने नई योजना और कांग्रेस प्रत्याशी ने अजमेर में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने और पानी की समस्या हल करने का वादा जरूर जनता के साथ किया था. बीजेपी के राष्ट्रीय वाद के मुद्दे से जो हवा चली उसने आंधी का रूप ले लिया है, जिसे अजमेर भी अछूता नहीं रहा है.

हालात यह है कि कांग्रेस के दिग्गज और चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में कड़ी टक्कर बीजेपी दे रही है. केकड़ी ही नहीं संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभा सीट पर कांग्रेस की स्थिति कमजोर नजर आ रही है. बीजेपी राष्ट्रवाद और जातिवाद के सहारे मजबूत स्थिति में है. वहीं कांग्रेस को जातीय ध्रुवीकरण से उम्मीद है. कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला वैश्य समाज से है. अजमेर में वैश्य मतदाता की संख्या 2 लाख है, जो बीजेपी का वोट बैंक माना जाता रहा है. ऐसे में यदि झुनझुनवाला के पक्ष में वैश्य मतों का ध्रुवीकरण होता है तो यहां नुकसान बीजेपी को होगा. यदि ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा.

Intro:बीजेपी उम्मीदवार भागीरथ चौधरी की बाईट मेल से भेजी गई है।

अजमेर संसदीय सीट पर मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं मगर यह भी सच है कि जीत का वर्णन तो एक ही करेगा ऐसे में सबके जहन में सवाल है कि अजमेर का सांसद कौन होगा ?






Body:अजमेर संसदीय सीट पर कांग्रेस ने भीलवाड़ा के उद्योगपति रिजू झुनझुनवाला को मैदान में उतारा था तो बीजेपी ने किशनगढ़ से दो बार विधायक रहे भागीरथ चौधरी पर दांव खेला था। आर्थिक रूप से दोनों ही उम्मीदवार सक्षम है। लेकिन रिजू के लिए सियासत और सियासी जमीन दोनों ही नई थी। वही भागीरथ के पास सियासी अनुभव के जातिगत आधार भी है। दोनों प्रत्याशियों में एक समानता है कि दोनों पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े हैं।

अजमेर की लोकसभा सीट का सियासी गुणा भाग:-

विगत 2014 लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी के सांवर लाल जाट में भारी अंतर से जीत दर्ज की थी। उस वक्त मोदी लहर में कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट भी टिक नहीं पाए थे। इसके बाद लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी खोई हुई सीट को फिर से हासिल कर लिया। डॉ रघु शर्मा ने करीब 72 हजार करीब वोटों से सांवरलाल जाट के पुत्र रामस्वरूप लांबा को शिकस्त दी थी। उस वक्त मोदी की लहर थम चुकी थी। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से कांग्रेस को करारा जवाब दिया। जिले की 8 में से 5 सीटें बीजेपी ने अपने कब्जे में कर ली। 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक अजमेर की जनता का मिजाज बदलता हुआ दिखाई दिया। वर्तमान में लोकसभा चुनाव 2019 में जनता का मुड़ किसके पक्ष में होगा यह सवाल सबके जहन में है लेकिन उम्मीदवारों के अपने अपने जीत के दावे है। अजमेर संसदीय सीट पर हुए चुनाव मतदान का प्रतिशत 67.01 फीसदी रहा है।

विधानसभा वार मतदान के आंकड़े:-

किशनगढ़- 66.91%
पुष्कर-69.72%
अजमेर नॉर्थ-66.46%
अजमेर दक्षिण-68.25%
नसीराबाद-69.75%
मसूदा-65.58%
केकड़ी- 66.91%
दूदू- 65.69%

बीजेपी को राष्ट्रवाद तो कांग्रेस को जातीय ध्रुवीकरण पर भरोसा:-

लोकसभा उपचुनाव के लगभग बराबर मतदान प्रतिशत इस बार लोकसभा चुनाव में रहा है। लोकसभा चुनाव 2014 में मतदान प्रतिशत 68 फ़ीसदी रहा था। यानी मतदान के आंकड़ों को देखें तो कोई ज्यादा फर्क नजर नहीं आया है। इस बीच दोनों ही राजनीतिक पार्टियों के अपने दावे हैं चुनाव में स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशियों के गुण अवगुण पर कहीं कोई बात चुनाव के दौरान नहीं हुई। कांग्रेस ने नया योजना और कांग्रेस प्रत्याशी ने अजमेर में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने और पानी की समस्या हल करने का वादा जरूर जनता के साथ किया था वहीं बीजेपी प्रत्याशी ने पूरे चुनाव के दौरान मोदी का नाम और राष्ट्रवाद के मुद्दे को था मेरा था यानी चुनाव मोदी और राहुल के बीच होता दिखाई दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय वाद के मुद्दे से जो हवा चली उसने आंधी का रूप ले लिया है जिसे अजमेर भी अछूता नहीं रहा है हालात यह है कि कांग्रेस के दिग्गज और चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के विधानसभा क्षेत्र के कड़ी में कड़ी टक्कर बीजेपी दे रही है केकड़ी ही नहीं संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभा सीट पर कांग्रेस की स्थिति कमजोर नजर आ रही है बीजेपी राष्ट्रवाद और जातिवाद के सहारे मजबूत स्थिति में है वहीं कांग्रेस को जातीय ध्रुवीकरण से उम्मीद है। कांग्रेस प्रत्याशी रिजू झुनझुनवाला वैश्य समाज से है। अजमेर में वैश्य मतदाता की संख्या 2 लाख है जो बीजेपी का वोट बैंक माना जाता रहा है। ऐसे में यदि झुनझुनवाला के पक्ष में वैश्य मतों का ध्रुवीकरण होता है तो यहां नुकसान बीजेपी को होगा। यदि ऐसा नही हुआ तो कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा।


Conclusion:बाइट- रिजू झुनझुनवाला प्रत्याशी कांग्रेस
बाइट- भागीरथ चौधरी प्रत्याशी बीजेपी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.