उदयपुर. जिले के जावर माइंस क्षेत्र में बीते लंबे समय से आदमखोर पैंथर के द्वारा मवेशी और ग्रामीणों पर हमले किए जा रहे थे. जिसे लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश था वन विभाग की अलग-अलग टीमें इसे से पकड़ने के लिए काफी जतन कर रही थी. आखिरकार एक पैंथर को वनकर्मियों ने पिंजरे में कैद कर ही लिया.
क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि क्षेत्र में लगातार पैंथर का मूवमेंट था. सम्भवत भूख के कारण वह सीधा पिंजरे में घुस किया जिसे कैद किया जा सका. गौरतलब है कि क्षेत्र में एक पैंथर ने चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और तकरीबन दो दर्जन लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर चुका था. पैंथर को पकड़ने के लिए कई आला अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा किया था. जिसके बाद पकड़ने के लिए सुनियोजित ट्रैप किया गया.
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वन अधिकारी ने बताया कि पैंथर को पकड़ने के लिए रणनीति बनाई गई थी. इसके लिए चार ट्रेंकुलाइज टीम चितौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद और जयपुर से बुलाई गई थी. तकरीबन 80 से ज्यादा का स्टाफ 24 घण्टे जंगल मे सर्च अभियान में सम्मिलित था. पैंथर की मूवमेंट को कैद करने के लिए 20 ट्रैप कैमरों का भी सहारा लिया गया. वहीं 8 अलग-अलग जगहों पर पिंजरे लगाए गए ताकि किसी भी मूवमेंट पर पैंथर को ट्रैप किया जा सके.
अधिकारियों का कहना है कि अब पैंथर को उदयपुर ले जाया जाएगा. जहां उसके पैरों के नमूने लेकर पूर्व में हुए हमलों के दौरान मिले पगमार्क से मिलान किया जाएगा. पिछले लंबे समय से पैंथर अपना लगातार मूवमेंट बदल रहा था जिसकी वजह से अभी यह कहना मुश्किल है कि पकड़ा गया पैंथर वही आदमखोर है या कोई और पैंथर. वन अधिकारियों के अनुसार जिस पैंथर ने चार लोगों को अपना शिकार बनाया उसके तीन दांत बताए जा रहे हैं. ऐसे में उदयपुर ले जाने के बाद जू के चिकित्सक और विशेषज्ञ ही इसकी जांच के बाद ही पुष्टि करेंगे.
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कैमरा ट्रैप के आधार पर ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही थी. पिछले दिनों पैंथर जहां महिला को घसीट कर लेकर गया था उन दोनों स्थानों पर पिंजरे लगाकर इसे पकड़ने का काम किया गया. पैंथर की उम्र करीब 9 से 10 साल की बताई जा रही है. इस पैंथर का एक दांत भी टूटा हुआ है. हालांकि इसे अभी उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क में रखा गया है. अधिकारी पूरे मामले की जांच में जुटे हुए हैं.