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Ajmer Crime : स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा में बैठे दो फर्जी अभ्यार्थी गिरफ्तार, ऐसी खुली पोल

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 5, 2023, 10:55 PM IST

अजमेर की सिविल लाइंस थाना पुलिस ने गुरुवार को स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा में बैठे दो फर्जी अभ्यार्थियों को गिरफ्तार किया है. जिनसे पुलिस फिलहाल पूछताछ कर रही है.

Ajmer police arrested two fake candidates
Ajmer police arrested two fake candidates

अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की वर्ष 2022 में हुई स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलाने का मामला सामने आया है. आयोग के सचिव रामनिवास मेहता के निर्देश पर कर्मचारी महेंद्र कुमार ने दो अभ्यर्थियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में शिकायत दी है. आयोग की ओर से थाने में दी गई शिकायत के मुताबिक आरोपी दोनों अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास कर ली, लेकिन दस्तावेज सत्यापन के दौरान जांच में उनकी पोल खुली. वहीं, पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

दोनों आरोपी गिरफ्तार - मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर मोहम्मद खान ने बताया कि आरपीएससी ने सिविल लाइंस थाने में 3 अक्टूबर को शिकायत दर्ज करवाई थी. इससे पहले आयोग ने दोनों आरोपी अभ्यर्थियों को नोटिस भेज कर बुलाया था. आयोग में जब दोनों अभ्यर्थियों से उनके निवास स्थान से संबंधित थाना पूछा गया तो वो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. ऐसे में गुरुवार शाम को दोनों ही आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों के खिलाफ नकल विरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. दोनों आरोपियों की शिनाख्त जालौर निवासी लखाराम और सांचौर निवासी दिनेश कुमार के रूप में हुई है.

ऐसे खुली पोल - दर्ज शिकायत के अनुसार 11 अक्टूबर, 2022 को स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा दो पारियों में आयोजित की गई थी. इसमें सांचौर निवासी दिनेश कुमार को जोधपुर में अनिवार्य विषय के लिए नांदड़ी सेंटर और ऐच्छिक विषय के लिए जालोरी गेट स्थित परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए थे. वहीं, दूसरे आरोपी लखाराम को पहली पारी में जोधपुर में ओलंपिक टावर और दूसरी पारी में पुगला परीक्षा केंद्र आवंटित हुआ था. लखाराम और दिनेश दोनों ही परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए. इतना ही नहीं आयोग में दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में लखाराम और दिनेश बच गए, लेकिन परीक्षा केंद्र में उपस्थित शीट और दोनों आरोपी अभ्यर्थियों की ओर से दस्तावेज सत्यापन के दौरान जमा कराए गए दस्तावेजों की तुलनात्मक जांच की गई तो दस्तावेजों पर दोनों ही अभ्यर्थियों की फोटो अलग-अलग पाई गई.

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आयोग को गड़बड़ी की आशंका लगी और दोनों अभ्यर्थियों को नोटिस भेज कर बुलाया गया. 20 सितंबर को लखाराम और दिनेश नोटिस मिलने के बाद आयोग पहुंचे थे, जहां दोनों से पूछताछ की गई. उनसे उनके गांव के बारे में पूछा गया. जब उनसे उनके गांव से संबंधित थाने के बारे में पूछा गया तो वो एकदम से घबरा गए. ऐसे में 3 अक्टूबर को आयोग सचिव रामनिवास मेहता के निर्देश पर कर्मचारी महेंद्र कुमार ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई. बता दें कि नकल विरोधी कानून में आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपए तक का जमाने का प्रावधान है. इसमें आरोपी की संपत्ति कुर्क भी की जा सकती है. हाल ही में हुई आयोग की आरएएस प्री परीक्षा 2023 से नकल विरोधी नए कानून को लागू किया गया है.

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