ETV Bharat / international

अमेरिका में बंद किए जा सकते हैं चीन के अतिरिक्त दूतावास : ट्रंप

author img

By

Published : Jul 23, 2020, 9:40 AM IST

ट्रंप ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि 'जहां तक चीन के ​​अतिरिक्त दूतावासों को बंद करने की बात है, ऐसा किया जा सकता है. हमें लगता है कि जो मिशन हमने बंद किया वहां आग लगी है. पर मुझे लगता है कि वे दस्तावेज और कागजात जला रहे थे. मुझे हैरानी हुई कि ये सब क्या हो रहा है.'

बंद किए जा सकते हैं चीन के अतिरिक्त दूतावास - ट्रंप
बंद किए जा सकते हैं चीन के अतिरिक्त दूतावास - ट्रंप

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के खिलाफ सख्त तेवर अपनाते हुए कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता उनका प्रशासन अमेरिका में चल रहे चीन के अतिरिक्त राजनयिक मिशनों को भी बंद कर सकता है.

ट्रम्प ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि जहां तक ​​अतिरिक्त दूतावासों को बंद करने की बात है, ऐसा किया जा सकता है. हमें लगता है कि जो मिशन हमने बंद किया वहां आग लगी है. पर मुझे लगता है कि वे दस्तावेज और कागजात जला रहे थे. मुझे हैरानी हुई कि ये सब क्या हो रहा है."

इससे पहले बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने चीन पर ह्यूस्टन और टेक्सास में अपने वाणिज्य दूतावास को शुक्रवार तक बंद करने का आदेश दिया. आरोप है कि यह अमेरिका में बड़े पैमाने पर जासूसी और गलत प्रभाव को बढ़ावा देने में वर्षों से लगे हुए थे.

इसी बारे में राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने कहा, "यह सिर्फ अमेरिकी बौद्धिक संपदा की चोरी नहीं है बल्कि यह यूरोपीय बौद्धिक संपदा की भी चोरी है, जिसकी वजह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने अमेरिका में सैकड़ों हजारों अच्छे नौकरियों को चुरा लिया.

पोम्पियो ने कहा कि हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि वह ठीक से व्यवहार करे. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी. हम अमेरिकी लोगों की रक्षा, और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इन कार्रवाईयों को करना पड़ेगा.

अमेरिकी न्याय विभाग ने दो चीनी नागरिकों को जासूसी करने के आरोप में दोषी ठहराया. उनपर आरोप है कि ये कोरोनो वायरस के वैक्सीन और इलाज पर काम करने वाले दुनिया भर के बायोटेक फर्मों के कंप्यूटर नेटवर्क को हैक कर जरूरी जानकारी चुरा रहे थे.

इन हैकर्स की पहचान दो पूर्व कंप्यूटर इंजीनियरों, ली शिओयु और डोंग जियाजी के रूप में की गई है. ये हैकर्स एक अभियान के तहत पिछले दस साल से अबतक हैकिंग कर रहे थे. जिसमें उन्होंने उच्च प्रौद्योगिकी वाले देशों में कंपनियों को निशाना बनाया. इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, लिथुआनिया, नीदरलैंड, स्पेन, दक्षिण कोरिया, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश शामिल हैं.

पढ़ें: स्पीकर सीपी जोशी की एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, पायलट गुट ने भी दाखिल की कैविएट

हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करना, शिनजियांग में मानवाधिकारों का उल्लंघन और दक्षिण चीन सागर में चीन की विस्तारवादी नीति की वाशिंगटन ने तीखी आलोचना की है.

अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क टी ओस्लो ने चीन पर छोटे देशों को धमकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने दक्षिण चीन सागर में चीन की दादगीरी को चुनौती दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.