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ब्रिक्स देशों के एनएसए ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े नये खतरों और चुनौतियों पर की चर्चा

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Published : Jun 16, 2022, 2:15 PM IST

ब्रिक्स के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने गहन विचार-विमर्श करके बहुपक्षवाद एवं वैश्विक शासन को मजबूत करने जैसे मुद्दों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े नये खतरों और चुनौतियों से निपटने को लेकर आम सहमति जताई.

NSAs of BRICS countries discuss new threats and challenges related to national security
ब्रिक्स देशों के एनएसए ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े नये खतरों और चुनौतियों पर की चर्चा

बीजिंग : ब्रिक्स के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने गहन विचार-विमर्श करके बहुपक्षवाद एवं वैश्विक शासन को मजबूत करने जैसे मुद्दों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े नये खतरों और चुनौतियों से निपटने को लेकर आम सहमति जताई. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल बुधवार को ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और राष्ट्रीय सुरक्षा पर उच्च प्रतिनिधियों की 12वीं बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शामिल हुए.
डोभाल ने पांच देशों के इस समूह की वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए बिना किसी आपत्ति के आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत करने का आह्वान किया. शिन्हुआ समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक, बैठक में नये मोर्चों पर शासन को बेहतर तथा मजबूत बनाने पर भी चर्चा हुई. सभी पक्षों ने 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के सार्थक नतीजों के लिए काम करने की तत्परता जतायी. बैठक में आतंकवाद विरोध और साइबर सुरक्षा पर कार्यकारी समूह के काम की समीक्षा की, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोध और साइबर सुरक्षा सहयोग के लिए योजनाओं तथा रूपरेखों को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने पर सहमति जतायी.

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अधिकारियों ने अधिक समावेशी, प्रतिनिधित्व करने वाले और लोकतांत्रिक वैश्विक इंटरनेट शासन व्यवस्था का आह्वान किया. चीन इस साल ब्रिक्स देशों का अध्यक्ष है और उसे पांच सदस्यीय इस संगठन के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करनी है. ब्रिक्स का वर्चुअल सम्मेलन 23 और 24 जून को होना है. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक यांग जिएची ने अपने संबोधन में मौजूदा वैश्विक सुरक्षा मुद्दों से निपटने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा की गयी वैश्चिक सुरक्षा पहल (जीएसआई) पर जोर दिया.
यांग ने कहा कि ब्रिक्स का जन्म उभरते बाजारों और विकासशील देशों की सामूहिक वृद्धि के एतिहासिक ज्वार में हुआ तथा यह वैश्विक प्रवृत्ति और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की दिशा दर्शाता है. डोभाल ने महामारियों और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के खिलाफ सहयोग जारी रखने की आवश्यकता के बारे में भी बात की. उन्होंने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी), अंतरिक्ष और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को महत्व देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा आईसीटी के इस्तेमाल को रोकने की आवश्यकता है. डोभाल ने ‘लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला’ होने के महत्व पर भी जोर दिया.

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