उदयपुर. देश भर में आज महाराणा प्रताप जयंती मनाई जा रही है. इस बीच राज्य सरकार ने उदयपुर जिले के गोगुन्दा स्थित महाराणा प्रताप से संबंधित प्रमुख ऐतिहासिक स्थल मायरा की गुफा के लिए 540.44 लाख की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर मेवाड़ वासियों को एक बड़ी सौगात प्रदान की है. महाराणा प्रताप के शस्त्रागार के रूप में ख्यात मायरा की गुफा के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण से उदयपुर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक (around 6 crores is given to mayra cave by State government) नवाचारों के साथ मेवाड़ के गौरव से लाभान्वित होंगे.
544.40 लाख रुपये की राशि स्वीकृत: जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2021-22 के क्रम में सार्वजनिक निर्माण विभाग, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग और वन विभाग की तरफ से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर वित्त विभाग की ओर से 540.44 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है. इस प्रोजेक्ट के तहत स्वीकृत कार्यो को पर्यटन विकास कोष से करवाए जाने से प्रशासनिक से (around 6 crores is given to mayra ki gufa by State government) वित्तीय स्वीकृति दी गई है.
इन कार्यों के लिए मिली स्वीकृति: कलेक्टर मीणा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत स्वीकृत कार्यों में मायरा की गुफा तक पहुंचने की सुगम यातायात के लिए सड़क निर्माण के कार्य को 3 करोड़ 49 लाख रुपये दिए जाएंगे, वहीं मायरा की गुफा के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के कार्य के लिए 1 करोड़ 54 लाख 13 हजार और मायरा की गुफा क्षेत्र स्थल पर वानिकी कार्यो के लिए 37 लाख 31 हजार रुपये व्यय किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य, सहित पुरातत्व वह संग्रहालय विभाग और वानिकी कार्य वन विभाग की तरफ से यह कार्य करवाया जाएगा.
आकर्षक हेरिटेज गेट और कंपाउंड वॉल बनेगी: कलेक्टर मीणा ने बताया कि मायरा गुफा स्थल पर जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के कार्य के तहत 2 हेरिटेज गेट के निर्माण किए जाएंगे. इसके लिए 40 लाख दिए गए हैं, वहीं 2 टिकट विंडो कक्ष के निर्माण के लिए 14.85 लाख, कंगूरों युक्त कंपाउंड वॉल निर्माण के लिए 73.29 लाख तथा जीर्णोद्धार कार्य के लिए 23.99 लाख की स्वीकृति दी गई है. वानिकी विकास कार्यों में धरोहर स्थल के आसपास जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण पर 17.31 लाख तथा कुल 2 हजार पौधरोपण पर बीस लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं.